प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगामी नागपुर दौरा भारतीय जनता पार्टी (BJP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) दोनों के लिए विशेष महत्त्व रखता है। यह दौरा न केवल राजनीतिक बल्कि दोनों संगठनों के लिए वैचारिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि संघ की स्थापना के इसी साल 100 वर्ष पूरे हो रहे हैं।

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ऐसे में पीएम मोदी की संघ के मुख्यालय नागपुर में उपस्थिति संगठन और पार्टी की भविष्य की रणनीति को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इस तरह से मोदी देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री भी बन जाएंगे, जो आरएसएस से जुड़े कार्यक्रम में शिरकत करने नागपुर पहुंचेंगे।

PM Modi Nagpur Visit: मोदी और भागवत की ऐतिहासिक मुलाकात

30 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत नागपुर में मंच साझा करने वाले हैं। पिछले साल 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद यह दोनों नेताओं की पहली सार्वजनिक मुलाकात होगी।

संभावना है कि इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी संघ के संस्थापक डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार की जयंती पर उन्हें स्मृति मंदिर जाकर श्रद्धांजलि भी अर्पित करेंगे। अगर ऐसा होता है तो मोदी पहले प्रधानमंत्री होंगे जो पद पर रहते हुए इस स्थान पर पहुंचेंगे। यह संघ और भाजपा के संबंधों की गहराई को प्रदर्शित करता है और इनकी विचारधारा को मजबूती प्रदान करने का भी संकेत देता है।

Mohan Bhagwat and Narendra Modi Meeting: संघ के गुरुजी गोलवलकर को सम्मान

प्रधानमंत्री मोदी नागपुर में माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर के सम्मान में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में भाग लेंगे। गोलवलकर को संघ के अनुयायी ‘गुरुजी’ के नाम से सम्मान देते हैं और उनकी विचारधारा ने संघ को आकार देने में अहम भूमिका निभाई है।

यह दौरा गुड़ी पड़वा के पवित्र अवसर पर हो रहा है, जो मराठी नववर्ष है। साथ ही, हेडगेवार की जयंती भी इसी दिन (हिंदी-मराठी पंचांग के अनुसार) पड़ती है, जो इस आयोजन को और भी अधिक महत्वपूर्ण बना देती है। इससे यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि भाजपा और संघ हिंदू नववर्ष के अवसर को एक बड़े वैचारिक अवसर में बदलना चाहते हैं।

PM Modi Nagpur Visit: माधव नेत्रालय का शिलान्यास

पीएम मोदी इस दौरे पर अत्याधुनिक माधव नेत्रालय के शिलान्यास समारोह में भी शामिल होंगे। यह अस्पताल और रिसर्च सेंटर नेत्र चिकित्सा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इस प्रकार, यह कार्यक्रम केवल वैचारिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक सरोकारों से भी जुड़ा हुआ है, जिससे संघ और भाजपा सरकार की जनता के बीच सकारात्मक छवि बनती है।

RSS and BJP Relationship: RSS के 100 साल और BJP की रणनीति

इस साल विजयादशमी के दिन आरएसएस की स्थापना को 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे। उससे पहले पीएम मोदी का नागपुर दौरा भाजपा और संघ की भविष्य की रणनीतियों को तय करने में अहम भूमिका निभा सकता है।

2024 के बाद की राजनीति: भाजपा को 2024 के आम चुनावों में उम्मीदों के मुताबिक सफलता नहीं मिली। कहा गया कि इसकी वजह ये रही कि दोनों संगठनों में एक दूरी बन गई थी। लेकिन, हरियाणा और महाराष्ट्र चुनाव में दोनों के गिले-शिकवे दूर हुए तो परिणाम बहुत अच्छे देखने को मिले।

‘संघ और भाजपा संगठन में अब कोई संघर्ष नहीं’: बीजेपी और आरएसएस से जुड़े एक विश्वस्त सूत्र ने वनइंडिया से खास बातचीत में कहा है कि “खासकर मीडिया में जिन बातों की चर्चा बहुत ज्यादा की गई है, पीएम मोदी का यह दौरा उसके लिए भी बड़ा संकेत हो सकता है। क्योंकि, इससे यह संदेश मजबूती से निकल सकेगा कि दोनों संगठनों में अब किसी भी तरह का संघर्ष नहीं है और यह राजनीतिक दृष्टिकोण से बीजेपी के कार्यकर्ताओं के लिए मनोबल बढ़ाने वाला रहेगा।”

विकसित भारत 2047: मोदी सरकार के एजेंडे में 2047 तक ‘विकसित भारत’ बनाने की योजना शामिल है, जिसमें संघ की विचारधारा की अहम भूमिका रहेगी; और पीएम मोदी का यह नागपुर दौरा उस लिहाज से भी महत्वपूर्ण रहने वाला है।

युवाओं और समाज को जोड़ने की पहल: संघ की सेवा गतिविधियों को बढ़ावा देकर बीजेपी अपने जनाधार को और विस्तारित कर सकती है।

PM Modi Nagpur Visit 2025: RSS और मोदी-एक अटूट संबंध

हाल ही में अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन को दिए गए एक इंटरव्यू में प्रधानमंत्री मोदी ने संघ के साथ अपने संबंधों पर खुलकर बात की है और कहा है-

‘मेरा सौभाग्य है कि मैं आरएसएस जैसे पवित्र संगठन का स्वयंसेवक रहा हूं।’

‘संघ ने मुझे जीवन का उद्देश्य और जीवन के संस्कार दिए।’

‘आरएसएस ने 100 वर्षों में चकाचौंध की दुनिया से दूर रहकर, एक साधक की तरह समर्पित भाव से देश के लिए कार्य किया है।’

इस बयान से साफ है कि प्रधानमंत्री मोदी संघ को केवल एक संगठन के रूप में नहीं, बल्कि अपने जीवन का आधार मानते हैं।

PM Modi Nagpur Visit: भाजपा के दीर्घकालिक विजन महत्वपूर्ण साबित होगा पीएम मोदी का नागपुर दौरा

प्रधानमंत्री मोदी का नागपुर दौरा केवल एक औपचारिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह भाजपा और संघ की आगामी रणनीतियों की दिशा तय करने वाला एक महत्वपूर्ण अवसर साबित हो सकता है।

संघ के 100 साल पूरे होने के अवसर पर यह दौरा भाजपा के दीर्घकालिक विजन को स्पष्ट करने और संगठनात्मक मजबूती को पेश करने का एक मंच बनेगा। इसके माध्यम से इसकी हिंदुत्व की विचारधारा को मजबूती मिलेगी, और साथ ही सामाजिक विकास की योजनाओं पर भी जोर दिया जाएगा।


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