भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज 100वीं जन्म जयंती है. 24 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्में वाजपेयी भारत के ऐसे प्रधानमंत्री रहें जिन्हें विपक्ष नेता भी पसंद किया करते थे.

Spread the love

उनके भाषणों में ऐसी ताकत थी कि विरोधी भी कायल हो जाते थे. उनकी तरह उनकी प्रेम कहानी भी सबसे अलग थी. उन्हें प्रेम हो गया जब वो 18 साल के थे. कहानी बड़ी दिलचस्प है. आप पढ़ेंगे तो शायद आपको भी इस प्रेम कहानी से इश्क हो जाए.

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

वो दौर था आजादी की लड़ाई का. वो दौर था भारत छोड़ो आंदलोन का. वो दौर था अटल बिहारी वाजपेयी के जवानी का. उस दौर में अटल ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज (अब महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज) से बीए कर रहे थे. इस दौरान उनकी मुलाकात राजुकमारी हक्सर कौल से हुई. राजुकमारी को देखते ही अटल को मोहब्बत हो गई. कॉलेज में बहुत सी लड़कियां थी लेकिन अटल को राजुकमारी से ही मोहब्बत हुई.

अटल को उस दौर में मोहब्बत हुई जब ये समाज लड़के और लड़कियों की दोस्ती को स्वीकार नहीं करता था. इसलिए अटल प्यार का इजहार करने से डरते थे. राजकुमारी को भी उनसे मोहब्बत हो गई थी. वह भी अपने प्रेम को बताने में हिचकिचा रहीं थी.

वाजपेयी की जीवनी की लेखिका और प्रसिद्ध पत्रकार सागरिका घोष ने बताया, “उस समय दोनों का व्यक्तित्व बेहद प्रभावशाली था. राजकुमारी हक्सर अपनी सुंदरता के लिए जानी जाती थीं, खासकर उनकी आंखें बहुत आकर्षक थीं. उस दौर में बहुत कम लड़कियां कॉलेज में शिक्षा प्राप्त करती थीं, और वाजपेयी उनका आकर्षण महसूस करने लगे थे. राजकुमारी भी उन्हें पसंद करने लगीं.”

एक इंटरव्यू में अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था, “कुंवारा हूं ब्रह्मचारी नहीं.” उनके इस बयान को लोगों ने अपने-अपने हिसाब से अलग-अलग अर्थ निकाला था.

अटल ने किताब के पन्नों में रखा लव लेटर

दिन बीतते चले गए. इशारे-इशारों में राजुकमारी और अटल बातें करने लगे थे. किसी तरह अटल ने हिम्मत जुटाई और अपने दिल की बात कागज पर लिख डाली. इस प्रेम पत्र को उन्होंने लाइब्रेरी की एक किताब में रख दिया. राजुकमारी ने पत्र पढ़ा. उन्होंने पत्र का जवाब भी दिया लेकिन यह जवाब वाजपेयी तक नहीं पहुंचा.

नहीं हो पाई थी अटल और राजकुमारी की शादी

सागरिका घोष कहती हैं, “शुरुआत में उनकी मित्रता राजकुमारी के भाई चांद हक्सर से हुई थी. लेकिन जब विवाह की बात सामने आई, तो राजकुमारी के परिवार ने वाजपेयी को अपनी बेटी के लिए उपयुक्त नहीं माना, क्योंकि वह शिंदे की छावनी में रहते थे और रोज आरएसएस की शाखा में जाते थे. अंततः राजकुमारी हक्सर की शादी दिल्ली के रामजस कॉलेज में दर्शनशास्त्र के शिक्षक ब्रज नारायण कौल से कर दी गई.”

संसद पहुंचने पर फिर शुरू हुआ था मुलाकातों का दौर

राजुकमारी के शादी के बाद अटल ने अपनी राजनीतिक पारी को आगे बढ़ाया. दूसरे आम चुनाव में यूपी के बलरामपुर से जीतकर अटल बिहारी वाजपेयी दिल्ली पहुंचे. इसके बाद राजकुमारी से मिलने का सिलसिला फिर शुरू हुआ.

80 के दशक में राजुकमारी कौल ने एक इंटरव्यू में कहा था, “वाजपेयी और मुझे अपने पति को इस रिश्ते के बारे में कभी भी सफाई नहीं देनी पड़ी. सफ़ाई नहीं देनी पड़ी. मेरे पति और मेरा, वाजपेयी के साथ रिश्ता बहुत अटल था.”

अटल विहारी वाजपेयी को जब दिल्ली में बड़ा सरकारी घर मिला तो राजुकमारी कौल उनके पति ब्रज नारायण कौल और उनकी बेटियां वाजपेयी के घर में शिफ्ट हो गए. वाजपेयी ने राजकुमारी की बेटियों को एडॉप्ट किया था.

2014 में राजुकमारी कौल का 86 साल की उम्र में हार्ट अटैक की वजह से निधन हुआ. उनके निधन पर सोनिया गांधी भी वाजपेयी के घर पहुंची थी. अटल बिहारी 2009 के बाद गंभीर रूप से बीमार रहने लगे थे. वह राजुकमारी कौल के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पाए थे.

राजुकमारी के निधान के बाद 4 साल बाद अटल बिहारी वाजपेयी भी 16 अगस्त 2018 को चल बसे. 93 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली.


Spread the love