इसी बीच जानकारी सामने आई है कि आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख सदस्यों के बीच मतभेद काफी ज्यादा बढ़ चुकी है। दक्षिण एशिया में आतंकवादी हमलों की योजना बनाने को लेकर उनके बीच मतभेद गहरा हो चुका है।


प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
(जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर की फाइल फोटो)
पाक सेना ने मतभेद खत्म करने की कोशिश की
दोनों आतंकी संगठन अब एक साथ मिलकर काम नहीं करना चाहते। दोनों संगठनों में मतभेद खत्म करने की कोशिश पाकिस्तान सेना ने भी की। पाकिस्तान सेना के उच्च अधिकारियों ने दोनों संगठनों के आतंकियों से बातचीत भी की।
बता दें कि जैश-ए-मोहम्मद, देवबंदी संप्रदाय का अनुसरण करता है, जो सुन्नी इस्लाम के भीतर एक पुनरुत्थानवादी आंदोलन है। वहीं, लश्कर-ए-तैयबा अहल-ए-हदीस का अनुसरण करता है, जिसका गठन 18वीं शताब्दी के विचारक शाह वलीउल्लाह देहलवी ने किया था। दोनों आतंकी संगठनों के बीच बढ़ती दुश्मनी पर भारत भी पैनी नजर बनाए हुए है।
कराची में मारा गया हाफिज सईद का करीबी
बता दें कि आज ही आतंकवादी हाफिज सईद के रिश्तेदार और आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंड उगाने वाले अब्दुल रहमान को कराची में अज्ञात शख्स ने गोली मार दी। अब्दुल रहमान आतंकवादी संगठन लश्कर के लिए फंड कलेक्शन का काम करता था।
जितने भी फंड कलेक्टर कराची में फंड उगाने का काम करते थे वह सभी अब्दुल रहमान के पास आकर फंड जमा करते थे जहां से यह आगे जाता था।
हमले में घायल हुआ था हाफिज सईद
बताते चलें कि हाल ही में लश्कर ए तैयबा आतंकी अबू कताल सिंधी मारा गया। जम्मू के रियासी में तीर्थयात्रियों की हत्या की साजिश रचने वाले अबू कताल की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
इस हमले में 2008 के मुंबई हमले का साजिशकर्ता और लश्कर-ए- तैयबा का संस्थापक अंतरराष्ट्रीय आतंकी हाफिज सईद (Hafiz Saeed) के भी घायल होने की खबर है, जिसका इलाज रावलपिंडी के सैन्य अस्पताल में चल रहा है। हालांकि, उसके स्वास्थ्य को लेकर कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है।

