राज्य आंदोलनकारी त्रिवेंद्र सिंह पवार की याद में सर्व दलिया सभा संपन्न हरीश रावत सुबोध उनियाल किशोर उपाध्याय समर भंडारी धीरेंद्र प्रताप डॉक्टर विजेंद्र पोखरियाल समेत तमाम राजनीतिक दलों के नेता हुए शामिल
हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट
करण मेहरा ने भरी हुंकार कहा राज्य आंदोलनकारी का सम्मान गिरने नहीं देंगे आज यहां शाहिद स्मारक पर आयोजित एक सर्व दलीय श्रद्धांजलि सभा में चिन्हित राज्य आन्दोलनकारी सयुक्त समिति के केन्द्रीय मुख्य संरक्षक धीरेन्द्र प्रताप की अध्यक्षता में स्वर्गीय त्रिवेंद्र सिंह पवार की याद में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया इस सभा में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत उत्तराखंड सरकार में वन मंत्री सुबोध उनियाल भाजपा के विधायक वह वरिष्ठ नेता किशोर उपाध्याय कांग्रेस के प्रताप नगर विधायक विक्रम सिंह नेगी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा समित सैकड़ों राज्य आंदोलनकारी ने भाग लिया इस सभा को दिग्गज राज्य आंदोलनकारी डॉ कृपाल सिंह रावत सरोज चिन्हित राज्य आन्दोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ विजेन्द्र पोखरियाल भाजपा के नेता जितेंद्र गौड़ उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी प्रवक्ता प्रदीप कुकरेती और संचालन करते हुए संयुक्त समिति के केंद्रीय महासचिव नवीन नैथानी और आंदोलनकारी मंच के नेता पूरन सिंह लिंगवाल ने संयुक्त रूप से किया इस सभा को संबोधित करते हुए सभी वक्ताओं ने त्रिवेंद्र सिंह पवार के निधन को राज्य आंदोलन की और उत्तराखंड की भारी छती बताया धीरेंद्र प्रताप ने इस मौके पर पिछले राज्य बनने के 24 वर्षों में 20000 से ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं के सवाल को मुद्दा बनाते हुए कहा कि राज्य सरकार को इसकी जांच के लिए एक आयोग बनाना चाहिए इसकी अध्यक्षता हाई कोर्ट के एक्टिंग जज को करनी चाहिए उन्होंने कहा पहाड़ों में जहां बाघ और गुलदार लोगों को खाने में लगे हैं वहीं मैदाने में और अन्य स्थानों में सड़कों की हालत इतनी खराब है की जगह-जगह एक्सीडेंट में सैकड़ो लोग खत्म हो रहे हैं और इसकी संख्या इसलिए 24 वर्षों में 20000 से ऊपर पहुंच गई है उन्होंने इस मौके पर त्रिवेंद्र पवार के अलावा बीड़ी रतूड़ी और विद्यादत्त रतूड़ी को भी श्रद्धांजलि दी और उन्हें राज्य आंदोलन के स्वर्णिम हस्ताक्षर बताया पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा की आवश्यकता हो गई है कि राजनीतिक दलों के नेता दलों की परिधि से ऊपर उठकर सोच और राज्य के आंदोलनकारी के जो सपने थे उनके अनुरूप राज्य को बनाने के प्रयास करें उन्होंने इसके लिए एक समन्वित पहल की अपील की और यह कहा कि राज्य आंदोलनकारी की स्मृति को एक्शन बनाए रखने के लिए राज्य आंदोलनकारी को राजनीतिक दलों के साथ मिलकर एक समन्वय समिति का गठन करना चाहिए और यह समन्वय समिति राज्य आंदोलनकारी की सोच के राज्य को बनाने के अलावा राज्य आंदोलनकारी की स्मृति को आरक्षण बनाए रखने के लिए प्रयास करें इस मौके पर मंत्री सुबोध उनियाल नेआश्वासन दिया कि राज्य आन्दोलनकारीयों की स्मृति को खंडित नहीं होने दिया जाएगा और उनकी याद में वन विभाग से लेकर शिक्षा विभाग से लेकर सड़कों विभाग से लेकर तमाम स्थानों पर उनकी याद में सड़कों के नाम वनों के नाम और अन्य संस्थानों के नाम किए जाएंगे इस मौके पर विधायक किशोर उपाध्याय ने राज्य आंदोलनकारी त्रिवेन्द्र पवार बी डी रतूड़ी विद्या दत्त रतूड़ी को राज्य आंदोलन का एक सुनहरा अध्याय बताया और कहा उनकी असामाईक मृत्यु से पूरे राज्य आंदोलन को धक्का पहुंचा है इस मौके पर प्रताप नगर के विधायक विक्रम सिंह नेगी ने तीनों आंदोलनकारी त्रिवेंद्र पवार विद्यादत्त रतूड़ी और बीडी रतूड़ी को प्रताप नगर की शान बताया और उन्होंने कहा कि उनके निधन से प्रताप नगर की इतिहास में तीन नाम मिल का पत्थर तो जुड़ गए लेकिन उनके निधन से भारी क्षति हुई है इस मौके पर उनके अलावा भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता कांग्रेस समर भंडारी उत्तराखंड क्रांति दल के नेता लताफ़त हुसैन देहरादून नगर कांग्रेस अध्यक्ष जसविंदर सिंह भोगी और पूर्व राज्य मंत्री कांग्रेस महामंत्री मनीष नागपाल और नवीन जोशी महिला मंच की नेता निर्मल बिष्ट श्रीमती पुष्प लता श्रीमती दुर्गा ध्यानी श्रीमती रेणु नेगी देवी प्रसाद ब्यास महेश जोशी चतर सिंह राणा समेत अनेक लोगों ने इस सभा में भाग लिया राज्य आंदोलनकारी अंबुज शर्मा ने इस मौके पर राज्य आंदोलनकारी की स्थिति पर चर्चा की और कहा कि जिन लोगों को आरक्षण का लाभ ही मिला है उनका भी ठीक से अभी तक समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है धीरेंद्र प्रताप ने कहा उनके समाधान के लिए मुख्यमंत्री से मिलकर कोशिश की जाएगी इस मौके पर 2 मिनट का मौन रखें तीनों नेताओं को श्रद्धांजलि अर्पित की गई सभा का धन्यवाद करते हुए समिति के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ विजेंद्र पोखरियाल ने कहा कि जिस तरह से मूल निवास और भू कानून को लेकर लोगों को संघर्ष करना पड़ रहा है श्रद्धांजलि स्वभाव के अलावा बड़ी-बड़ी संघर्ष रेलिया को भी हमको आयोजन करना होगा और परिसीमन जैसे सवालों को लेकर मिलकर लड़ाई लड़नी होगी तभी जा कर पलायन पर रोक लग सकती जब क्षेत्रफल के अनुसार परिसीमन हो ओर मूल निवास अनिवार्य होगा