पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत हरिद्वार से और पूर्व राज्यसभा सदस्य और पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी गढ़वाल (पौड़ी) से चुनाव लड़ेंगे.
त्रिवेन्द्र और बलूनी को दो पूर्व मुख्यमंत्रियों-रमेश पोखरियाल निशंक और तीरथ सिंह रावत की जगह उतारा गया है. निशंक और तीरथ वर्तमान लोकसभा में क्रमशः हरिद्वार और गढ़वाल (पौड़ी) सीटों का प्रतिनिधित्व करते हैं. पूर्व मुख्यमंत्री निशंक ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में हरिद्वार से जीत हासिल की थी. रमेश पोखरियाल निशंक पिछले 33 सालों से लगातार राजनीति में सक्रिय हैं.
तीरथ सिंह रावत ने 2019 में गढ़वाल (पौड़ी) से जीत हासिल की थी. तीरथ चार महीने तक मुख्यमंत्री रहे थे. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले, 2021 में पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया गया था. पार्टी ने तीन अन्य लोकसभा सीटों-नैनीताल-उधम सिंह नगर, टिहरी गढ़वाल और एकमात्र आरक्षित (अनुसूचित जाति) सीट अल्मोड़ा के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी थी. पार्टी ने इन सीटों पर मौजूदा सांसदों क्रमशः रक्षा और पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट, माला राज्य लक्ष्मी शाह और पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा को उम्मीदवार बनाया है.
अनिल बलूनी ने 26 साल की उम्र में अपने राजनीति करियर की शुरू की थी। उन्होंने राज्य के पहले विधानसभा चुनाव 2002 में कोटद्वार सीट चुनाव लड़ने की तैयारी की थी लेकिन उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया था। इस बात से नाराज बलूनी कोर्ट पहुंच गए थे और फिर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2004 में कोटद्वार से उपचुनाव लड़ा। हालांकि, वह हार गए थे। इसके बाद भी उनकी राजनीति से कभी रुचि कम नहीं हुई और हमेशा सक्रिय रहे।
त्रिवेन्द्र सिंह रावत कौन हैं?
त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राजनीति की शुरूआत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से की। 19 साल की उम्र में वह आरएसएस से जुड़ गए। यहीं से त्रिवेन्द्र सिंह ने प्रचारक से मुख्यमंत्री तक का सफर तय किया। 1997 में त्रिवेन्द्र सिंह भाजपा के प्रदेश संगठन महासचिव बने। 2002 में वे फिर भाजपा प्रदेश संगठन के महासचिव बने। रावत लगातार डोईवाला विधानसभा सीट से दो बार चुनाव जीत चुके हैं। त्रिवेन्द्र सिंह रावत 2017 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने थे उन्होंने 4 साल सरकार भी चलाई। जिसके बाद उन्हें साल 2021 में सीएम पद से हटा दिया गया।
बहरहाल, हरिद्वार से उम्मीदवारी मिलना त्रिवेंद्र के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ने के बाद से त्रिवेंद्र को एक राजनीतिक अवसर का इंतजार था। कुछ अवसरों पर संगठन में उन्हें अहम जिम्मेदारी दिए जाने की चर्चाएं गरमाती रहीं। लेकिन हर बार त्रिवेंद्र समर्थकों को मायूस होना पड़ा। 2022 में अपनी पारंपरिक डोईवाला सीट से भी वह चुनाव नहीं लड़ पाए। हालांकि इस सीट पर पार्टी ने उन्हीं के पसंद के चेहरे बीबी गैरोला को मैदान में उतारा था। त्रिवेंद्र के समर्थन से गैरोला चुनाव जीते।
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हालांकि त्रिवेंद्र अपनी राजनीतिक सक्रियता बनाए रहे। उन्होंने धैर्यपूर्वक अवसर का इंतजार किया। पूरे राज्य का दो बार दौरा किया। हरिद्वार चुनाव क्षेत्र में भी उनकी राजनीतिक सक्रियता रही है। हरिद्वार लोस सीट में शामिल डोईवाला में त्रिवेंद्र का तगड़ा प्रभाव और समर्थकों की एक बड़ी फौज है। भाजपा शासित धर्मपुर और ऋषिकेश सीट में भी त्रिवेंद्र का बड़ा प्रभाव माना जाता है। मुख्यमंत्री की भूमिका में त्रिवेंद्र की हरिद्वार जिले में भी काफी सक्रियता रही।
इस दौरान बड़ी संख्या में लोग उनके समर्थन में आए। 2022 में अपनी पारंपरिक डोईवाला सीट से भी वह चुनाव नहीं लड़ पाए थे। हालांकि इस सीट पर पार्टी ने उन्हीं के पसंद के चेहरे बीबी गैरोला को मैदान में उतारा था। त्रिवेंद्र के समर्थन से गैरोला चुनाव जीते। हरिद्वार के राजनीतिक समीकरणों से त्रिवेंद्र भलीभांति वाकिफ हैं। लेकिन राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मोदी मैजिक के साथ त्रिवेंद्र को हरिद्वार के चुनावी समर में काफी पसीना बहाना होगा।
जानिए कौन हैं त्रिवेंद्र सिंह रावत
- जन्म-20 दिसंबर 1960 पौड़ी गढ़वाल में
- शिक्षा श्रीनगर गढ़वाल विश्वविद्यालय से परास्नातक की उपाधि
- पत्रकारिता में डिप्लोमा
राजनीतिक जीवन
- 1979 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े
- 1993 में वह भाजपा के क्षेत्रीय संगठन मंत्री
- 1997 भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री
- 2002 विधानसभा चुनाव में डोईवाला विधानसभा से जीते
- 2007 डोईवाला विस से चुनाव जीते, मंत्री बनें
- 2012 में रायपुर विस से चुनाव हारे
- भाजपा के राष्ट्रीय सचिव रहे, झारखंड व यूपी के सह प्रभारी रहे
- 17 मार्च 2017 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने
- मार्च 2021 में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया
- 2022 के चुनाव पार्टी ने उन्हें डोईवाला से टिकट नहीं दिया
हरिद्वार से मेरा आत्मीय नाता- त्रिवेंद्र
मां गंगा के द्वार हरिद्वार से मेरा आत्मीय नाता रहा है। इसी लोस के डोईवाला विस की जनता ने मुझे विधायक, मंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंचाया। उनका प्यार सदा मेरे साथ रहा। मैंने भी उनके भरोसे को कभी टूटने नहीं दिया। पूरी ईमानदारी और पारदर्शिता से वर्षों तक एक जनसेवक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन किया ताकि कभी भी मेरे कारण उन्हें सिर झुकाना पड़े। पार्टी ने मुझे हरिद्वार लोस की सेवा करने का मौका दिया, इसके लिए पीएम मोदी व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का आभार प्रकट करता हूं।
– त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रत्याशी, भाजपा