ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन, वो तो गली गली, हरी गुण गाने लगी ॥

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भक्ति और प्रेम: एक कृष्ण भक्त भगवान कृष्ण के प्रति गहरा प्रेम और भक्ति रखता है। वे कृष्ण के साथ एक अंतरंग संबंध विकसित करते हैं, उन्हें अपने प्रेम और सेवा के अंतिम उद्देश्य के रूप में देखते हैं।

उत्तराखंड के हल्द्वानी क़ी हर्षिका ‘कान्हा’ के प्रेम में ‘मीरा’ बन गईं।हल्द्वानी की 21 साल की हर्षिका पंत ने कुमाऊंनी रीति रिवाज से भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति संग शादी रचा ली है।अब वो श्रीकृष्ण की दुल्हन बन गई हैं। इनके लिए लिए हर्षिका 15 साल से करवा चौथ का व्रत रख रही थी। कान्हा के नाम का भरा सिंदूर… हर्षिका भगवान श्री कृष्ण को दिल से अपना सर्वस्व मान चुकी है। अब हर्षिका ने वृंदावन से लाई गई श्रीकृष्ण की प्रतिमा के साथ सात जन्मों के कसमें खाई और अपनी मांग में कान्हा के नाम का सिंदूर भर लिया है।हर्षिका के माता-पिता ने शादी का मुहूर्त निकलवाया। हर्षिता ने परिवार की सहमति से धूमधाम से भगवान श्रीकृष्ण से शादी रचाकर अपने जीवन को उन्हें समर्पित कर दिया।*

2. समर्पण और विश्वास : एक कृष्ण भक्त को ईश्वर पर अटूट विश्वास होता है और वह अपना जीवन और इच्छा कृष्ण को समर्पित कर देता है

ब्रह्म ज्ञान एक आध्यात्मिक अनुभव है और इसे अधिकांश संसारिक चमत्कारों के समान नहीं माना जाता है। ब्रह्म ज्ञान व्यक्ति को अपने सच्चे स्वरूप और आत्मा की पहचान में उच्चतम अनुभव देता है। यह आंतरिक बदलाव, मानसिक शांति, समता, प्रेम और सामर्थ्य को जन्म देता है।
हिंदुस्तान Global Times/। प्रिंट मीडिया: शैल Global Times /Avtar Singh Bisht ,रुद्रपुर, उत्तराखंड


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