पिथौरागढ़ पहाड़ों में मौसम का मिजाज साल दर साल बदलता जा रहा है. आलम यह है कि यहां सर्दियों की ठंड गायब होने लगी है. जाड़ों में बारिश और बर्फबारी की बेरुखी बड़ी दिक्कतों को बुलावा दे सकती है.

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बदलते मौसम के कारण हिमालय में होने वाली धार्मिक यात्राओं का समय भी अब बदल रहा है.
बदलते मौसम को देखते हुए हिमालय में होने वाली धार्मिक यात्राओं का टाइम टेबल भी बदल रहा है. पिथौरागढ़ में होने वाली आदि कैलाश यात्रा को प्रशासन इस बार अप्रैल से शुरू करने का प्लान बना रहा है. बीते सालों में ये यात्रा मई में महीने शुरू होती थी.

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

दरअसल, बीते चार साल से पहाड़ में लगातार सर्दियां सूखी गुजर रही हैं. जिन महीनों में यहां बारिश और बर्फबारी से पारा गिरा रहता था, उन्हीं महीनों में अब गर्मी सताने लगी है. हालात ये हैं कि बीते तीन साल में जनवरी का महीना लगातार गर्म होता गया है. पश्चिमी विक्षोभ के बाद भी पहाड़ों में बारिश और बर्फबारी न के बराबर है. बदलते मौसम का असर कुमाऊं के हिस्सों में ज्यादा नजर आ रहा है. नतीजा ये है कि जो ग्लेशियर बर्फ से लक-दक रहते थे, उनमें नाम मात्र की ही सफेदी नजर आ रही है. मौसम की ये बेरुखी पानी के संकट की बड़ी वजह बन रही है.

सीनियर साइंटिस्ट किरीट कुमार के मुताबिक, ‘सर्दियां सूखी रहेंगी तो पानी के स्रोत रिचार्ज कम होंगे. ग्लेशियर में भी इसका असर पड़ेगा. ग्लेशियरों पर बर्फ कम होने से जहां इनके गलने की रफ्तार तेज हो रही है. वहीं पारा भी साल दर साल चढ़ रहा है. बदले मौसम का असर खेती और बागवानी पर भी सीधा पड़ रहा है.’

डीएम बोले – अप्रैल माह के अंत में शुरू हो जाएगी कैलाश मानसरोवर यात्रा
पिथौरागढ़ डीएम विनोद गोस्वामी ने बताया, ‘बर्फबारी कम हुई है. ऐसे में उम्मीद है कि मई की बजाय अप्रैल माह के अंत में ही कैलाश मान सरोवर यात्रा शुरू कर सकते हैं. बस ये देखना पड़ेगा कि मौसम उस समय कैसा है? ‘

मौसम का ये बदला मिजाज पहाड़ के लिए तो कई मुश्किलें खड़ी कर ही रहा है. साथ ही इसका असर पूरे उत्तर भारत पर भी पड़ना तय है. हिमालया रेंज का मौसम ही उत्तर भारत के पारे को कंट्रोल करता है. ऐसे में अब जरूरी है कि पर्यावरण जैसे मुद्दों पर गंभीरता विचार किया जाए. अन्यथा करोड़ों की आबादी इसकी बड़ी कीमत चुकाने को मजबूर होगी.


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