


पिछले साल 14 नवंबर को कपाट बंद किया गया था. मंदिर को करीब 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया है. पहले दिन दर्शन के लिए लगभग 20 हजार से ज्यादा लोग पहुंचे हैं. रात से ही हल्की बारिश हई. मौसम विभाग ने 11 से 13 मई तक बारिश और बर्फबारी का अलर्ट जारी किया था.


हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/ प्रिंट मीडिया शैल ग्लोबल टाइम्स/ अवतार सिंह बिष्ट, रूद्रपुर उत्तराखंड

बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित है. मंदिर समुद्र स्तर से 3,133 मीटर की ऊंचाई पर है. मंदिर में भगवान विष्णु की बद्रीनारायण स्वरूप की 1 मीटर की मूर्ति स्थापित है. कहा जाता है कि भगवान विष्णु ध्यान करने के लिए एक शांत और प्रदूषण मुक्त जगह की तलाश में यहां पहुंचे थे. इतिहास के मुताबिक बद्रीनाथ धाम को आदि शंकराचार्य ने 9वीं शताब्दी में स्थापित किया था. आदि शंकराचार्य ने ही अलकनंदा नदी से बद्रीनाथ की मूर्ति निकाली थी.
कैसे पहुंचे बद्रीनाथ धाम
बद्रीनाथ धाम उत्तराखंड के दुर्गम पहाड़ियों में स्थित है. यहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग सबसे बेहतर ऑपशन है. बद्रीनाथ धाम तक सड़क बना हुआ है. आईएसबीटी कश्मीरी गेट से हरिद्वार, ऋषिकेश और श्रीनगर के लिए बसें जाती हैं. देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, श्रीनगर, चमोली से बद्रीनाथ के लिए बसें और टैक्सी आसानी से मिल जाती है. अगर आप अपनी नीजी वाहन से जाना चाहते हैं तो दिल्ली से बद्रीनाथ पहुंचने में 12 से 15 घंटे का समय लग सकता है.
बद्रीनाथ से निकटतम रेल स्टेशन ऋषिकेश है. ऋषिकेश से बद्रीनाथ 295 किमी की दूरी पर है. हवाई मार्ग की बात करें तो जॉली ग्रांट हवाई अड्डा बद्रीनाथ का निकटतम हवाई अड्डा है. यहां से बद्रीनाथ की दूरी 314 किमी है. हवाई अड्डे से बद्रीनाथ के लिए टैक्सी आसानी से मिल जाती है.
