ऊधमसिंह नगर के निकायों में 74,267 मतदाता, नैनीताल में 19,162, पौड़ी में 11,295, टिहरी में 10,874 मतदाता बढ़े हैं। रुद्रप्रयाग जिले में एक नगर पालिका के मतदाताओं की संख्या उपलब्ध नहीं है। अल्मोड़ा में पांच साल में 1860, बागेश्वर में 5078, चमोली में 1202, चंपावत में 2747, पिथौरागढ़ में 4743, उत्तरकाशी में 864 मतदाता बढ़े हैं। राज्य निर्वाचन आयोग अब 102 में से 93 नगर निकायों में चुनाव की तैयारी में जुटा हुआ है। गौरतलब है कि हाल ही में देहरादून में निकाय चुनाव की वोटर लिस्ट में गड़बड़ियों का आरोप लगा था, जिसके बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची में नाम जोड़ने के लिए सात दिन का विशेष समय दिया है।

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हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/
प्रिंट मीडिया : शैल ग्लोबल टाइम्स/ संपादक ;अवतार सिंह बिष्ट ,रूद्रपुर उत्तराखंड

देहरादून जिले के नगर निकायों में सर्वाधिक 1.27 लाख मतदाता बढ़े हैं।

राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिलों के निकायों में वोटर लिस्ट अपडेशन का काम कराया था, जिसकी रिपोर्ट आयोग को मिल चुकी है। 2018 के मुकाबले 2024 में मतदाताओं की संख्या में दो लाख 447 की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। देहरादून जिले के निकायों में सर्वाधिक 1,27,361 मतदाताओं की बढ़ोतरी हुई है।

5 साल में हरिद्वार जिले में छह निकाय बढ़ गए लेकिन मतदाताओं की संख्या 53 हजार घट गई है। राज्य निर्वाचन आयोग के मतदाता संख्या के ताजा आंकड़ों में ये खुलासा हुआ है। इसके मुताबिक, प्रदेश में पांच साल में मतदाताओं की संख्या में दो लाख का इजाफा दर्ज किया गया है।

पांच साल में निकायों के मतदाताओं की संख्याजिला20182024 अल्मोड़ा31,46033,320 बागेश्वर19,66424742 चमोली50,08751,289 चंपावत29,39332,140 देहरादून8,04,9859,32,346हरिद्वार4,67,4324,14,230नैनीताल,01,4773,20,639पौड़ी1,51,8741,63,169 पिथौरागढ़49,27854,021 टिहरी63,42474,298। ऊधमसिंह नगर5,10,8525,85,119 उत्तरकाशी42,73043,594

पांच साल में किस जिले में कितने निकाय बढ़े

अल्मोड़ा में 2018 में दो नगर पालिका, दो नगर पंचायत थीं। अब दो नगर पालिका, तीन नगर पंचायत हो गए हैं। बागेश्वर में एक नगर पालिका, एक नगर पंचायत से संख्या बढ़कर एक नगर पालिका, दो नगर पंचायत हो गई है। चमोली में चार नगर पालिका, पांच नगर पंचायत की संख्या बरकरार है। चंपावत में दो नगर पालिका व दो नगर पंचायत थी जो तीन नगर पालिका व एक नगर पंचायत हो गई है। देहरादून में दो नगर निगम, तीन नगर पंचायत थी, जो अब दो नगर निगम, चार नगर पालिका, एक नगर पंचायत हो गई है। हरिद्वार जिले में दो नगर निगम, तीन नगर पालिका, चार नगर पंचायत थे जो अब दो नगर निगम, तीन नगर पालिका व 9 नगर पंचायत हो गई है।

नैनीताल जिले में एक नगर निगम, तीन नगर पालिका, तीन नगर पंचायत थे, जिनकी संख्या एक नगर निगम, चार नगर पालिका, दो नगर पंचायत हो गई है। पौड़ी में एक नगर निगम, तीन नगर पालिका, दो नगर पंचायत से बढ़कर दो नगर निगम, दो नगर पालिका, तीन नगर पंचायत हो गए हैं। पिथौरागढ़ में तीन नगर पालिका, दो नगर पंचायत से बदलकर सभी पांच नगर पालिका बन गई हैं।

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प्रिंट मीडिया : शैल ग्लोबल टाइम्स/ संपादक ;अवतार सिंह बिष्ट ,रूद्रपुर उत्तराखंड

