
( गोंदिया, महाराष्ट्र),कहते हैं प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती है । सूखे बीज की तरह जब जमीन में बिखरती है तो बंजर जमीन में भी पल्लवित हो ही जाती है और फिर मौसम से मिलजुल कर एक विशाल वट वृक्ष बनने में देर नहीं लगती । कुछ ऐसा ही साहित्य सृजन में किंजल मेहता ने कर दिखाया ।
कवयित्री किंजल मेहता को राजकुमार जायसवाल विचार क्रांति के नेतृत्व में नमो फाउंडेशन सिंगरौली द्वारा राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत व वीर रस के महान राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर जी की जयंती पर राष्ट्रभाषा हिंदी के लिए साहित्य के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए रामधारी सिंह दिनकर साहित्य सेवा सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया ।
इस प्रतियोगिता में देश-विदेश से हजारों प्रविष्टियां प्राप्त हुई थी जिनमें से 175 श्रेष्ठ साहित्यकारों को इस सम्मान के लिए चयनित किया गया। किंजल मेहता की काव्य कुसुम ,प्रतिध्वनि ,प्रतिबिंब ,पुष्पांजलि पुस्तके प्रकाशित हो चुकी है ।कई साझा संकलन भी प्रकाशित हुए हैं । साथ ही अनेक पत्र -पत्रिकाओं में लेख रचनाएं भी प्रकाशित होती रहती है ।
इस सम्मान के लिए चयनित होने पर नमो फाउंडेशन सिंगरौली के आयोजक व जिला मंत्री राजकुमार जायसवाल विचार क्रांति सहित सभी साहित्यकारों ने हार्दिक बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं।



