रूद्रपुर 14 मई, 2024/ नैदानिक स्थापन अधिनियम 2010 एवं उत्तराखण्ड नियमावली(रजि0 एवं विनियमन) 2015 के क्रियान्वयन व निजी चिकित्सालयों के स्थायी व अस्थायी पंजीकरण अथवा नवीनीकरण हेतु अपर जिलाधिकारी पंकज उपाध्याय की अध्यक्षता में जिला रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण की महत्वपूर्ण बैठक जिला कार्यालय सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में अपर जिलाधिकारी ने कहा कि चिकित्सा सेवा मानव जीवन से संबंधित है, इसलिए चिकित्सालयों में मानकों के अनुसार व्यवस्थाएं सुनिश्चित हों ताकि मरीज को उचित उपचार मिल सके। उन्होने कहा कि मानव स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि एक्ट में उल्लिखित पद्धतियों के आधार पर ही चिकित्सा संस्थानों के पंजीकरण किये जाये।अपर जिलाधिकारी ने कहा कि चिकित्सालय जनता के लिए होते हैं इसलिए पंजीकरण मानकों व सुविधाओं के अनुसार किया जाये। चिकित्सालयों में सेवा देेने वाले सभी कार्मिक सेवा की पात्रता अवश्य रखते हों ताकि मरीज को स्वास्थ्य की उचित सेवा मिल सके। उन्होंने कहा कि जनपद में अपंजीकृत चिकित्सकों(झोलाछाप) द्वारा अवैध रूप से संचालित क्लीनिकों, पैथोलॉजी लैबों तथा ऐसे पंजीकृत क्लीनिकों, चिकित्सालय जो नियम विरूद्ध कार्य कर रहे हैं की संयुक्त टीम चिकित्साधिकारी, उपजिलाधिकारी, पुलिस, अन्य सदस्यों द्वारा छापेमारी की जाए, छापेमारी जांच दौरान फोटो एवं वीडियोग्राफी करते हुए उपकरण, दवाएं आदि सील किये जाएं व पुख्ता जांच आख्या बनाकर क्लीनिक को सीज किया जाए व प्राथमिकी भी दर्ज की जाए। उन्होंने कहा कि सभी चिकित्सालयों, क्लीनिकों में एस.टी.पी. के साथ ही बायोमेडिकल वेस्ट मानकों के अनुसार किया जाए।उन्होंने कहा कि सरकारी चिकित्सालयों में उचित व्यवस्थाएं जैसे साफ-सफाई, बिस्तर, शौचालय, आवश्यक उपकरणों की उचित व्यवस्थाएं करते हुए संचालित किए जाएं ।

Spread the love

चिकित्साधिकारी नियमित चिकित्सालयों का अवश्य निरीक्षण करें ताकि उचित व्यवस्थाएं बनी रहें।

हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/ प्रिंट मीडिया शैल ग्लोबल टाइम्स/ अवतार सिंह बिष्ट, रूद्रपुर उत्तराखंड


मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. मनोज कुमार शर्मा ने बताया कि जनपद में कुल 706 चिकित्सालय, क्लीनिक, पैथोलॉजी लैब पंजीकृत हैं जिसमें से 202 स्थायी व 504 अस्थायी रूप से पंजीकृत हैं। उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रीकरण प्राधिकरण को 129 चिकित्सालय, क्लीनिक, पैथोलॉजी लैब पंजीकरण हेतु प्राप्त हुए है, जिसमें से 87 अस्थायी व 42 स्थायी पंजीकरण अथवा नवीनीकरण हेतु आवेदन प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में नैदानिक स्थापन अधि0 2010 व 2015 के अन्तर्गत 32 अवैध चिकित्सालय, क्लीनिक, लैब, झोलाछाप क्लीनिक संचालकों के खिलाफ कार्यवाही करते हुए 7.60 लाख जुर्माना आरोपित किया गया।

बैठक में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. हरेन्द्र कुमार मलिक, डॉ. नितिन कुमार, डॉ. आलोक कुमार शुक्ला, डॉ. टी0 पूजा, डॉ. खेमपाल, डॉ. महेश चन्द्र जोशी, डॉ. आर. के. दुबे, डॉ अभिलाष पाण्डे, डॉ. संजय, डॉ. अमरजीत सिंह, डॉ. पी. डी. गुप्ता, डॉ. सतीश, डॉ. पवन कक्कड़, आई.एम. ए. के उमेश तिवारी सहित अनेक चिकित्साधिकारी उपस्थित थे।


Spread the love