उत्तराखंड के पौड़ी जिले में वनाग्नि की चपेट में आकर एक महिला की मृत्यु हो गई जबकि प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में धधकते जंगलों के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी को सभी जिलाधिकारियों को एक सप्ताह तक हर दिन वनाग्नि की निरंतर निगरानी करने के निर्देश जारी करने को कहा।

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वहीं, जंगलों में आग लगाने के आरोप में चार व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
पौड़ी के जिला आपदा प्रबंधन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, पौड़ी तहसील के थापली गांव में जंगल में लगी आग शनिवार को अपने खेत तक पहुंचती देखकर एक महिला वहां रखा घास का गट्ठर उठाने गई थी और इसी दौरान वह आग की चपेट में आ गई। केंद्र ने बताया कि महिला की गंभीर हालत को देखते हुए उसे ऋषिकेश स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के लिए रेफर किया गया जहां उपचार के दौरान रविवार तड़के उसकी मौत हो गई।

हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /। प्रिंट मीडिया : शैल ग्लोबल टाइम्स/
संपादक: अवतार सिंह बिष्ट, रूद्रपुर, उत्तराखंड

महिला की पहचान सावित्री देवी (65) के रूप में हुई है। इसी बीच मौसम केंद्र देहरादून के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा कि 7-8 मई से बारिश की संभावना है जो 11 मई से और तेज हो जाएगी। उन्होंने कहा कि यह वनाग्नि को बुझाने में मददगार होगी ।

मुख्यमंत्री ने फोन पर बातचीत करते हुए रतूड़ी से कहा कि वह जिलाधिकारियों को एक सप्ताह तक प्रतिदिन वनाग्नि की निरंतर निगरानी करने के निर्देश तत्काल जारी करें। इसके साथ ही उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को सभी प्रकार के चारे को जलाने पर तत्काल प्रभाव से एक सप्ताह के लिए पूरी तरह से प्रतिबंधित करने के आदेश देने को भी कहा। इसके अलावा, शहरी निकायों को भी अपने ठोस कूड़े को वनों में या उसके आसपास जलाने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा गया है।

मुख्यमंत्री के मुताबिक, उन्होंने प्रदेश में हो रही वनाग्नि की घटनाओं के बारे में शनिवार को अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की थी जिसमें उन्होंने अधिकारियों को आपस में सामंजस्य स्थापित करते हुए एक ऐसा तंत्र बनाने को कहा है जिससे जल्दी से जल्दी इस पर काबू पाया जा सके। उन्होंने सभी प्रदेशवासियों से भी वनों को बचाने के लिये अपना पूरा सहयोग देने की अपील की।


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