
गिरफ्तारी के बाद कई बड़े खुलासे हो चुके हैं. अब इस मामले में ईडी की भी एंट्री हो गई है. एटीएस की एफआईआर के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की है.


प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 9 जुलाई 2025 को ECIR/LKZO/29/2025 दर्ज कर जांच शुरू की है. इसमें मुख्य आरोपी जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा (असली नाम करीमुल्ला शाह) है. वो मधपुर बलरामपुर का रहने वाला है. इसके साथ ही नीतू उर्फ नसरीन भी इसमें शामिल है. आरोप है कि छांगुर शिजरा-ए-तय्यबा नामक किताब, धार्मिक भाषण और मानसिक प्रभाव के जरिए गरीबों, दलितों और हिंदू समुदायों को धर्मांतरण के लिए प्रेरित करता था.
106 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा
चांद औलिया दरगाह से संगठित कार्यक्रम में विदेशी नागरिक भी शामिल होते थे. मुख्य रूप से मध्य-पूर्व देशों से आए फंड के जरिए नेटवर्क को आर्थिक मदद मिलती थी. आरोपी के पास ₹106 करोड़ का खुलासा हुआ है. जमालुद्दीन उर्फ करीमुल्ला शाह ने धार्मिक भ्रम फैलाकर बड़े पैमाने पर जबरन धर्मांतरण कराया. एफआईआर के मुताबिक, छांगुर ने धार्मिक प्रवचनों, शिजरा-ए-तय्यबा नाम की किताब और विदेशी फंडिंग के जरिए खासकर दलितों और गरीब हिंदुओं का धर्मपरिवर्तन कराया.
ज़्यादातर पैसा मिडिल ईस्ट से आया
छांगुर बाबा ने बहराइच-बालरामपुर इलाके में गैरकानूनी तरीके से करीब ₹100 करोड़ की संपत्ति बनाई. कई जमीनों पर बिना अनुमति निर्माण भी करवाया. एटीएस ने 5 जुलाई को उसे और उसकी साथी नीतू उर्फ नसरीन को लखनऊ के एक होटल से गिरफ्तार किया था. पूछताछ में 40 अलग-अलग बैंक खातों में ₹106 करोड़ रुपये का खुलासा हुआ है. ज़्यादातर पैसा मिडिल ईस्ट से आया है.
जल्द छांगुर बाबा को रिमांड पर लेगी ईडी
ईडी ने ATS और जिला प्रशासन से छांगुर बाबा और उसके साथियों की संपत्ति, बैंक अकाउंट और कंपनियों की जानकारी मांगी है. कई बैंकों को ईमेल भेजकर बाबा के खातों की डिटेल भी मंगाई गई है. छांगुर बाबा के अवैध निर्माणों को तोड़ने की कार्रवाई भी जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है. ईडी जल्द छांगुर बाबा को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. फिलहाल, छांगुर बाबा और नीतू उर्फ नसरीन को 7 दिन की रिमांड पर लेकर एटीएस पूछताछ कर रही है.

