श्री बदरीश पंडा पंचायत की प्रबंधकारिणी ने बदरीनाथ मंदिर व धाम में पूजा-पाठ, परंपरा व हक-हकूकों को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम पर कड़ी आपत्ति जताई है। साथ ही चेतावनी दी कि यदि दबाव बनाकर बदरीनाथ की परंपराओं व हक-हकूकों में कोई फेरबदल किया गया तो पुरजोर विरोध किया जाएगा।

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उन्होंने बीकेटीसी की ओर से बनाई गई धार्मिक संवर्ग सेवा नियमावली को सकारात्मक कदम बताया।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट, रुद्रपुर

विगत दिनों से डिमरी समाज के कुछ लोगों द्वारा कुछ पदों पर अधिकार जताए जाने के बाद रविवार को श्रीबदरीश पंडा पंचायत की प्रबंधकारिणी ने बैठक कर कड़ी आपत्ति की। बैठक में कहा गया कि बदरीनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी के लिए पूर्व से निर्धारित हक-हकूक मात्र केरल के नंबूदरी ब्राह्मणों का है, जो रावल व नायब रावल के रूप में नियुक्त होते हैं। अन्य समाज केवल सहयोगी के रूप में अलग-अलग व्यवस्था देखते हैं, जिनके लिए पूर्व से ही नियम और व्यवस्था सुनिश्चित है।

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वक्ताओं ने कहा कि देवप्रयाग समाज के ब्राह्मण बदरीनाथ धाम पहुंचने वाले देश-विदेश के श्रद्धालुओं के पंडा पुरोहित हैं, जबकि डिमरी समाज सिर्फ गढ़वाल व कुमाऊं क्षेत्र से आने वाले श्रद्धालुओं के तीर्थ पुरोहित हैं। इस मौके पर समिति के अध्यक्ष प्रवीन ध्यानी, उपाध्यक्ष सुधाकर बाबलकर, रजनीश मोतीवाल, अशोक टोडरिया, राजेश पालीवाल, प्रदीप गौरी भट्ट, अजय बंदोलिया, श्रीकांत बडोला, गौरव पंचभैया, मुकेश प्रयागवाल, टीका प्रसाद रैवानी, प्रदीप शास्त्री आदि मौजूद रहे।


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