कुमाऊं पुलिस ने रचा इतिहास: ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड की दिशा में 914.91 किलो मादक पदार्थों का विधिसम्मत निस्तारण

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रुद्रपुर, उत्तराखंड 9 जुलाई।मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड संकल्प को साकार करने की दिशा में कुमाऊं परिक्षेत्र की पुलिस ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। कुमाऊं परिक्षेत्र में अब तक की सबसे बड़ी और संगठित कार्रवाई के तहत कुल 324 मामलों में जब्त 914.91 किलोग्राम मादक पदार्थों का विधिसम्मत, वैज्ञानिक और पर्यावरणीय मानकों के अनुरूप निस्तारण किया गया। यह निस्तारण ग्लोबल इनवायरनमेंटल सॉल्यूशन, लम्बाखेड़ा (पो. खानपुर, रुद्रपुर) में दहन विधि द्वारा किया गया।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

इस ऐतिहासिक कार्रवाई का नेतृत्व पुलिस महानिरीक्षक कुमाऊं श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल ने किया। उन्होंने न केवल अभियान की स्वयं निगरानी की, बल्कि जिला स्तर तक अधिकारियों से सतत संवाद कायम रखते हुए सुनिश्चित किया कि जब्त मादक पदार्थ वर्षों तक पुलिस मालखानों में पड़े न रहें और न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।

यह कार्रवाई 26 जून, अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के दृष्टिगत विशेष अभियान के तहत की गई। वर्ष 1985, 1995 और 1998 के पुराने मामलों में जब्त मादक पदार्थों सहित 2025 तक के प्रकरणों को चिन्हित कर निस्तारित किया गया। इससे पुलिस मालखानों पर भार कम हुआ और न्यायिक प्रक्रियाओं में तेजी आई।

पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि यह अभियान केवल कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि समाज के प्रति पुलिस की नैतिक जिम्मेदारी और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक मील का पत्थर है। उन्होंने सभी जनपद प्रभारियों को निर्देशित किया कि मादक पदार्थों के निस्तारण की प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी

पिछले वर्षों से तुलना पर नजर डालें तो यह उपलब्धि उल्लेखनीय है

  • वर्ष 2022 में 53 मामलों में 292 किलो
  • वर्ष 2023 में 134 मामलों में 719 किलो
  • वर्ष 2024 में 77 मामलों में 57.699 किलो मादक पदार्थ जब्त हुए थे।
    जबकि वर्ष 2025 में अब तक 324 मामलों में रिकॉर्ड 914.91 किलो मादक पदार्थों का निस्तारण किया गया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि “ड्रग्स फ्री उत्तराखण्ड” के लक्ष्य की दिशा में यह एक ठोस कदम है, जो प्रदेश को नशा मुक्त बनाने के संकल्प को और मजबूत करता है।

इसी बीच, विवेचना की गुणवत्ता सुधारने हेतु डीजीपी उत्तराखण्ड श्री दीपम सेठ ने प्रदेशभर के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक कर गंभीर अपराधों की निष्पक्ष, वैज्ञानिक और समयबद्ध जांच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। डीजीपी ने कहा कि पुलिसिंग एक सतत चुनौती है और सीमित संसाधनों के बावजूद विवेचनात्मक गुणवत्ता को बनाए रखना समय प्रबंधन और सतत पर्यवेक्षण पर निर्भर है।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि

  • विवेचनाओं की नियमित मॉनिटरिंग हो।
  • वैज्ञानिक साक्ष्य, वीडियोग्राफी और इन्वेस्टिगेशन प्लान को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए।
  • नए आपराधिक कानूनों, एनडीपीएस, साइबर अपराध, महिला व बाल अपराध समेत अभियोजन समन्वय पर 3000 विवेचकों को प्रशिक्षण दिया जाए।

कुल मिलाकर, कुमाऊं परिक्षेत्र की इस ऐतिहासिक कार्रवाई ने उत्तराखण्ड को ड्रग्स फ्री बनाने की दिशा में बड़ी छलांग लगाई है। यह न केवल कानून व्यवस्था बल्कि सामाजिक चेतना और पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से भी एक मिसाल कायम करने वाली उपलब्धि मानी जा रही है।



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