विधानसभा का मानसून सत्र बुधवार से यहां प्रारंभ होगा।
सत्र की अवधि भले ही तीन दिन है, लेकिन इस दौरान लगभग पांच हजार करोड़ का अनुपूरक बजट, उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली समेत आधा दर्जन विधेयक सरकार सदन में पेश करेगी। विधायकों ने सत्र के लिए 490 प्रश्न लगाए हैं।
सत्र के हंगामेदार रहने के आसार
विपक्ष कांग्रेस के तरकश में सरकार को घेरने के लिए कानून व्यवस्था, आपदा, बेरोजगारी समेत अन्य मुद्दों के तीर हैं। सत्तापक्ष ने भी विपक्ष के हमलों का जवाब देने के लिए कमर कस ली है। इस परिदृश्य में सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं।
गैरसैंण में पिछले वर्ष मार्च में बजट सत्र हुआ था। यद्यपि, इस वर्ष भी बजट सत्र वहीं कराने का निर्णय लिया गया था, लेकिन बाद में सत्तापक्ष व विपक्ष के विधायकों के आग्रह पर सत्र देहरादून में ही आयोजित किया गया। लंबी प्रतीक्षा के बाद गैरसैंण में अब बुधवार से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है। सत्र को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सत्र में अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा, जिसे कैबिनेट मंजूरी दे चुकी है।
इसके अलावा लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक और नगर पालिका अधिनियम व नगर निगम अधिनियम संशोधन विधेयक भी पेश किए जाएंगे। इन तीनों के संबंध में पूर्व सरकार अध्यादेश लाई थी, जिन्हें अब विधेयक के रूप में सदन में रखा जाएगा। हल्द्वानी में खेल विश्वविद्यालय की स्थापना समेत कुछ अन्य विधेयक भी सदन में पेश किए जाएंगे।
सत्र के पहले दो दिन का एजेंडा तय
इस बीच मंगलवार को भराड़ीसैंण विधानसभा भवन के सभागार में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण की अध्यक्षता में हुई विधानसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में सत्र के पहले दो दिन का एजेंडा तय किया गया।
इसके अनुसार सत्र के पहले दिन बुधवार सुबह केदारनाथ की दिवंगत विधायक शैलारानी रावत व पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी को श्रद्धांजलि दी जाएगी। भोजनावकाश के बाद सरकार तीन विधेयक सदन के पटल पर रखेगी। गुरुवार 22 अगस्त को अनुपूरक बजट व खेल विश्वविद्यालय विधेयक सदन में प्रस्तुत किए जाएंगे।
सत्र को लेकर सत्तापक्ष और विपक्ष ने अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में हुई भाजपा विधानमंडल दल की बैठक में मंत्री, विधायकों को पूरी तैयारी के साथ सदन में आने को कहा गया।
सभी से अपेक्षा की गई कि विपक्ष द्वारा उठाए जाने वाले विषयों का तथ्यों व तर्कों के साथ जवाब दिया जाए। उधर, कांग्रेस ने भी नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की उपस्थिति में हुई पार्टी विधानमंडल दल की बैठक में सत्र के लिए रणनीति तय की गई।
महिला अपराध, आपदा, भ्रष्टाचार को लेकर बरसेगी कांग्रेस
विधानसभा सत्र की अवधि भले ही सीमित है, लेकिन कांग्रेस प्रदेश सरकार पर आक्रमण का कोई अवसर हाथ से जाने नहीं देना चाहती। कानून व्यवस्था विशेष रूप से महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं, आपदा प्रबंधन में कमियों, कड़ा भू-कानून, भ्रष्टाचार और बेरोजगारी को लेकर मुख्य विपक्षी दल के विधायक सत्तापक्ष पर हमला बाेलेंगे।
कांग्रेस विधानमंडल दल की मंगलवार को गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में हुई बैठक में सदन के भीतर पार्टी की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि विधानसभा सत्र की कार्यवाही को संक्षिप्त कर विपक्ष की आवाज को दबाया नहीं जा सकता।
जनता के प्रश्नों से सरकार को भागने नहीं दिया जाएगा। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य की अध्यक्षता में हुई कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक में तय किया गया कि पार्टी सत्र की अवधि बढ़ाने के लिए सरकार को विवश करेगी। विधायकों ने प्रदेश में कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और महिलाओं के साथ निरंतर बढ़ रहे अपराधों पर चिंता व्यक्त की।
