पंतनगर यूनिवर्सिटी की जमीन पर अतिक्रमण मामला: नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वन विभाग, राजकीय राजमार्ग, राष्ट्रीय राजमार्ग, वन भूमि और राजस्व भूमि पर हुए अतिक्रमण को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने राज्य सरकार से चार सप्ताह में प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
मामले की पैरवी के लिए कोर्ट ने अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली को न्यायमित्र नियुक्त किया है. मामले की अगली सुनवाई के लिए 12 अक्टूबर की तिथि नियत की है. आज 13 सितंबर को हुई सुनवाई पर सरकार की तरफ से कोर्ट को अवगत कराया गया कि प्रशाशन द्वारा पूर्व के आदेश पर सड़कों व वन विभाग की भूमि पर से अतिक्रमण हटाया जा रहा है. कई क्षेत्रों से अतिक्रमण हटा भी दिया गया है, जिसकी फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट पेश की गई.
पूर्व में कोर्ट ने सभी जिलाधिकारी, डीएफओ व राजस्व विभाग को आदेश दिए थे कि राष्ट्रीय राजमार्ग, राजकीय राजमार्गों, राजस्व व वन विभाग की भूमि पर से अतिक्रमण हटाने से पहले की और अतिक्रमण हटाने के बाद की फोटोग्राफ सहित रिपोर्ट शपथपत्र के माध्यम से कोर्ट में पेश करें.
मामले के अनुसार दिल्ली निवासी एक व्यक्ति ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र भेजकर कहा है कि नैनीताल के पदमपुरी में वन विभाग की भूमि पर और रोड के किनारे कुछ लोगों ने सम्बंधित अधिकारियों की मिलीभगत से अतिक्रमण किया है, जिसकी वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, लिहाजा इसे हटाया जाए.
कोर्ट ने इस पत्र का संज्ञान लेकर जनहित याचिका के रूप में सुनवाई की थी. साथ में कोर्ट ने जनहित याचिका के क्षेत्र को विस्तृत करते हुए पूरे प्रदेश में राष्ट्रीय राजमार्ग, राजकीय राजमार्ग, वन भूमि व राजस्व भूमि से अतिक्रमण हटाने के आदेश सभी जिला अधिकारियों व डीएफओ को देकर रिपोर्ट पेश करने को कहा था.
पंतनगर यूनिवर्सिटी की जमीन पर अतिक्रमण मामला: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने बुधवार 13 सितंबर को अतिक्रमण से जुड़े एक और मामले पर सुनवाई की. उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पंत नगर में नेशनल हाईवे, नगला और पंतनगर यूनिवर्सिटी की जमीन पर अतिक्रमण करने के खिलाफ दायर जनहित पर सुनवाई की मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खण्डपीठ ने जिला अधिकारी उधमसिंह नगर को निर्देश दिए है कि अतिक्रमण को लेकर प्रगति रिपोर्ट पेश की जाए. साथ ही कोर्ट ने जिलाधिकारी उधमसिंह नगर, एसएसपी उधमसिंह नगर व एक्जयुक्यूटिव इंजीनियर लोक निर्माण विभाग उधमसिंह नगर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कोर्ट में पेश होने को कहा है. मामले की अगली सुनवाई 27 सितम्बर की तिथि नियत की है.
मामले में आज याचिकाकर्ता ने प्राथर्नापत्र देकर कहा कि 2021 में कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए थे, परन्तु एक बार अतिक्रमण हटने के बाद फिर से अतिक्रमण किया जा रहा है. प्रसाशन द्वारा उन्हें नही हटाया जा रहा है.