पूर्व विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन को मंगलवार, 18 मार्च 2025 को जिला अदालत से बड़ी राहत मिली है. डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद देर शाम उन्हें जमानत दे दी.

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चैंपियन के वकील गोपाल चतुर्वेदी ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने उनके पक्ष में निर्णय सुनाया. फिलहाल, चैंपियन हरिद्वार के जिला अस्पताल में भर्ती हैं, जहां वे पिछले 31 दिनों से खराब स्वास्थ्य के कारण इलाज करा रहे हैं.

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

वकील ने कहा कि आगे की कानूनी प्रक्रियाओं को भी पूरा किया जा रहा है. यह मामला तब सुर्खियों में आया था, जब 26 जनवरी 2025 को कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन और उनके समर्थकों ने खानपुर विधायक उमेश कुमार के रुड़की स्थित कार्यालय पर कथित तौर पर फायरिंग की थी. इस घटना ने क्षेत्र में सनसनी फैला दी थी और राजनीतिक हलकों में हड़कंप मच गया था. पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 27 जनवरी को चैंपियन को गिरफ्तार कर लिया था. उन्हें रोशनाबाद जेल भेज दिया गया था. जेल में 20 दिन बिताने के बाद उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके चलते उन्हें हरिद्वार के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. तब से वे अस्पताल में ही उपचाराधीन थे.

अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद सुनाया फैसला
चैंपियन के वकील गोपाल चतुर्वेदी ने बताया कि जमानत याचिका में उनके स्वास्थ्य और अन्य कानूनी आधारों को मजबूती से रखा गया था. कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद यह फैसला सुनाया. वकील ने कहा, “हमने कोर्ट के समक्ष तथ्यों को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत किया. चैंपियन की खराब सेहत और मामले की परिस्थितियों को देखते हुए कोर्ट ने जमानत देने का निर्णय लिया. यह हमारे लिए बड़ी राहत है.” उन्होंने यह भी बताया कि चैंपियन अभी कुछ दिनों तक अस्पताल में रह सकते हैं, क्योंकि उनकी मेडिकल स्थिति पर अभी भी नजर रखी जा रही है.

इस घटना की शुरुआत 26 जनवरी को हुई थी, जब चैंपियन और उनके समर्थकों ने विधायक उमेश कुमार के कार्यालय पर हमला किया था. पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, इस दौरान फायरिंग की गई, जिसके बाद दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ गया. इस घटना को लेकर क्षेत्र में राजनीतिक विवाद भी गहरा गया था. चैंपियन के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसमें हत्या का प्रयास और अवैध हथियारों का इस्तेमाल जैसी धाराएं शामिल थीं.

उनकी गिरफ्तारी के बाद समर्थकों ने कई बार विरोध प्रदर्शन भी किए थे. चैंपियन के जेल में रहने के दौरान उनकी सेहत लगातार बिगड़ती गई. जेल प्रशासन ने उनकी स्थिति को देखते हुए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने का फैसला लिया था. अस्पताल में भर्ती होने के बाद से ही उनके वकील जमानत के लिए कोशिश कर रहे थे. मंगलवार को कोर्ट का फैसला आने के बाद चैंपियन के समर्थकों में खुशी की लहर देखी गई. कई समर्थकों ने इसे “न्याय की जीत” करार दिया, जबकि विपक्षी खेमे ने इस फैसले पर सवाल उठाए हैं.

कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन उत्तराखंड की राजनीति में एक चर्चित नाम रहे हैं. अपने विवादित बयानों और कार्यशैली के कारण वे अक्सर सुर्खियों में रहते हैं. इस घटना के बाद उनके और विधायक उमेश कुमार के बीच की राजनीतिक दुश्मनी और गहरी हो गई है.

उमेश कुमार ने इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके करीबियों का कहना है कि वे इस फैसले से नाखुश हैं और आगे की कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं.फिलहाल, चैंपियन के लिए यह जमानत एक बड़ी राहत लेकर आई है.

तो क्या खत्म हो गया है केस?
हालांकि, मामला अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है. कोर्ट में मुकदमे की सुनवाई आगे भी जारी रहेगी. दूसरी ओर, चैंपियन के स्वास्थ्य को लेकर उनके परिवार और समर्थक चिंतित हैं. आने वाले दिनों में उनकी रिहाई और आगे की रणनीति पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी. यह मामला न केवल कानूनी, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण बना हुआ है अब आने वाले समय में चुनाव के मद्दे नजर चैंपियन का कद बढ़ गया है.


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