केदारनाथ व अन्य क्षेत्रों में आपदा से हुए जानमाल के नुकसान, आपदा प्रबंधन में कमियों को लेकर भी सरकार विधायकों के निशाने पर रहेगी। भ्रष्टाचार, बेरोजगारी के साथ ही स्वास्थ्य और शिक्षा की बदहाली पर विपक्ष आक्रामक रहने जा रहा है।
बैठक में उपनेता प्रतिपक्ष भुवनचंद्र कापड़ी, काजी निजामुद्दीन, लखपत बुटोला, विक्रम सिंह नेगी, ममता राकेश, अनुपमा रावत, वीरेंद्र जाति, रवि बहादुर, फुरकान अहमद, मनोज तिवारी, मदन बिष्ट समेत कांग्रेस के अधिकतर विधायक उपस्थित रहे।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बताया कि पार्टी विधायक गैरसैंण में सत्र की सीमित अवधि से अप्रसन्न हैं। विधायकों ने लगभग 500 प्रश्न विधानसभा में लगाए हैं। मात्र दो दिन में इन प्रश्नों का उत्तर देना संभव नहीं है।
कांग्रेस मानसून सत्र की अवधि को बढ़ाने की मांग सरकार से करती है। विधानसभा सत्र को लेकर सरकार के रवैये से नाराज नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हर बार बिजनेस न होने का हास्यास्पद तर्क सरकार देती है।
मानसून सत्र की अवधि भले ही महज तीन दिन तय की गई है लेकिन इस दौरान दोनों ही पक्ष एक दूसरे पर हावी होने का कोई भी मौका गंवाने के मूड में नहीं हैं। मंगलवार को गैरसैंण में हुई भाजपा और कांग्रेस विधायक दल की बैठकों से इसके साफ संकेत नजर आए।
विदित है कि उपचुनावों में दो सीटों पर जीत मिलने के बाद सदन में जहां कांग्रेस की संख्या बढ़ी हैं वहीं पार्टी नेताओं का मनोबल भी बढ़ा हुआ है। राज्य में महिला अपराध की हालिया घटना की वजह से विपक्ष के हाथ एक ज्वलंत मुद्दा लगा गया है।
इसके सहारे विपक्ष सदन में सरकार को घेरने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता। इसके साथ ही गैरसैंण सत्र की छोटी अवधि के मुद्दे को भी कांग्रेस भुनाने की कोशिश करेगी। पार्टी विधायक दल की बैठक में इन तमाम मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई।
इसके साथ ही प्रश्नकाल के दौरान मंत्रियों की घेराबंदी की भी योजना तैयार की गई। पार्टी सूत्रों के अनुसार राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में आई आपदा का मुद्दा भी कांग्रेस सदन में उठाएगी। खासकर केदारनाथ उपचुनावों को देखते हुए आपदा प्रबंधन की खामियों को उठाने की तैयारी की गई है। इसके साथ ही भ्रष्टाचार और कानून व्यवस्था के मुद्दे को भी कांग्रेस की ओर से सदन में उठाया जाएगा।
दोनों तरफ से पूरी तैयारी : विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष ने भी मानसून सत्र के लिए खास रणनीति बनाई है। भाजपा विधानमंडल दल की बैठक के दौरान सभी मंत्री, विधायकों को इसके निर्देश दिए गए हैं। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक के दौरान सभी मंत्रियों को सदन में पूरी तैयारी के साथ आने के निर्देश दिए गए।
इसके साथ ही विधायकों से सदन में पूरी एकजुटता के साथ विपक्ष के हमलों से बचाव के निर्देश दिए गए। खासकर विधायकों को विपक्ष द्वारा पूछे गए सवालों पर अनुपूरक सवालों से बचने को कहा गया है।
विदित है की विपक्ष की ओर से पूछे गए सवालों पर कई बार सत्ता पक्ष के विधायक ऐसे अनुपूरक सवाल पूछ लेते हैं जिससे मंत्रियों और सरकार के सामने कई बार असहज स्थिति पैदा हो जाती है। ऐसे में पार्टी के सभी विधायकों को सावधानी बरतने की हिदायद दी गई है।
भाजपा विधानमंडल की बैठक में राज्य में किए जा रहे ऐतिहासिक कार्यों के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया गया। यह भी निर्णय लिया गया कि विपक्ष की ओर से जो भी मुद्दे उठाए जाएंगे उनका पुरजोर तरीके से जबाव दिया जाएगा।
प्रेमचंद अग्रवाल, संसदीय कार्यमंत्री
कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। महिलाओ के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। भ्रष्टाचार चरम पर है। कांग्रेस इन सभी मुद्दों पर सदन में सरकार से जबाव मांगेगी। गुरुवार को कांग्रेस कानून व्यवस्था पर काम रोको प्रस्ताव लाएगी।
भुवन कापड़ी, उपनेता प्रतिपक्ष