उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इंडिया डेली के मंच पर बोलते हुए बीजेपी पर खुलकर हमला बोला. गौ माता पर किए गए सवाल पर बोलते हुए उन्होंने साफ-साफ कह दिया कि जो गंगा के नहीं वो गाय माता के क्या होंगे?

Spread the love

उन्होंने कहा कि कुछ लोग ऐसे हैं जो लुढ़कते जा रहे हैं. बहते जा रहे हैं. हरीश रावत ने राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे पर कहा कि जो सबसे बड़े बूचड़खाने से चंदा लेते हैं वो गौ माता के क्या होंगे. बूचड़खाने से चंदा लेते वक्त BJP को गौ माता की याद नहीं आई.

इंडिया डेली के मंच पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने रिटायरमेंट पर भी बात की. उन्होंने काह जब टायर्ड हो जाउंगा तो रिटायर्ड हो जाउंगा. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हम अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे.

‘बूचड़खाने के मालिक से चंदा लेते वक्त बीजेपी को गौ माता याद नहीं आई’

हरीश रावत ने कहा, “कुछ लोग ऐसे हैं जो बहते जाते हैं. लुढ़कते जाते हैं. उनकी तरफ से कहा जा रहा है. मैं उस पर टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा. भाजपा के प्रवक्ता ने जरूर कहा है मैं उन्हें याद दिलाना चाहूंगा. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से एक लिस्ट साझा हुई थी कि भारतीय जनता पार्टी या फिर अन्य राजनीतिक दलों को किन-किन लोगों ने किन पार्टियों को कितना चंदा दिया. उसमें 3 जेंटलमैन के नाम थे. एक जेंटलमैन ने 50 करोड़ से ज्यादा का चंदा बीजेपी को दिया. वो देश का सबसे लीडिंग गौमांस निर्यातक है. अकेले भारतीय जनता पार्टी को चंदा दिया.”

जो बाकी दो लोग 22 या 24 करोड़ दिया है वो भी गौ मांस निर्यातक है. ये मेरी समझ में नहीं आया कि गौ मांस को बेचने वाले सबसे बड़े बूचड़खाने के मालिक से चंदा लेते वक्त बीजेपी को गौ माता याद नहीं आई. चंदा. चंदा. और वो भी 50 करोड़ से ऊपर.

रिटायरमेंट पर क्या बोले हरीश रावत?

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से जब पूछा गया कि आप राजनीति से रिटायर हो रहे हैं या नहीं? इस सवाल के जवाब में उन्होंने जवाब दिया कि जिस दिन टायर्ड हो जाएंगे उस दिन रिटायर्ड हो जाएंगे.

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर

बीजेपी पर बोलते हुए हरीश रावत ने कहा कि एक दौर था जब कांग्रसे का दौर था. फिर मिली जुली सरकार का दौर आया. फिर एक दौर आया फिर कांग्रसे आई. अब जो दौर आया है कांग्रेस के बाद बाल-बाल बच गए. नहीं तो 400 के पार वाले 240 पर थोड़ी अटक जाते. इसका मतलब है जनता ने उनको विराम लगाने का मन बना लिया था. कहीं थोड़ी सी कमी रह गई कि हम लोग इस बात का एहसास नहीं कर पाए जो परिवर्तन हो रहा था. बीजेपी ने प्रचार मनोवृत्ति का जबरदस्त फायदा उठाया. लोगों को लगा कि चारो तरफ भाजपा है. सड़क पर मोदी. आसमान में मोदी. लोगों को लगा परिवर्तन नहीं आएगा. लेकिन तीसरे चरण के बाद लोगों की धाराणाएं बदली. उसके बाद 400 के पार वाले 240 के ऊपर भी नहीं पहुंच पाए. बीजेपी कह रही थी कांग्रसे को अपने को ढूढ़ना मुश्किल हो जाएगा. कांग्रसे ने 99 सीटें हासिल की.

‘वो समय दूर नहीं जब हम 300 के पार होंगे और सरकार बनाएंगे’

हरीश रावत ने कहा कि राजनीति के अंदर जब लोगों का मन बदलता है तो बड़ी तेजी से उनका मन बदलता है. एक समय था जब बीजेपी का केवल एक सासंद था जो आंध्र प्रदेश से जीतकर आए थे. अटल जी भी हार गए थे. फिर ऐसी स्थितियां बनाई गई कि अटल जी भी जीतकर आए. हम उम्मीद करते हैं अगली बार हम 300 के पार होंगे.


Spread the love