होलिका दहन कल, जानिए इस दिन सौभाग्य के लिए क्या करें क्या न करें 2024: रंगों और सामाजिक समरसता का त्योहार होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को बड़े धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन सारे बैर-भाव भुलाकर एक दूसरे को गले लगाया जाता है।

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प्रिंट मीडिया शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर

होली के त्योहार के आरंभ से पूर्व होलिका दहन का विधान किया जाता है जो अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। वैसे तो होलिका दहन पर लोग अलग-अलग उपाय करते हैं परंतु इस खास दिन पर कुछ धार्मिक उपाय हैं जिनको करने से सुख-समृद्धि आती है वहीं इस दिन कुछ काम ऐसे हैं जिनको करने से परहेज करना चाहिए। आइए जानते हैं कि इस दिन क्या करें और क्या न करें।

क्या न करें-
वस्त्रों का रखें ध्यान
ज्योतिष मान्यता है कि होली के दिन फटे, मैले, काले, नीले कपडे पहनने से व्यक्ति की शारीरिक क्षमता व सकारात्मक ऊर्जा का नाश होता हैं। ऐसे कपड़े हमारे तन-मन को शिथिल बनाकर कई प्रकार की बीमारियों को जन्म देते हैं। साथ ही गंदे और फटे वस्त्र दुर्भाग्य लेकर आते हैं, घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता हैं। वहीं होलिका दहन के दिन नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव ज्यादा रहता है इसलिए सफेद रंग के वस्त्र धारण करना भी अशुभ होता है। इस दिन शुभ रंगों के वस्त्र पहनें।

उधार देने से बचें
मान्यता है कि होलिका दहन के दिन किसी को पैसा उधार नहीं देना चाहिए। ऐसा करने से आपको भविष्य में आर्थिक रूप से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

नवविवाहिता न देखें
पौराणिक मान्यता है कि होलिका दहन की अग्नि को जलते हुए शरीर का प्रतीक माना जाता है। इसलिए किसी भी नवविवाहिता को ये अग्नि नहीं देखनी चाहिए, इसे अशुभ माना गया है। इससे उनके दांपत्य जीवन में कड़वाहट घुल सकती हैं।

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हरी लकड़ियां न जलाएं
अक्सर देखा गया है कि बहुत से लोग होलिका दहन के लिए हरे पेड़ों की टहनियां तोड़ लेते है,ऐसा करना किसी भी दृष्टि से शुभ नहीं है। मान्यता है कि इस दिन होलिका दहन के लिए पीपल, बरगद या आम की लकड़ियों का प्रयोग न करें। इस मौसम में इन वृक्षों पर नई कोपलें आती हैं, ऐसे में इन्हें जलाने से नकारात्मकता फैलती है,दोष लगता है। होलिका दहन के लिए गूलर, नीम या अरंड के पेड़ की सूखी लकड़ी या गोबर के कंडों का इस्तेमाल किया जा सकता है।

होली पर क्या करें
दांपत्य जीवन में सुख के लिए
होली का त्योहार राधा-कृष्ण के पवित्र प्रेम से भी जुड़ा हुआ है। पौराणिक समय में श्रीकृष्ण और राधा की बरसाने की होली के साथ ही होली के उत्सव की शुरुआत हुई। इस दिन राधा-कृष्ण की पूजा कर इनको गुलाल लगाने से जीवन में प्रेम और स्नेह बना रहता है।

उत्तम स्वास्थ्य के लिए
स्वास्थ्य की दृष्टि से होलिका दहन के विधानों में आग जलाना, अग्नि परिक्रमा, नाचना, गाना आदि शामिल किए गए है। अग्नि की ताप जहां रोगाणुओं को नष्ट करती है,वहीं शरीर की ऊर्जा और स्फूर्ति कायम रहती है और शरीर स्वस्थ्य रहता है।

अग्नि की पूजा
होली के दिन होलिका दहन से पूर्व अग्निदेव की पूजा का विधान है। अग्निदेव पंचतत्वों में प्रमुख माने जाते हैं जो सभी जीवात्माओं के शरीर में अग्नितत्व के रूप में विराजमान रहते हुए जीवन भर उनकी रक्षा करते हैं।

दिनांक 24 मार्च 2024 दिन रविवार को होलिका दहन किया जाएगा।
24 मार्च 2024 को सर्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है।
होलिका दहन का मुहूर्त
प्रातः 9:57 से रात्रि 11:14 तक भद्रा व्याप्त।
होलिका दहन का समय रात्रि 11:15 से मध्य रात्रि 12:23 मिनट 17 सेकंड तक रहेगा।

होलिका दहन पर उपाय
होलिका दहन पर कुछ उपाय करने से आपके जीवन में बदलाव आ सकते हैं।
1–जिन जातकों को लंबे समय से आर्थिक परेशानियों से जूझना पड़ रहा है उन सभी को घर के मुख्य द्वार पर गुलाल डालकर दो मुखी दीपक जलाने से आर्थिक परेशानियां दूर होंगी।
2–जिन जातकों को लंबे समय से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां ग्रसित कर रही हों उन सभी को होलिका दहन के समय अग्नि के सात फेरे लगाकर होलिका दहन की राख से तिलक करना चाहिए। स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करेंगे।
3– लंबे समय से तनाव से ग्रसित जातकों को होलिका दहन के दिन सफेद वस्तुओं का दान करना शुभ रहेगा इसके अतिरिक्त चंद्र दर्शन करना शुभ फल कारक रहेगा।
4–होली की भस्म का टीका लगाने से दृष्टि दोष तथा प्रेतबाधा से मुक्ति मिलती है।
5–होलिका दहन की अग्नि के दर्शन एवं परिक्रमा करने से राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं


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