



नैनीताल। सरोवर नगरी नैनीताल में कुमाऊँ की कुलदेवी मां नंदा-सुनंदा की मूर्तियों का नयना देवी मंदिर में मंदिर में ब्रह्म मुहूर्त में पूजा अर्चना कर श्रद्धालुओं के लिए दर्शन हेतु 15 सितंबर के सुबह तक रखा गया है।


उसके बाद माँ नन्दा सुनन्दा का डोला नगर क्षेत्र में परिक्रमा करने के बाद ठंडी सड़क गोल्ज्यू मंदिर के पास विसर्जन किया जायेगा।
इस आशय की जानकारी मास्कमनुकेशन कर रहे शोधार्थी छात्र हर्षित जोशी दी।
उन्होंने बताया मां नंदा-सुनंदा को कुमाऊँ में कुल देवी के रूप में पूजा जाता है।


चंद राजाओं के दौर में मां नंदा-सुनंदा को कुल देवी के रूप में चंद राजा पूजा करते थे।
और अब संपूर्ण कुमाऊँ क्षेत्र के लोग मां नंदा-सुनंदा को कुल देवी के रूप में पूजते हैं।
ऐसा माना जाता है कि मां नंदा और सुनंदा साल में एक बार अपने मायके यानी कुमाऊँ में आती हैं ।
अष्टमी के दिन कुमाऊँ के विभिन्न स्थानों पर मां नंदा और सुनंदा की प्रतिमा तैयार कर प्राण प्रतिष्ठा के बाद दर्शन हेतु रखा जाता है।
मां नंदा-सुनंदा की हर रोज सुबह शाम पूजा अर्चना की जाती है। जबकि देर रात को देवी भोग लगाया जाता है।
इस दौरान हजारों की संख्या में सुबह से ही श्रद्धालुओं का मंदिर में तांता लगा हुआ है।
दर्शन के लिए करीब दो सौ मीटर दूर पार्किंग तक भक्तों की कतार लगी है। मेले में पशुबलि ना हो, इसके लिए प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी गश्त कर रहे हैं।
आधी रात को मूर्तियों के निर्माण के बाद उन्हें विधिपूर्वक मां नयना देवी मंदिर परिसर के भव्य मंडप में प्रतिष्ठापित किया गया। आचार्य भगवती प्रसाद जोशी ने वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न कराई। इसके बाद मूर्तियों को आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिया गया। जिसके बाद से भक्तों का इंतजार खत्म हुआ और दर्शन कर धन्य हो गए। आयोजकों के अनुसार तड़के से सुबह तक पांच हजार से अधिक श्रद्धालुओं के दर्शन हो चुके हैं।
मंदिर परिसर में अनुष्ठान
मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की ओर से पूजा अर्चना के बाद संकल्प इत्यादि किया जा रहा है। करीब एक दर्जन से अधिक पुरोहित अनुष्ठान संपन्न करवा रहे हैं। आयोजकों की ओर से पूजा अर्चना का यूट्यूब से सीधा प्रसारण किया जा रहा है। पुलिस के साथ विभिन्न विद्यालयों सहित संस्थाओं के स्वयंसेवक व्यवस्था बनाने में जुटे हैं।
पूजा के बाद लौटाए जा रहे बकरे
महोत्सव के दौरान पशुबलि पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसको कड़ाई से लागू करने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से सतर्कता बरती जा रही है। चढ़ावे के लिए लाए जा रहे बकरों को कड़ी सुरक्षा व वीडियोग्राफी के बीच मंदिर गेट के समीप पूजा के बाद लौटाया जा रहा है। अब तक दो दर्जन से अधिक बकरों को लौटाया गया है।
पार्किंग स्थल पर पंजीकरण के टोकन के बाद ही बकरों को पूजा के लिए भेजा जा रहा है। मेलाधिकारी एसडीएम प्रमोद कुमार, संयुक्त मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल, एसडीएम बीसी पंत, एसपी हरबंस सिंह सहित नायब तहसीलदार नरेंद्र गहतोड़ी, कोतवाल हरपाल सिंह सहित आयोजक संस्था के अध्यक्ष मनोज साह, महासचिव जगदीश बवाड़ी, मुकेश जोशी, कमलेश ढोडीयाल, भुवन बिष्ट, भीम सिंह कार्की, विमल चौधरी, मोहित साह, हरीश राणा, अशोक साह, राजेन्द्र बिष्ट सहित अन्य लोग जुटे हैं।
