सरकार की तरफ से कहा गया कि उसने 23 अप्रैल 2024 को शासनादेश जारी कर कहा था कि 30 सितंबर तक छात्र संघ चुनाव हो जाने चाहिए। लेकिन विश्वविद्यालययों ने उस आदेश का अनुपालन नहीं किया। चुनाव कराने की समय सीमा निकल चुकी है।
हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट
इसलिए अब छात्र संघ का चुनाव कराना सम्भव नहीं है। इसके आधार पर कोर्ट ने जनहित याचिका निस्तारित कर दी। बता दें कि बीते कुछ दिनों से छात्र संघ चुनाव कराने की मांग को लेकर छात्र संगठन सड़कों पर जमकर विरोध कर रहे हैं।
देहरादून के डीएवी कॉलेज में एक छात्र नेता बीएसएनएल के टॉवर पर तक चढ़ कर विरोध दर्ज कराने पहुंचे। काफी मशक्कत के बाद छात्र नेता को उतारा गया। छात्रों का कहना है कि सरकार जानबूझकर चुनाव टाल रही है। इसके साथ ही मामला कोर्ट में भी चल रहा था।
याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि सरकार अपने ही शासनादेश को लागू कराने में सफल नहीं हुई। लिंगदोह कमेटी की रिपोर्ट का उल्लंघन किया गया। छात्र संघ का चुनाव न कराना उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। चाहे तो सरकार अपने आदेश को वापस लेकर छात्र संघ का चुनाव करा सकती है।
कमेटी की रिपोर्ट में स्पष्ट लिखा है कि एडमिशन होने के आठ सप्ताह के भीतर चुनाव हो जाने चाहिए, ताकि बाद में उनकी पढ़ाई प्रभावित न हो। देहरादून निवासी समाजिक कार्यकर्ता महिपाल सिंह ने समाचार पत्रों में 25 अक्टूबर को राजकीय विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव कराए जाने की खबर का संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि राज्य सरकार ने 23 अप्रैल 2024 को एक शैक्षणिक कैलेंडर जारी किया था।
इसमें छात्रसंघ चुनाव 30 सितंबर 2024 तक कराने का निर्देश दिया गया था। इसके बावजूद विश्वविद्यालय प्रशासन ने समय पर चुनाव आयोजित नहीं किए और न ही शासन से दिशा-निर्देश प्राप्त किए। ये लिंगदोह समिति की सिफारिशों का उल्लंघन है। इससे छात्रों की पढ़ाई में असर पड़ रहा है।