टिहरी में टूट पाएगा राजपरिवार का तिलिस्म ?टिहरी लोस सीट पर 11 उम्मीदवारों में से मुख्य मुकाबला भाजपा, कांग्रेस और एक निर्दलीय प्रत्याशी के बीच ही माना जा रहा है। हालांकि, इस सीट पर मतदान प्रतिशत कम होने से राजनीतिक दल अपने-अपने हिसाब से निहितार्थ टटोल रहे हैं, लेकिन लगातार दो बार राजपरिवार की प्रतिनिधि भाजपा प्रत्याशी माला राज्यलक्ष्मी शाह टिहरी की सांसद चुनी गई हैं। सवाल यही है कि इस बार कांग्रेस प्रत्याशी जोत सिंह गुनसोला और निर्दलीय बॉबी पंवार इस सीट पर राजपरिवार का तिलिस्म तोड़ पाएंगे या नहीं।

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गंगा नगरी हरिद्वार में किसकी नैया होगी पार
गंगा नगरी हरिद्वार लोकसभा में किस प्रत्याशी की चुनावी नैया पार होगी। चुनाव मैदान में उतरे 14 उम्मीदवारों में मुख्य मुकाबला भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशी के बीच माना जा रहा है। भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत, कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रावत जो पूर्व सीएम हरीश रावत के बेटे हैं और खानपुर के विधायक निर्दलीय प्रत्याशी उमेश कुमार ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए हैं। जातीय समीकरणों में उलझे इस चुनाव में पिछले चुनाव से कम मतदान के बाद अब सभी उम्मीदवारों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।

हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/ प्रिंट मीडिया शैल ग्लोबल टाइम्स/ अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर
अध्यक्ष उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद

अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ सीट सात में किसके साथ
अल्मोड़ा-पिथौरागढ़ लोकसभा सीट के मतदाताओं ने ईवीएम पर अंगुली दबाकर तय कर दिया है कि समर में उतरे सात उम्मीदवारों में से वह किसके साथ है। इस सीट पर दो बार के सांसद भाजपा प्रत्याशी अजय टम्टा और कांग्रेस के पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है। मतदान के बाद दोनों ही प्रत्याशियों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है।

नैनीताल में 10 में से किसका दिखेगा दम
नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोस सीट पर उतरे 10 प्रत्याशियों में से किसका दम दिखेगा, यह खुलासा चार जून को होने वाली मतगणना से होगा, लेकिन चुनाव प्रचार से लेकर मतदान के दिन तक मैदान में मुख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट और कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी के बीच ही होता दिखा है। दोनों उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं, लेकिन असल तस्वीर तो मतगणना के बाद ही सामने आएगी।

छह प्रतिशत से अधिक घट गया मतदान

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में इस संसदीय क्षेत्र में कुल मतदान 55.17 प्रतिशत था। इस बार यह घटकर 48.81 प्रतिशत रह गया है। मतदान की यह जानकारी अभी अनंतिम है। दूरस्थ क्षेत्रों से आंकड़े उपलब्ध होने के बाद ही तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगी। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पांच विधानसभा क्षेत्रों में मतदान 37 प्रतिशत से 42 प्रतिशत के बीच सिमट गया। देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 37.60 प्रतिशत मतदान हुआ।

लैंसडौन विधानसभा क्षेत्र में भी 39.10 प्रतिशत मतदाताओं ने ही अपने मताधिकार का उपयोग किया। पर्वतीय क्षेत्रों में सर्वाधिक मतदान केदारनाथ विधानसभा क्षेत्र में 55.18 प्रतिशत हुआ। इस लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 14 विधानसभा सीट में बद्रीनाथ को छोड़कर सभी पर भाजपा का कब्जा है। बद्रीनाथ सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुने गए विधायक राजेंद्र भंडारी भाजपा में सम्मिलित हो चुके हैं। अब यह विधानसभा सीट रिक्त है।


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