हिंसा फैला रही भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. पुलिस के एक्शन में भीड़ में कुछ लोग घायल हुए हैं. कई घंटों की मशक्कत के बाद बामुश्किल भीड़ पर काबू पाया गया. शहर में देर शाम तक हालात तनावपूर्ण बने रहे, जिसे दखते हुए पूरे जिले में देर शाम से अग्रिम आदेशों तक भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 लागू कर दी गई. पुलिस अराकता फैलाने वाले लोगों को चिह्नित कर रही है.
हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट
पुरानी मस्जिद हटाने को लेकर निकाली जनआक्रोश रैली
उत्तरकाशी में पुरानी मस्जिद के विरोध में हिंदू वादी संगठन सड़कों पर उतरे हुए हैं. गुरुवार को मस्जिद हटाने की मांग करते हुए शहर में जनआक्रोश रैली निकाली गई. इसके लिए हनुमान चौक पर बड़ी संख्या में एक समुदाय के लोगों की भीड़ जुटी. रैली को देवभूमि रक्षा अभियान के संस्थापक स्वामी दर्शन भारती, लखपत भंडारी, राकेश उत्तराखंडी, केशवानंद गिरी, सूरज डबराल और जितेंद्र चौहान ने संबोधित करते हुए दूसरे समुदाय के व्यापारियों की दुकानों से खरीदारी न करने कहा. इसके बाद रैली मुख्य बाजार और काली कमली होते हुए आगे बढ़ी.
भीड़ ने पुलिस पर किया पथराव
रैली में शामिल भीड़ अचानक मस्जिद जाने वाले रास्ते की ओर जाने लगी. पुलिस ने यहां पहले से बैरिकेडिंग की हुई थी. भीड़ यहां से बैरिकेडिंग हटाने की मांग करने लगी. इस बीच काफी देर तक हंगामा होता रहा. अचानक भीड़ उग्र हो गई और किसी ने पुलिस पर बोतल फेंक दी. जिसके बाद हालात बेकाबू हो गए. भीड़ ने पुलिस पर पथराव कर दिया. पत्थरबाजी की घटना में 7 पुलिसकर्मी घायल हो गए. भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.
दूसरे समुदाय की दुकानों में तोड़फोड़
पुलिस एक्शन के बाद भीड़ में शामिल लोग बाजार पहुंच गए. उन्होंने वहां दूसरे समुदाय के लोगों की दुकानों को निशाना बनाया. वहां रखा सामान फेंक दिया गया. तोड़फोड़ की गई. इस बीच अराजकतत्वों ने गरीब ठेले वालों को भी नहीं बख्शा. फल विक्रेता के सामान को पलट दिया. उनका नुकसान पहुंचाया गया. तनावपूर्ण हालात को देखते हुए डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने जिले में बीएनएसएस की धारा 163 लागू कर दी. इसके तहत पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के एकजुट होने पर प्रतिबंध लगाया गया. एसडीएम मुकेश चंद रमोला ने बताया कि रैली निकालने के लिए जिस रूट का उल्लेख था, उसी के अनुसार बैरिकेडिंग लगाई गई थी. लेकिन प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग हटाकर उन्हें जाने देने की मांग पर अड़े हुए थे.