
नैनीताल रोड, रुद्रपुर।हनुमान जन्मोत्सव के पावन अवसर पर जब पूरा सिद्धविनायक हॉस्पिटल परिसर “जय श्री राम” और “जय बजरंग बली” के उद्घोषों से गूंज रहा था, तब एक अलग ही छवि नजर आई—पूर्व विधायक श्री राजेश शुक्ला की, जो एक जनप्रतिनिधि के रूप में नहीं, बल्कि एक भक्त, एक सेवक और आध्यात्मिक साधक के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे।


पूरे परिवार सहित पूजा-अर्चना करते हुए उनका भावुक और शांत चेहरा इस बात का प्रतीक था कि राजनीति से ऊपर भी एक लोकसेवा होती है—आध्यात्मिक सेवा। जहां आज के समय में नेता अक्सर आयोजनों में दिखावे के लिए शामिल होते हैं, वहीं शुक्ला जी की श्रद्धा और संलग्नता वास्तविक और आत्मिक थी।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा, “हनुमान जी का जीवन हमें निस्वार्थ सेवा और शक्ति का संदेश देता है। समाज को इन मूल्यों की अत्यधिक आवश्यकता है, खासकर आज के दौर में।”
उनका यह वक्तव्य केवल एक भाषण नहीं, बल्कि एक सामाजिक संदेश था—राजनीति और धर्म का संगम तभी सार्थक होता है जब उसमें आत्मीयता, श्रद्धा और सेवा का भाव हो।
श्री शुक्ला की उपस्थिति ने न केवल आयोजन की गरिमा को बढ़ाया, बल्कि युवाओं और श्रद्धालुओं के लिए एक आदर्श भी प्रस्तुत किया। भक्ति, उत्साह और अनुशासन से भरे इस आयोजन में उनका सादगीपूर्ण अंदाज यह बताता है कि असली नेता वही होता है जो जनता के बीच सिर्फ चुनावों में नहीं, उत्सवों और संकटों में भी खड़ा नजर आता है।
सिद्धविनायक हॉस्पिटल में हुए इस आयोजन ने रुद्रपुर की धार्मिक चेतना को नया आयाम दिया, जिसमें पूर्व विधायक राजेश शुक्ला की भूमिका एक आध्यात्मिक प्रेरणा की तरह उभरी।
– संवाददाता, अवतार सिंह बिष्ट
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