लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाले विधानसभा क्षेत्रों के मतदान प्रतिशत के आंकड़ों के आधार पर देखें तो दोनों ही प्रमुख दलों भाजपा व कांग्रेस के खेमों में उत्साह, बेचनी जैसी तस्वीर दिखती है। इस संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत भाजपा के आठ और कांग्रेस के छह विधायक हैं। ऐसे में इनके कौशल की परीक्षा भी इस चुनाव में होने जा रही है।
भाजपा के दृष्टिकोण से देखें तो वर्तमान में वह विधानसभा की लालकुंआ, भीमताल, नैनीताल, कालाढूंगी, काशीपुर, गदरपुर, रुद्रपुर, सितारगंज सीटों का प्रतिनिधित्व कर रही है। यूं कहा जाए कि इन विस क्षेत्रों में अमूमन भाजपा का दबदबा रहता है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।
इन सीटों पर सितारगंज में सर्वाधिक 71.44 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि अन्य में 51.66 से 69.46 प्रतिशत तक। रुद्रपुर, सितारगंज व गदरपुर में ओबीसी व बंगाली समुदायों की अच्छी-खासी संख्या है और भाजपा मानकर चल रही है कि इन वर्गों का उसे भरपूर समर्थन मिला है। इससे वह उत्साहित भी है। यद्यपि, इन क्षेत्रों में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की भी ठीकठाक संख्या है। भाजपा की बेचैनी इस बात को लेकर है कि कांग्रेस ने इस वोट बैंक में कितनी सेंध लगाई।
हल्द्वानी, जसपुर, बाजपुर, किच्छा, नानकमत्ता व खटीमा विधानसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व कांग्रेस कर रही है। इन क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत 59.27 से 66.03 प्रतिशत तक रहा है। यही नहीं, हल्द्वानी, जसपुर, बाजपुर क्षेत्रों में मुस्लिम मतदाता भी काफी तादाद में हैं। इन्हें कांग्रेस का परंपरागत वोट बैंक माना जाता है। पूर्व में हुए किसान आंदोलन का लाभ मिलने की आस भी कांग्रेस लगाए बैठी है। यद्यपि, ओबीसी व अन्य वर्गों को लेकर उसमें बेचैनी भी है। अब जबकि चुनाव परिणाम की घड़ी नजदीक है तो किसे क्या मिला, इसे लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी।
लोकसभा चुनाव में विस क्षेत्रवार मतदान
विस क्षेत्र, मत प्रतिशत
लालकुआं, 61.43
भीमताल, 56.39
नैनीताल, 51.66
हल्द्वानी, 59.27
कालाढूंगी, 60.37
जसपुर, 65.97
काशीपुर, 58.29
बाजपुर, 62.87
गदरपुर, 69.46
रुद्रपुर, 62.01
किच्छा, 63.88
सितारगंज, 71.44
नानकमत्ता, 66.03
खटीमा, 65.02