उत्तराखंड सरकार ने बिजली के स्मार्ट मीटर लगाने की योजना की घोषणा की है, जिससे उपभोक्ताओं को महत्वपूर्ण राहत मिलेगी। घरेलू कनेक्शन पर हर महीने चार प्रतिशत और गैर-आवासीय कनेक्शन पर तीन प्रतिशत की छूट दी जाएगी, जिससे लाखों उपभोक्ताओं के मासिक बिजली खर्च में कमी आएगी।

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प्रीपेड स्मार्ट मीटर का स्वैच्छिक विकल्प

ऊर्जा के प्रमुख सचिव आर मीनाक्षीसुंदरम ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि प्रीपेड स्मार्ट मीटर का उपयोग पूरी तरह से स्वैच्छिक है। उपभोक्ता अपनी इच्छा से अपने मीटर को स्मार्ट मीटर में परिवर्तित कर सकते हैं। जो लोग इस योजना का लाभ उठाएंगे, उन्हें हर महीने बिजली बिल में छूट मिलेगी।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

राष्ट्रीय स्तर पर स्मार्ट मीटर योजना

यह स्मार्ट मीटर योजना पूरे देश में लागू की जा रही है, और उत्तराखंड सरकार इसे राज्य में तेजी से लागू करने के लिए प्रयासरत है। इसका मुख्य उद्देश्य बिजली आपूर्ति को अधिक पारदर्शी और सुविधाजनक बनाना है।

घर बैठे रिचार्ज की सुविधा

स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को कई नई सुविधाएं प्रदान करेगा। अब उपभोक्ता अपने मोबाइल एप या ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से घर बैठे ही बिजली मीटर का रिचार्ज कर सकेंगे, जिससे समय पर बिल जमा न करने पर लगने वाले अतिरिक्त शुल्क से राहत मिलेगी।

बैलेंस खत्म होने पर भी बिजली की आपूर्ति

छुट्टियों या रात में बैलेंस खत्म होने पर उपभोक्ताओं को बिजली कटने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। स्मार्ट मीटर सिस्टम यह सुनिश्चित करेगा कि उपभोक्ताओं को बिना किसी रुकावट के बिजली मिलती रहे।

2026 तक 15.88 लाख उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर

राज्य सरकार की योजना के अनुसार, जून 2026 तक उत्तराखंड में 15.88 लाख उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर से जोड़ा जाएगा। इस योजना के तहत 59,212 ट्रांसफार्मर और 2,602 फीडर के मीटर बदले जाएंगे। वर्तमान में, 24,610 उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर स्थापित किए जा चुके हैं।

सरकारी आवासों में भी स्मार्ट मीटर

सरकार की योजना के अनुसार, मंत्रियों, विधायकों और उच्च अधिकारियों के आवासों में भी स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जिससे सरकारी उपभोक्ताओं की बिजली खपत को पारदर्शी बनाया जा सकेगा।

स्मार्ट मीटर के लाभ

स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के लिए कई लाभ प्रदान करेगा, जैसे:

  • बिजली चोरी में कमी: स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी की घटनाओं में कमी आएगी, जिससे राजस्व घाटा कम होगा।
  • रियल-टाइम मॉनिटरिंग: बिजली खपत का वास्तविक समय में आंकलन किया जा सकेगा, जिससे वितरण व्यवस्था अधिक सुचारू होगी।
  • बिलिंग प्रक्रिया में पारदर्शिता: गलत बिलिंग की समस्याएं समाप्त होंगी और उपभोक्ताओं को सटीक बिल प्राप्त होगा।

उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया

स्मार्ट मीटर योजना पर उपभोक्ताओं की प्रतिक्रियाएं मिश्रित हैं। कुछ का मानना है कि इससे बिजली बिलिंग में सुधार होगा, जबकि कुछ को प्रीपेड सिस्टम अपनाने में संदेह है। हालांकि, सरकार का दावा है कि यह योजना उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी होगी।

सरकार की प्रतिबद्धता

उत्तराखंड सरकार स्मार्ट मीटर योजना को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस योजना के माध्यम से उपभोक्ताओं को अधिक सुविधा और पारदर्शिता मिलेगी, जिससे राज्य में ऊर्जा प्रबंधन को और अधिक कुशल बनाया जा सकेगा।


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