बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हाल ही में ISIS के झंडे लहराने की तस्वीरें सामने आई हैं. एक युवक को स्केटिंग करते हुए इस झंडे को लहराते देखा गया, जिसने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है.

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बांग्लादेश की सड़कों पर इस तरह की घटनाएं कट्टरपंथ के बढ़ते प्रभाव की ओर इशारा करती हैं.

प्रिंट मीडिया,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर

यूनुस सरकार पर सवाल

इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. क्या बांग्लादेश में ISIS जैसे खतरनाक आतंकी संगठन की एंट्री हो चुकी है? क्या यह हिंदुओं के खिलाफ किसी बड़ी साजिश का हिस्सा है? बांग्लादेश में बढ़ती कट्टरता और हिंसा के बीच यह घटना चिंताजनक है.

हिंदुओं पर लगातार बढ़ते हमले

बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमले पिछले कुछ वर्षों में तेज हुए हैं. धार्मिक स्थलों पर तोड़फोड़, दुर्गा पूजा समारोहों में हमले, और हिंदू समुदाय को निशाना बनाकर की जा रही हिंसा ने पहले ही डर का माहौल बना रखा है. अब ISIS के झंडे लहराने की घटना इसे और भयानक बना सकती है.

विशेषज्ञों की चेतावनी

सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि बांग्लादेश में पहले से ही कई आतंकी संगठन सक्रिय हैं. ऐसे में ISIS का नाम और झंडा उभरना, बांग्लादेश के लिए नई चुनौती खड़ी कर सकता है. कुछ जानकार इसे भारत के खिलाफ भी एक इशारा मानते हैं, क्योंकि भारत और बांग्लादेश की सीमा पर सुरक्षा पहले से ही एक बड़ा मुद्दा है.

बांग्लादेश का सीरिया बनने का खतरा?

बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति को देखकर ऐसा लगता है कि अगर कट्टरपंथ पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह देश आतंक का नया अड्डा बन सकता है. सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि यूनुस सरकार को तुरंत इस घटना की सच्चाई उजागर करनी चाहिए.

भारत के लिए खतरा

बांग्लादेश में बढ़ती अस्थिरता और कट्टरता भारत के लिए भी खतरे की घंटी है. भारत और बांग्लादेश के बीच गहरी सांस्कृतिक और आर्थिक साझेदारी है. ऐसे में बांग्लादेश का कट्टरपंथियों के प्रभाव में आना, भारत की सुरक्षा और स्थिरता पर नकारात्मक असर डाल सकता है.

यूनुस सरकार को उठाने होंगे कदम

यह तस्वीर बांग्लादेश सरकार के लिए चेतावनी है. अगर इन घटनाओं पर तुरंत रोक नहीं लगाई गई, तो यह देश के लिए विनाशकारी हो सकता है. यूनुस सरकार को दुनिया के सामने स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बांग्लादेश में आतंकवाद के लिए कोई जगह न हो. बांग्लादेश के सामने चुनौती बड़ी है. अब देखना यह है कि सरकार इसे कैसे संभालती है और इस मुद्दे पर किस तरह का जवाब देती है.


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