रुद्रप्रयाग में एक नगर पालिका, तीन नगर पंचायत से बदलकर एक नगर पालिका, चार नगर पंचायत हो गए हैं। टिहरी में पांच नगर पालिका, पांच नगर पंचायत से बढ़कर छह नगर पालिका, पांच नगर पंचायत हो गए हैं। ऊधमसिंह नगर में दो नगर निगम, सात नगर पालिका, सात नगर पंचायत से बढ़कर दो नगर निगम, सात नगर पालिका, आठ नगर पंचायत हो गए हैं। उत्तरकाशी में तीन नगर पालिका व दो नगर पंचायत बरकरार हैं।

पार्टी मुख्यालय से प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने वर्चुअल बैठक को संबोधित करते हुए

कहा कि निकाय चुनाव हमारी प्राथमिकता है। मतदाता सूची में विसंगतियां पाए जाने के कारण चुनावी प्रक्रिया प्रभावित हुई है जिसको देखते हुए पार्टी और अन्य पक्षों के सुझाव पर आयोग की ओर से सुधार के लिए एक सप्ताह का कैंप लगाया जा रहा है। लिहाजा हम सब को एकजुट होकर प्रयास करना है कि अधिक से अधिक मतदाताओं को सूची में शामिल करवाया जाए।

उन्होंने पार्टी के स्थानीय प्रकोष्ठ को निर्देश दिए कि बूथों की संरचना को दुरस्त करना जरूरी है क्योंकि इनकी संरचना लोकसभा, विधानसभा चुनावों से अलग होती है। बूथ कमेटी की संरचना में प्रत्येक वर्ग का समायोजन सुनिश्चित करना है। इस दौरान उन्होंने सभी विधायकों से भी संगठन के साथ समन्वय बनाते हुए यथाशीघ्र इस पूरी प्रक्रिया को संपन्न कराने का आग्रह किया।

उम्मीदवारी के लिए सभी को आवेदन करना अनिवार्यः महेंद्र भटृ ने कहा कि पार्टी उम्मीदवारों के चयन को लेकर उन्होंने स्पष्ट किया कि शीघ्र ही पर्यवेक्षक की नियुक्त कर जनपदों में भेजा जाएगा लेकिन उससे पहले ही सभी को अभी से एससी, एसटी, ओबीसी, महिला आदि वर्गों के प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए अच्छे उम्मीदवार के नामों पर विचार विमर्श करना चाहिए। हमारा प्रयास होना चाहिए कि विस्तृत चर्चा के बाद सर्वसम्मति से नाम सामने आए। कमेटी बनाकर वार्डों एवं मंडल में पदाधिकारियों की ओर से बैठक की जाएं। उम्मीदवारी के लिए सभी को आवेदन करना अनिवार्य है। जिसपर विस्तृत चर्चा के बाद तय नामों के पैनल पर अंतिम निर्णय स्टेट पार्लियामेंट्री बोर्ड की ओर से लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार की ऐतिहासिक उपलब्धियों के अतिरिक्त बड़े पैमाने पर हुए स्थानीय विकास के काम हमारे पास हैं। अब हमें नगर निकायों से जुड़ी उपलब्धियों को जनता के बीच लेकर जाना है। मीडिया, सोशल मीडिया एवं सार्वजनिक माध्यमों में होने वाली चर्चा के केंद्र में स्थानीय मुद्दों को लेकर आना है।

लोकसभा चुनावों की मेहनत को निकाय चुनावों तक जारी रखना है : अजय कुमार

प्रदेश महामंत्री संगठन अजय कुमार ने निकाय चुनाव को लेकर पार्टी पदाधिकारियों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि लोकसभा चुनावों में की गई मेहनत को हमें निकाय चुनावों तक जारी रखना हैं। इसके लिए बूथ कमेटियां बनाने से लेकर मतदाता सूची में सुधार को हमे अभियान की तरह लेना है। इसके लिए प्रदेश से लेकर बूथ स्तर तक हम सभी को समन्वय बनाते हुए पूर्व की भांति निकाय चुनाव में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है।

इस दौरान प्रदेश महामंत्री आदित्य कोठरी ने सभी लोगों को निकाय चुनाव को लेकर आयोग की प्रक्रिया को लेकर विस्तार से जानकारी देते हुए अब तक की पार्टी की तैयारियों को साझा किया।


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