राज्य आंदोलनकारियों को पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर रोका, धक्कामुक्की के बाद धरने पर बैठे, चिन्हीकरण और क्षैतिज आरक्षण जैसे मुद्दे भी उठाए
हिंदुस्तान Global Times/। प्रिंट मीडिया: शैल Global Times /Avtar Singh Bisht ,रुद्रपुर, उत्तराखंड
आक्रोशः भू-कानून, मूलनिवास को लेकर मुख्यमंत्री आवास कूच उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने भू-कानून, मूल निवास, राज्य आंदोलनकारियों के क्षैतिज आरक्षण, चिन्हीकरण जैसे मुद्दों पर रविवार को मुख्यमंत्री आवास कूच किया। पुलिस ने हाथीबड़कला, में वैरिकेडिंग पर रोका तो आंदोलनकारी वहीं सीएम से वार्ता की मांग को लेकर सड़क पर धरने पर बैठ गए। दोपहर में सीएम आवास से वार्ता के लिए बुलावा आने पर भी सीएम से वार्ता नहीं होने से आंदोलनकारियों का पारा चढ़ गया। इसके बाद देर शाम तक धरना चलता रहा। देर शाम सीएम से वार्ता के बाद धरना समाप्त हो गया।
सुबह 11 बजे राजपुर रोड स्थित मीडो प्लाजा के सामने बड़ी संख्या में एकत्र हुए और नारेबाजी करते हुए न्यू कैंट रोड हाथीबड़कला की ओर बढ़े। यहां पर पहले से बैरिकेडिंग लगाए हुए पुलिस बल ने आंदोलनकारियों को आगे बढ़ने से रोक दिया। बैरिकेडिंग पार करने को लेकर मंच कार्यकर्ता व पुलिस के बीच आंदोलनकारी पुलिस चौकी के पास सड़क पर ही धरने पर बैठ गए।
हिंदुस्तान Global Times/। प्रिंट मीडिया: शैल Global Times /Avtar Singh Bisht ,रुद्रपुर, उत्तराखंड
देहरादून में रविवार को मुख्यमंत्री आवास कुच के दौरान हाथीबड़कला में लगाई गई वैरिकेडिंग की पार करने का प्रयास कर रहे उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को रोकती पुलिस।
जगमोहन सिंह नेगी ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों का 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण विधानसभा पास होकर राज्यपाल के यहां लंबे समय से लंबित है। आरक्षण विधेयक पास नहीं होने से विभिन्न विभागों की रिक्तियों का लाभ आंदोलनकारियों को नहीं मिल पा रहा है। वास्तविक आंदोलनकारी चिन्हीकरण के लिए भटक रहे हैं। कांग्रेस नेता धरिंद्र प्रताप ने कहा कि मूल निवास 1950 लागून होने से राज्य की डेमोग्राफी तेजी से बदल रही है। प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप
कुकरेती ने कहा कि सशक्त भू-कानून के अभाव में राज्य की जमीनों पर बाहरी से लोगों का कब्जा होता जा रहा है। रामलाल खंडूड़ी ने कहा कि आंदोलनकारियों को एक समान पेंशन भी नहीं दी जा रही है।
मौके पर अनिल डंगवाल, विजेन्द्र जगूड़ी, राहुल जगूड़ी, शिवशंकर सुवाल, पुरुषोत्तम नौटियाल, खुशपाल परमार, अनिल सेनवाल, सुधा गौड़, पुष्पा खत्री, सुरेश नेगी, पुष्पा नेगी, सतेश्वरी देवी, पार्वती डोभाल, विजय लक्ष्मी, जबर सिंह पावेल, केशव उनियाल मौजूद रहे।
पुलिसकर्मी पर नाखुन मारने का आरोप
बैरिकेडिंग के सामने पुलिस जोर आजमाइश के दौरान आदोलनकारी सरोजनी थपलियाल पुलिस परं नाराज हो गई। उनका कहना था कि बक्कामुक्की में। किसी पुलिसकर्मी ने अपने नाखून उनकी बांह में तेजी से चुभोए। वह इसके निशान मीडिया की दिखाने लगी। धक्कामुक्की में किसी की घड़ी मौके पर गिर गई तो किसी के चथल छूट गए।
आंदोलनरियों के सीएम आवास कुद आवाजाही करने वालों के लिए न्यू कैंट रोड को पूरी तरह बंद कर दिया। साढ़े चार बजे आंदोलनकारी अपना धरना सड़क के किनारे शुरू करने पर राजी हुए, तब जाकर सड़क पर आवाजाही शुरू हो सकी। इससे पहले लोगों को बेहद परेशानियों का सामना
पुष्कर सिंह धामी ने राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की सभी मांगों पर कार्यवाही का आश्वासन दिया है। इसके बाद आंदोलनकारियों ने अपना धरना समाप्त कर दिया।
देर शाम कैंट रोड स्थित कैंप कार्यालय में वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे पर सरकार शुरु से गंभीर है। विधेयक भी ‘पारित कर राजभवन भेजा गया है। इस पर आधिकारिक स्तर पर कार्यवाही जारी है। इस विषय पर राजभवन से बातचीत भी हुई है। इस दौरान राज्य आंदोलनकारी प्रदीप कुकरेती ने कहा कि क्षैतिज आरक्षण पर समय पर निर्णय न होने से कई आंदोलनकारियों की नौकरियां नहीं लग पा रही है।
देहरादून में कैट रोड स्थित मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में राज्य आंदोलनकारियों से मुलाकात करते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी।
मुख्यमंत्री ने दिया मांगों पर कार्यवाही का आश्वासन
■ देर शाम कैंप कार्यालय में हुई सीएम से मुलाकात
■ मुख्यमंत्री ने कहा, सरकार मांगों पर गंभीर
रही है। चिन्हीकरण के मसले पर सीएम ने कहा कि बहुत अधिक संख्या में चिन्हीकरण के आवेदन आए हैं। इसमें से उचित प्रक्रिया अपनाकर चिन्हीकरण करना होगा। इस पर आंदोलनकारियों ने सहमति भी जताई। एक समान पेंशन के मुद्दे पर भी मुखमंत्री ने विचार करने का आश्वासन दिया।
मौके पर जगमोहन सिंह नेगी, प्रदीप कुकरेती, धरिन्द्रप्रताप, रामलाल खंडूड़ी, बाल गोविन्द डोभाल, नरेश भट्ट, महेन्द्र सिंह रावत, बिश्म्बर दत्त, विजेन्द्र पोखरियाल, शंकर भाटिया, सुनीता
विधेयक को मंजूरी न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण’
हिंदुस्तान Global Times/। प्रिंट मीडिया: शैल Global Times /Avtar Singh Bisht ,रुद्रपुर, उत्तराखंड
देहरादून। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी सम्मान परिषद के पूर्व अध्यक्ष रविंद्र जुगरान ने कहा, राज्य आंदोलनकारियों को क्षैतिज आरक्षण विधेयक को चार महीने बाद भी मंजूरी न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण है। राज्य आंदोलनकारियों व मातृशक्ति को इसके लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। इससे भी दुर्भाग्य पूर्ण स्थिति यह है कि चुने हुए जनप्रतिनिधि आंदोलनकारी सम्मान पेंशन वर्षों से ले रहे हैं, लेकिन इस विषय पर मौन हैं। जबकि पिछले 13 साल से आंदोलनकारी व उनके आश्रित क्षैतिज आरक्षण से वंचित हैं। इन 13 वर्षों में लगभग विभिन्न विभागों में एक लाख सरकारी नौकरियों लग चुकी हैं। कुछ आंदोलनकारी राज्यपाल का इस विषय पर ध्यानाकर्षण करने के लिए राजभवन के बहार सांकेतिक धरना देने के लिए बाध्य होंगे।