एक तरफ बीजेपी जहां सभी सीटों पर जीत के दावे कर रही है। पांचो सीट जीतने के इरादे से मैदान में हैं तो वहीं कांग्रेस इस बार , पोड़ी व टिहरी उत्तराखंड में जनता के मन में क्या है.. इसे लेकर एक सर्वे सामने आया है.
उत्तराखंड के लोगों के मन में क्या है, इसे लेकर हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स द्वारा सर्वे किया है. इस सर्वे में प्रदेश में बीजेपी को छप्पर फाड़ कर समर्थन मिलते दिख रहा है. प्रदेश की जनता बीजेपी पर भरभूर विश्वास जताते दिख रही है. लेकिन अंकित भंडारी हत्याकांड , बेरोजगार संगठन के अध्यक्ष
टिहरी से बॉबी पवार ने पूरा खेल समीकरण बिगाड़ दिया है। इस बार पौड़ी यूकेडी से आशुतोष नेगी पूरे दमखम के साथ उत्तराखंड के जनहित के मुद्दों को लेकर मैदान में है।
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पौड़ी गढ़वाल सीट
इस सीट से बीजेपी ने अनिल बलूनी का मुकाबला कांग्रेस के गणेश गोदियाल से हैं. यहां अनिल बलूनी को 40 फीसद वोट मिलने की संभावना है. जबकि कांग्रेस के खाते में40 फीसद वोट रहेगा. यूकेडी को 10,यूकेडी प्रत्याशी का प्रतिशत बढ़ने पर कांग्रेस के उम्मीदवार को होगा फायदा।
नैनीताल उधमसिंह नगर सीट
नैनीताल उधमसिंह नगर सीट से बीजेपी के अजय भट्ट और कांग्रेस से प्रकाश जोशी मैदान में हैं. यहां अजय भट्ट को 50 फीसद और कांग्रेस को 40 फीसट वोट मिलने की उम्मीद हैं. बाकी अन्य के खाते में हैं. उधम सिंह नगर नैनीताल में मोदी मैजिक कितना चलेगा यह तो चुनाव के परिणाम ही बता पाएंगे।
टिहरी गढ़वाल सीट
इस सीट पर बीजेपी की माला राज्यलक्ष्मी शाह और कांग्रेस के जोत सिंह गुनसोला में मुक़ाबला है. यह कहना अभी की कौन जीतेगा. बॉबी पवार बिगाड़ सकते हैं खेल।
अल्मोड़ा सीट
अल्मोड़ा सीट पर बीजेपी को 50 फीसद और कांग्रेस को 50 फ़ीसद वोट मिल सकते हैं. यहां से बीजेपी के अजय टम्टा मैदान में हैं. कांटे की टक्कर जीत का अंतर कुछ हजार वोटो से होने की उम्मीद।
हरिद्वार सीट
हरिद्वार लोकसभा सीट पर बीजेपी को 50.4 और कांग्रेस को 35.6 फीसद वोट मिल सकते हैं. इस सीट से बीजेपी ने पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को प्रत्याशी बनाया है. तो वहीं निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उमेश कुमार समीकरण को बिगाड़े हुए हैं।
अगर दलित और मुस्लिम वोट बैंक कांग्रेस की तरफ शिफ्ट हुआ तो बीजेपी की मुश्किलें बढ़ जाएगी. यही वजह है कि 11 अप्रैल को खुद इस सीट की घेराबंदी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऋषिकेश में जनसभा को संबोधित करने वाले हैं. यह पहली बार होगा जब प्रधानमंत्री यहां रैली करेंगे.
दरअसल, 14 विधानसभा क्षेत्र वाली हरिद्वार संसदीय सीट की 11 विधानसभाएं हरिद्वार जिले में पड़ती हैं, तो 3 विधानसभाएं देहरादून जिले में है. 14 में से 6 सीट बीजेपी के पास हैं तो शेष 9 सीटों पर कांग्रेस, बसपा और निर्दलीय का कब्जा है. करीब 20 लाख वोटर्स वाली इस सीट पर साढ़े आठ लाख के आसपास मुस्लिम वोट है, जो कभी बसपा तो कभी कांग्रेस के पाले में जाता रहा है. यही वोटर बीजेपी के डर का कारण हैं. इस वोट बैंक को पाले में रखने के लिए ही ताबड़तोड़ ज्वाइनिंग हो रही हैं. हरिद्वार में ऐसे तमाम नेताओं के लिए लाल कारपेट बिछा दिया गया है, जो थोड़ा बहुत भी जनाधार रखते हैं.
इस सर्वे के लिहाज से उत्तराखंड में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिल रहा है । लेकिन जीत आसान नहीं होगी अति उत्साह में भारतीय जनता पार्टी। उत्तराखंड राज्य की मूल अवधारणा जीस मकसद उत्तराखंड राज्य का गठन किया गया था आज भी उन आंदोलनकारीयो के अंदर एक पीड़ा भारी है। 10% आरक्षण का मामला उत्तराखंड राज्य के गठन 24साल बाद भी नहीं हो पाया। अंकित भंडारी हत्याकांड वीआईपी को लेकर लोगों में आक्रोश।
उत्तराखंड में जितने भी उद्योग धंधे या फिर सरकारी गैर सरकारी संस्थान लगे हैं। उसमें उत्तराखंड के मूल निवासियों की उपस्थिति नगण्य है। टिहरी प्रत्याशी बॉबी पवार का मत है कि टिहरी बांध में 1000 करोड़ का प्रत्येक वर्ष टर्नओवर होता है जबकि वहां पर उत्तराखंड के 1000 लोगों को भी रोजगार नहीं मिल पाया। स्मार्ट सिटी के नाम पर उजड़ते परिवारो के अंदर भी कहीं ना कहीं आक्रोश है क्या इसका खामियाजा पार्टी प्रत्याशी को भुगतना पड़ेगा।