उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव के बीच सत्ताधारी नेताओं नौकरशाहो की मिलीभगत से जट सिक्ख सामान्य जाति को राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति हेतु बना दिया ओबीसी क्या है पूरा मामला

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जट सिक्ख पूरे उत्तराखंड में सामान्य जाति में आते हैं। हाई कोर्ट ने जो कमेटी बनाई थी notification मैं भी लिखा है।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

जट सिक्ख सामान्य जाति के हैं। सत्ताधारी नेताओं के दबाव में नौकर साहो द्वारा अमृत पाल सिंह BTC member ,लालपुर नगर पंचायत के अध्यक्ष का टिकट दिलवाने के लिए Amritpal Singh की माता का ओबीसी सर्टिफिकेट 24 दिसंबर 2024 को बना दिया गया। पूरे उत्तराखंड में यह पहला मामला है एक सामान्य जाति की महिला कैसे ओबीसी सर्टिफिकेट प्राप्त कर लेती हैं। विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है उत्तराखंड में नौकरशाह सत्ताधारी नेताओं के दबाव में कार्य कर रहे हैं। जो की वास्तविक ओबीसी जातियों के अधिकारों का हनन है।

जिला उधम सिंह नगर उत्तराखंड नगर निकाय चुनाव में लालपुर नगर पंचायत शीट इस बार महिला ओबीसी है।

सिख धर्म के अनुसार प्रत्येक महिला वह किसी भी जाति की हो, हर महिला अपने अपने नाम के साथ कौर लगाती है। कौर लगाने से महिला की जाति प्रदर्शित नहीं होती है। रंधावा जाति की महिला द्वारा जो की सामान्य जाति में आती है ।नगर पंचायत लालपुर में सत्ताधारी पार्टी से टिकट प्राप्ति हेतु। क्षेत्र पंचायत सदस्य अमृतपाल सिंह रंधावा के द्वारा व्यक्तिगत राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति हेतु अपने माता जी का ओबीसी सर्टिफिकेट बनवा दिया गया सत्ता के गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म है।

उपरोक्त प्रकरण में उत्तराखंड की मूल अवधारणा जिस मकसद से उत्तराखंड राज्य का गठन किया गया था।नौकर साहो और सत्ताधारी नेताओं के द्वारा पलीता लगाया जा रहा है। उत्तराखंड में नौकर साहो के द्वारा एक के बाद एक प्रकरण सामने आते रहते हैं। लेकिन हर बार नौकरशाह अपनी गलतियों को छुपाने के लिए छोटे कर्मचारियों पर गिरा देते हैं गाज। जांच के नाम पर इस तरह के प्रकरण को ठंडा बस्ते में डाल दिया जाता है।

(ऐसा ही कुछ मामला दिनेशपुर क्षेत्र का भी सामने आया है। जिसमें कवल सिंह के द्वारा पत्नी का जो की सामान्य श्रेणी में आते हैं। इन्होंने भी जट की जगह जाट लिखकर ओबीसी प्रमाण पत्र प्राप्त कर लिया है ,जो कि विवादों में है, अब देखना यह है उत्तराखंड में चल क्या रहा है ओबीसी प्रमाण पत्र किसकी सह पर बाटे जा रहे हैं।)

कैसे प्राप्त कर लेते हैं ओबीसी सर्टिफिकेट यह है पूरा मामला, जट सिक्ख सामान्य जाति में आते हैं। लेकिन साजिश कर्ताओं द्वारा जट सिक्ख की जगह जाट का प्रयोग कर ओबीसी सर्टिफिकेट नौकर साहो की मिली भगत से बनवा लिए जाते हैं।

उपरोक्त प्रकरण में आपत्तिकर्ताओं द्वारा कोर्ट जाने की बात कही गई है। सड़क से लेकर सदन तक इस लड़ाई को लड़ा जाएगा। साजिश करताओ के खिलाफ जब तक कार्रवाई नहीं हो जाती लड़ाई जारी रहेगी।


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