हल्द्वानी। Uttarakhand News: नवमी के दिन कन्या पूजन से लौटे रही दो बच्चियों को बाइक सवार ने रौंद दिया। इनमें एक की मौत हो गई जबकि दूसरी गंभीर हालत में निजी अस्पताल में भर्ती है।

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बजुनियाहल्दू कठघरिया निवासी हरीश कुमार की सात वर्षीय बेटी सुनैना व टीकाराम की आठ साल बेटी श्रीजना शुक्रवार सुबह घर से कन्या पूजन के लिए निकलीं। शाम को दोनों घर लौट रही थीं। घर के पास पहुंचते ही पीछे से आ रही तेज रफ्तार बाइक सवार ने दोनों को टक्कर मार दी।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह

स्वजन की ओर से तहरीर मिली

सूचना पर मुखानी थानाध्यक्ष विजय मेहता टीम के साथ पहुंचे। घायल बच्चियों को अस्पताल भेजा। घायल सुनैना ने एसटीएच में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया। वहीं, श्रीजना निजी अस्पताल के आइसीयू में है।

थानाध्यक्ष के अनुसार दुर्घटना में बाइक सवार भी घायल हुआ है। जिसका उपचार चल रहा है। शनिवार को सुनैना के शव का पोस्टमार्टम कर स्वजन को सौंप दिया। स्वजन की ओर से तहरीर मिल चुकी है। जिसके आधार पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

खून से लथपथ बेटी के सिर पर रुमाल बांधकर थानाध्यक्ष ने पहुंचाया अस्पताल

कठघरिया के बजूनियाहल्दू में रहने वाले हरीश कुमार पेशे से दर्जी हैं। शुक्रवार को उनकी सात साल की बेटी सुनैना अपनी दोस्त श्रीजना के साथ लोगों के घरों में कन्या पूजन को गई थी। लोगों ने मां स्वरूप बेटियों के पैर धोकर उनका आशीर्वाद लिया। लौटते समय बाइक सवार काल बनकर आया।

रास्ते में किनारे-किनारे जा रही दोनों बेटियों को रौंद डाला। मासूम खून से लथपथ सड़क पर गिर पड़ीं। सूचना पर मुखानी थानाध्यक्ष विजय मेहता पहुंचे। उन्होंने सुनैना को अस्पताल भिजवाया। वहीं श्रीजना के सिर से अत्यधिक खून बहने पर अपना रूमाल उसके सिर पर बांध अस्पताल ले गए। श्रीजना जिंदगी और मौत से लड़ रही है। स्वजन उनके स्वस्थ्य होने की कामना कर रहे हैं।

हरीश ने बताया कि वह मूलरूप से उत्तर प्रदेश के ग्राम महतोष बिलासपुर के रहने वाले हैं और पिछले सात साल से कठघरिया में रहकर काम करते हैं। उनके तीन बच्चे हैं। जिसमें सुनैना दूसरे नंबर की थी। सुनैना प्राइमरी स्कूल में कक्षा दो में पढ़ती थी। शुक्रवार की सुबह बेटी लोगों के बुलावे पर कन्या पूजन के लिए चली गई थी।

शाम को वह बेटी के घर पहुंचने का इंतजार कर रहे थे। तभी उसकी मौत की खबर आई। उनका कहना है बेटी होनहार थी। बच्चों के खातिर वह हल्द्वानी में काम करने आए। इधर, शनिवार को श्रीजना के स्वजन अस्पताल के बाहर मायूस होकर बैठे रहे।


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