उत्तराखंड में हो रही लगातार भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है. बारिश की यह लगातार जारी रहने वाली आफत न केवल लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी को प्रभावित कर रही है, बल्कि नदियों का जलस्तर भी तेजी से बढ़ा रही है.तहसील गदरपुर के नगरपालिका के वार्ड संख्या 11 के लोगो को जलभराव होने के कारण सुरक्षित स्थल पर विस्थापित किया गया।तहसील गदरपुर के नगरपालिका के वार्ड संख्या 11 के लोगो को जलभराव होने के कारण सुरक्षित स्थल पर विस्थापित किया गया।ग्राम तुर्कातीसोर में एक परिवार को अत्यधिक जलभराव के कारण अन्यत्र शिफ्ट किया गया ।

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पिछले कुछ दिन से उत्तराखंड के विभिन्न भागों में भारी बारिश के कारण पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन हो रहा है तथा बद्रीनाथ जाने वाला राजमार्ग कई स्थानों पर पहाड़ी से नीचे गिर रहे मलबे के कारण अवरुद्ध हो गया है. चमोली जिले में शनिवार को भूस्खलन के बाद पहाड़ी से गिर रही चट्टानों की चपेट में आने से हैदराबाद के दो श्रद्धालुओं की मौत हो गई थी. दोनों मोटरसाइकिल से बद्रीनाथ से लौट रहे थे.

उत्तराखंड में नदियां भी उफान पर थीं. जोशीमठ के पास विष्णु प्रयाग में अलकनंदा नदी खतरे के निशान के करीब बह रही थी, अलकनंदा विष्णु प्रयाग में धौली गंगा में मिल जाती है.

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गंगा नदी का बढ़ता जलस्तर

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश से गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. इस बढ़ते जलस्तर ने न केवल ऋषिकेश में बल्कि हरिद्वार में भी चिंता बढ़ा दी है. घाटों पर जलस्तर बढ़ने से श्रद्धालुओं यात्रियों की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है. एसडीआरएफ की टीमें लगातार लोगों को घाटों से हटाने सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का कार्य कर रही हैं. प्रशासन द्वारा जारी चेतावनियों के बावजूद कुछ लोग अभी भी खतरे का सामना कर रहे हैं, जिसे देखते हुए एसडीआरएफ की टीमों ने सक्रिय रूप से काम करना शुरू कर दिया है.

एसडीआरएफ की तैनाती राहत कार्य

गंगा नदी के किनारे स्थित ऋषिकेश हरिद्वार में सुरक्षा के दृष्टिकोण से एसडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं. ये टीमें लगातार घाटों पर जाकर श्रद्धालुओं को सूचित कर रही हैं कि वे जलस्तर के बढ़ते खतरे को देखते हुए सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं. एसडीआरएफ के अधिकारी मुनादी करके लोगों को सचेत कर रहे हैं उन्हें घाटों से दूर हटने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. इस आपात स्थिति में एसडीआरएफ की त्वरित कार्रवाई से कई लोगों की जान बचाई जा रही है.

मौसम विभाग की चेतावनी प्रशासन की तैयारी

मौसम विभाग ने उत्तराखंड में आने वाले दिनों में भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की है. इसे ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं. प्रशासनिक तैयारियों में एसडीआरएफ की टीमें भी शामिल हैं, जो नदियों के किनारे तैनात हैं लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का कार्य कर रही हैं. इस दौरान प्रशासन ने घाटों पर पहुंचने वाले श्रद्धालुओं यात्रियों को किसी भी अप्रिय घटना से बचाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं.

राहत बचाव कार्य में चुनौतियां

लगातार हो रही बारिश बढ़ते जलस्तर के बीच राहत बचाव कार्यों में कई चुनौतियां सामने आ रही हैं. पहाड़ी इलाकों में बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन की घटनाएं भी हो रही हैं, जिससे सड़कों पर आवागमन प्रभावित हो रहा है. इस परिस्थिति में एसडीआरएफ की टीमें कड़ी मेहनत कर रही हैं ताकि अधिक से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके.

सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का अभियान

एसडीआरएफ के कर्मचारी निरंतर लोगों को घाटों से हटाने सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का अभियान चला रहे हैं. उनका यह कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि बढ़ते जलस्तर के कारण कभी भी अप्रिय घटना घट सकती है. प्रशासन ने सभी श्रद्धालुओं यात्रियों से अपील की है कि वे सुरक्षा निर्देशों का पालन करें घाटों से दूर रहें.

  • पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से गंगा उफान पर
  • उत्तराखंड में घाट से हटाए गए लोग
  • गंगा नदी का बढ़ता जलस्तर ने बढ़ाई परेशानी

मौसम विभाग की मानें तो कई राज्यों में फिलहाल बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है. वहीं पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है. मौसम विभाग ने उत्तारखंड के लिए रेड अलर्ट जारी किया है. वहीं दक्षिण भारत में कोंकण और गोवा क्षेत्र के लिए भी रेड अलर्ट जारी किया है. इन दोनों के अलावा मौसम विभाग ने पूरे उत्तर प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. यूपी में आईएमडी ने ओरेंज अलर्ट जारी किया है. इसका असर भी राज्य के कई जिलों में भारी बारिश के रूप में देखने को मिल रहा है.

यूपी के अलावा पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य महाराष्ट्र और कर्नाटक के लिए भी मौसम विभाग ने ओरेंज अलर्ट जारी किया है. इन राज्यों में आंधी, आकाशीय बिजली के साथ-साथ भारी बारिश भी देखने को मिल सकती है. इन राज्यों के अलावा सिर्फ जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में बारिश का यलो अलर्ट है.

कई जगहों पर आफत की बारिश

  • पूरे देश में कई जगहों पर बारिश की वजह से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. मुंबई के वसर् इलाके में खेती का काम करने गए 16 लोग बाढ़ के पानी में फंस गए थे. तानसा नदी पर बने डैम से पानी छोड़ने की वजह से बाढ़ जैसे हालात बन गए थे. हालांकि वक्त रहते एनडीआरएफ टीम ने फंसे हुए लोगों को बाहर निकाल लिया.
  • वहीं उत्तराखंड के रामनगर में कोसी नदी में जलस्तर बढ़ने की वजह से प्रसिद्ध गिरिजा देवी मंदिर में नदी किनारे दुकानदारों ने दुकानें खाली करना शुरू कर दिया है. क्योंकि अगर नदी का जल स्तर ज्यादा बढ़ता है तो उनकी दुकानों तक पानी आने की संभावना बढ़ जाती है.
  • उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से बह रही नारायणी नदी भी उफान पर है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि नारायणी नदी पर उफान की वजह ये है कि नेपाल की ओर से 4.4 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिससे शहर में त्राहि त्राहि मच गई है. कई स्कूल, हॉस्पिटल और सड़कें जलस्तर बढ़ने की वजह से डूब गए हैं. मौके पर फिलहाल एनडीआरएफ और प्रशासनिक अधिकारी पहुंचे हैं.
  • हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, उत्तराखंड
  • यूपी की राझधानी लखनऊ से एक वीडियो सामने आया है जिसमें विकास नगर में एक सड़क धंसती हुई दिखाई दे रही है. भारी बारिश की वजह से इससे पहले भी प्रदेश के दूसरे क्षेत्रों से इस तरह के वीडियो सामने आ चुके हैं. फिलहाल इस सड़क पर ट्राफिक को रोका गया है.
  • उत्तराखंड में जोशीमठ के विष्णु प्रयाग से 2 किलोमीटर ऊपर पैंका पुल के पास पहाड़ी का हिस्सा टूट कर गिरा है. इसकी वजह से राज्य की चारधाम यात्रा में बद्रीनाथ का रूट पूरी तरह से जाम हो गया. भारी बारिश की वजह से पहाड़ों में कई जगहों पर लैंड स्लाइड की खबरें सामने आ रही हैं.

उत्तराखंड के लोगों को इस बार भीषण गर्मी से राहत मिली है क्योंकि मानसून ने जोरदार दस्तक दी है. मानसून के सक्रिय होने के कारण पहाड़ से मैदान तक बीते 6-7 दिनों से लगातार भारी बारिश हो रही है.

हालांकि, अब यही बारिश लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गई है. राज्य में भारी बारिश के चलते कई सड़कें हाईवे बंद हो गए हैं. पहाड़ी इलाकों में मलबा गिरने की घटनाएं सामने आई हैं, जिससे लोग अपने घरों में ही रहने को मजबूर हो गए हैं.

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भारी बारिश से भूस्खलन जलस्तर में वृद्धि

मानसून की भारी बारिश ने पिथौरागढ़, नैनीताल, चमोली बद्रीनाथ जैसे क्षेत्रों में भूस्खलन की घटनाओं को जन्म दिया है. इन घटनाओं ने लोगों के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर दी हैं. इसके अलावा, प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण सभी प्रमुख नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. ऋषिकेश में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे प्रशासन को सतर्कता बरतनी पड़ रही है. प्रशासन ने नदी के आसपास के इलाकों में अनाउंसमेंट कर लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की है ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके.

मुख्यमंत्री धामी की सतर्कता निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सभी जिलों के जिलाधिकारियों आपदा कंट्रोल रूम के अधिकारियों कर्मचारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं. साथ ही, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) को भी सतर्क रखा गया है. शनिवार देर रात गंगा नदी के किनारे आसपास के इलाकों में अनाउंसमेंट कर लोगों को गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर के बारे में जानकारी दी गई उनसे तुरंत सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई.

मौसम विभाग का अलर्ट

मौसम विभाग ने रविवार को राज्य के नौ जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है. इन जिलों में भारी बारिश की संभावना को देखते हुए प्रशासन ने पहले से ही तैयारी कर ली है. इस बार का मानसून, जो कभी राहत का कारण था, अब मुसीबत बन गया है.

स्थिति की गंभीरता

मानसून की भारी बारिश ने उत्तराखंड की सामान्य जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है. सड़कें हाईवे बंद होने से यातायात बाधित हो गया है लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं. पहाड़ों से मलबा गिरने से भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिससे लोग अपने घरों में दुबकने को मजबूर हो गए हैं.

प्रशासन की तैयारियां

वहीं प्रशासन ने लोगों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए हैं. एसडीआरएफ एनडीआरएफ की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं जरूरत पड़ने पर राहत कार्यों में जुटी हुई हैं. मुख्यमंत्री धामी के निर्देशों का पालन करते हुए प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास किया है.

  • उत्तराखंड में भारी बारिश ने बढ़ाई मुसीबत
  • CM धामी ने लोगों को अलर्ट रहने के दिए निर्देश
  • भारी बारिश से भूस्खलन जलस्तर में वृद्धि

उधम सिंह नगर में खटीमा, सितारगंज किच्छा, शांतिपुरी,रुद्रपुर, बाजपुर, गदरपुर, पंतनगर में नदी नालों के किनारे रह रहे लोगों पर मुसीबत का पहाड़ टूट रहा है ।नदिया ऊफान पर हैं। लोग अपने परिवार के साथ सुरक्षित स्थान पर जा रहे हैं। किच्छा में गोला नदी ऊफान पर है। शांतिपुरी , किच्छा , बिंदु खाता,गोला नंदी लगे हुए इलाके में दशरथ का माहौल है। लोगों को जिला प्रशासन सुरक्षित स्थान पर पहुंचने का कार्य कर रहा है। लोगों से अपील की जा रही है कि परिवार सहित सुरक्षित स्थान पर जाएं। जिला प्रशासन के द्वारा पूर्व में नदी किनारे रह रहे लोगों को घर खाली करने का आदेश भी दिया था । जिला प्रशासन के द्वारा पूर्ण इंतजाम किए गए हैं।रुद्रपुर जिला प्रशासन जिला अधिकारी उदयराज सिंह के नेतृत्व में पूरे जिले में युद्ध स्तर पर बचाव कार्य लगातार किया जा रहा है।


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