
साथ में वर्तमान भू-कानून के प्रविधानों का का जिस प्रकार ताक पर रखा गया है, नए कानून में यह सभी कुछ कार्रवाई के दायरे में लाने की तैयारी है। प्रदेश सरकार नया भू-कानून कड़ा बनाने का संकेत दे चुकी है। वर्तमान भू-कानून के उल्लंघन पर भी सख्त रुख अपनाया गया है।


प्रदेश में तेजी से हो रही भूमि की खरीद व बिक्री में तेजी आई है। सरकार इस पर नजर रख रही है। कानून के कुछ प्रविधानों का, विशेष रूप से उल्लंघन किए जाने की जानकारी सामने आई है। ऐसे प्रकरणों पर सरकार कड़ी कार्रवाई कर सकती है। साथ में ऐसे प्रकरणों को नए भू-कानून के प्रस्तावित कड़े प्रविधानों के लिए आधार के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा।
भू-कानून कड़ा बनाने का स्पष्ट संकेत
प्रदेश सरकार नया भू-कानून कड़ा बनाने का स्पष्ट संकेत दे चुकी है। हिमाचल की भांति उत्तराखंड में भी भू-कानून की मांग लंबे समय से की जा रही है। इसे लेकर आंदोलन भी चल रहा है। ऐसे में मनमाने ढंग से भूमि की खरीद और इसमें फर्जीवाड़ा रोकना अब सरकार की बड़ी प्राथमिकता में है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी कह चुके हैं कि नया भू-कानून अगले बजट सत्र में लाया जाएगा। वर्तमान भू-कानून में विसंगतियां दूर कर उसे प्रभावी बनाने के लिए भी नए कानून में कदम उठाए जाएंगे। प्रदेश में तेजी से हो रही भूमि की खरीद व बिक्री में तेजी आई है।
सरकार को जो जानकारी मिली है, उसमें वर्तमान भू-कानून के कुछ प्रविधानों का विशेष रूप से उल्लंघन किए जाने की जानकारी सामने आई है। ऐसे प्रकरणों पर सरकार कड़ी कार्रवाई का मन बना चुकी है। कार्रवाई से पहले समस्त जिलों से भूमि के जिन कानूनों का उल्लंघन किया गया है, उनका विस्तार से विवरण मांगा गया है। इस विवरण में भू-कानून के उल्लंघन के कारकों का अध्ययन व गहन मंथन किया जाएगा।
इस विवरण के आधार पर वर्तमान में रह गई कमियों को दूर करने की व्यवस्था नए कानून का अंग होगी। सरकार को जो जानकारी मिली है, उसमें वर्तमान भू-कानून के कुछ प्रविधानों का विशेष रूप से उल्लंघन किए जाने की जानकारी सामने आई है। ऐसे प्रकरणों पर सरकार कड़ी कार्रवाई का मन बना चुकी है।
ताक पर रखकर हो रही भूमि खरीद
कार्रवाई से पहले समस्त जिलों से भूमि के जिन कानूनों का उल्लंघन किया गया है, उनका विस्तार से विवरण मांगा गया है। इस विवरण में भू-कानून के उल्लंघन के कारकों का अध्ययन व गहन मंथन किया जाएगा। इस विवरण के आधार पर वर्तमान में रह गई कमियों को दूर करने की व्यवस्था नए कानून का अंग होगी।
भू-कानून में नगर निकाय क्षेत्रों से बाहर के क्षेत्रों में एक परिवार 250 वर्गमीटर भूमि बगैर अनुमति के खरीद सकता है। यह खरीद भी आवासीय उपयोग के लिए होनी चाहिए। इस कानून को ताक पर रखकर एक ही परिवार के अलग-अलग सदस्य 250 वर्गमीटर से अधिक भूमि खरीद रहे हैं।
वर्तमान भू-कानून के उल्लंघन के कारकों का अध्ययन कर नई व्यवस्था बनाई जाएगी। राजस्व विभाग के सचिव एसएन पांडेय के अनुसार नए भूमि-कानून को मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप कड़ा बनाया जाएगा।
संपादकीय,उत्तराखंड राज्य में उधम सिंह नगर रुद्रपुर क्षेत्र में सबसे ज्यादा भूमि खरीद फरोत मै उल्लंघन हों रहा है।जहां पर 5 एकड़ में रेरा (Approval)की अनुमति लेने के उपरांत उसी की आड़ में 25 से 30 एकड़ तक कालोनी काटी जा रही है/जमीन की खरीद फरोत में यूपी बिहार राजस्थान आदि क्षेत्रों के ठग जो की यहां की भोली भाली जनता को सस्ते प्लाट एवं अप्रूवल का भरोसा देने के बाद ठग विद्या कर रहे हैं। उत्तराखंड के हजारों लोगों की मेहनत की कमाई का पैसा ठग लिया गया है।
लोगों से ठगी करने के उपरांत अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए ठग नेता बनकर घूम रहे हैं। कोई ठग समाजसेवक बनाकर घूम रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कूट रचित अभिलेख जिसमें सत्ताधारी नेता नौकर साह की भी मिली भगत है ।नजूल की भूमि पर स्पा सेंटर ,बीयर बार ,मॉल, स्कूल , सामाजिक,धार्मिक ट्रस्ट बनाकर उत्तराखंड राज्य की परिकल्पना के विपरीत जमीनों पर कब्जा जमाए बैठे हैं । इन्हीं जमीनों की आड़ में कुटर्चित अभिलेख दिखाकर उत्तराखंड की जनता से करोड़ों की ठगी कर चुके यह लोगआलीशान जिंदगी जी रहे है। वही ठगी के शिकार हुए पीड़ित परिवार की स्थिति दयनीय हो चुकी है।सरकार को चाहिए कुटरचित अभिलेखों को निरस्त कर बुलडोजर की कार्रवाई शुरू की जाए।
उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद
