हल्द्वानी,पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच की नई कार्यकारिणी का हुकुम सिंह कुंवर ने किया विरोध।नई कार्यकारिणी में हुकुम सिंह कुंवर को पदमुक्त करने पर पर्वतीय समाज में आक्रोश

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Hindustan global Times/ प्रिंट न्यूज़ :शैल ग्लोबल टाइम्स/ अवतार सिंह बिष्ट ,रूद्रपुर उत्तराखंड

पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच कार्यकारणी सदस्यों ने उपनिबंधक सोसाइटी को पत्र लिख कर अवगत कराया है कि,पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच की 6 फरवरी 2024 की कार्यकारणी की बैठक मैं पारित प्रस्ताव संरक्षक हुकम सिंह कुंवर को पद मुक्त करने से हम सहमत नही हैं,यह एक तरफा कार्यवाही है,हुकम सिंह कुंवर 1982 मैं पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच की भूमि के लिए जेल गए थे,कुंवर का पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के लिए बड़ा योगदान है,हम लोग 6 फरवरी02024 के पारित प्रस्ताव से सहमत नही हैं,यह किसी व्यक्ति द्वारा पारदर्शिता की बात करने पर दण्डित करना भर है,पत्र भेजने वालों मैं कार्यकारणी सदस्य कमल जोशी,संदीप भैसोड़ा,लक्षण सिंह मेहरा,बृज मोहन बिष्ट,कैलाश जोशी सामिल हैं,
दूसरी ओर पर्वतीय सांस्कृतिक उत्थान मंच के संरक्षक हुकम सिंह कुंवर ने मंच के अध्यक्ष पर आरोप लगाया है कि वह मंच को एक गिरोह की तरह चलाना चाहते है,जो पर्वतीय समाज को स्वीकार नहीं है,
कुंवर ने कहा कि हमने इनकी 6फरवरी 2024 तथाकथित कार्यकारणी की बैठक मैं पारित प्रस्ताव पद मुक्त करने की एक तरफा कार्यवाही के खिलाप उपनिबंधक सोसाइटी कार्यलय मैं आपत्ति दर्ज की है,जब तक वहां से मामले का निस्तारण नहीं हो जाता इनको पद मुक्त करने का अधिकार नहीं है,
कुंवर ने कहा कि हमने खड़क सिंह को एक कानूनी नोटिस भी दिया है,अभी तक इनका जबाब नही आया,
कुंवर ने कहा कि विगत 40 सालों से मंच के लिए संघर्ष कर रहे है,मंच मैं भारी वित्तीय अनमिताएं की जांच की मांग की है,खड़क सिंह व इनकी कार्यकारणी खुद अवैध है ,ये बताएं इनको किसने चुना है,हमने आजीवन सदस्यों से आम सभा बुलाने की मांग की है,अध्यक्ष खुद 65 साल से जाधा उम्र के है,संविधान मैं उम्र सीमा है,
कुंवर ने कहा कि मंच को संचालित करने वालों को सायद जानकारी नहीं है,किसी पर कभी भी एक तरफा कार्यवाही नही होती है,हमने इनको मानहानि का नोटिस भी दिया है,हम एक अधिवक्ता हैं हम कानून के हिसाब से आगे कार्यवाही करेंगे,कुंवर ने कहा कि वह 1982 मैं छात्र संघ उपाध्यक्ष रहते अपने 122 साथियों के साथ मंच के लिए जेल गए थे,वह राज्य आंदोलनकारी भी है,
कुंवर को एक तरफा पद मुक्त करने पर पर्वतीय समाज को आघात लगा है,इसकी कड़े शब्दों मैं निंदा की है,निंदा करने वालों मैं डॉक्टर बालम सिंह बिष्ट, बृज मोहन सिजवाली,केदार पलड़िया, भुवन तिवारी,पृथ्वीपाल रावत,पंकज सुयाल,रमेश जोशी,भुवन दर्मवाल,मनोज शर्मा,प्रीतम सिंह जीना,प्रेम प्रकाश बिष्ट,योगेश कांडपाल,देवेंद्र मेर,सहित कई लोग सामिल हैं,


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