श्री बालाजी मंदिर, मेहंदीपुर एक हिंदू मंदिर है जो राजस्थान के दौसा जिले के मेहंदीपुर में स्थित है. यह मंदिर भगवान हनुमान को समर्पित है, जिन्हें बालाजी के नाम से भी जाना जाता है.

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यह धार्मिक स्थल पूरे साल देश के विभिन्न हिस्सों से कई तीर्थयात्रियों द्वारा दर्शन किया जाता है. मंदिर के सामने श्री सियाराम भगवान को समर्पित एक मंदिर है, जिसके अंदर सियाराम की एक सुंदर मूर्ति बनी हुई है.

शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)संवाददाता

ऐसा माना जाता है कि बुरी आत्माओं या संकटवालों से पीड़ित व्यक्ति को इस मंदिर की यात्रा पर अपनी परेशानी से राहत मिलती है. वे भगवान बालाजी को बूंदी के लड्डू और भैरव बाबा को उड़द की दाल और चावल का भोग लगाते हैं, जो उन्हें बुरी आत्माओं से छुटकारा पाने में मदद करते हैं. शनिवार के दौरान मंदिर में बहुत भीड़ होती है. लेकिन आपको बता दें ये मंदिर देश के बाकी मंदिरों से नियमों को लेकर अलग पहचान रखता है. क्योंकि इस मंदिर में आने से पहले और दर्शनों के बाद भी भक्तों को कुछ जरूरी नियमों का पालन करना होता है, वर्ना उनकी यात्रा अधूरी मानी जाती है.

मंदिर में आने से पहले के नियम

  • पवित्रता बनाए रखें

मंदिर आने से कम से कम एक सप्ताह पहले से प्याज, लहसुन, मांस और मदिरा का सेवन बंद कर दें. ब्रह्मचर्य का पालन करें और शुद्ध विचार रखें.

  • काले वस्त्र न पहनें

मंदिर में काले रंग के कपड़े पहनकर न जाएं. चमड़े से बनी वस्तुओं का भी प्रयोग न करें.

  • सात्विक भोजन

मंदिर आने से पहले और दर्शन के बाद कुछ दिनों तक सात्विक भोजन ही करें.

  • नकारात्मक विचारों से बचें

मंदिर आते समय और मंदिर परिसर में नकारात्मक विचारों से दूर रहें.

मंदिर में दर्शन के दौरान के नियम

  • शांति बनाए रखें

मंदिर परिसर में शांति और श्रद्धा का माहौल बनाए रखें. शोर न करें और किसी भी प्रकार की अभद्र भाषा का प्रयोग न करें.

  • आरती के समय ध्यान लगाएं

जब मंदिर में आरती हो रही हो, तो केवल भगवान की ओर देखें. पीछे मुड़कर या किसी की आवाज सुनकर पीछे न देखें.

  • प्रसाद ग्रहण

मंदिर के पुजारी के अलावा किसी और से प्रसाद न लें.

मंदिर से जाने के बाद के नियम

  • प्रसाद घर न ले जाएं

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का प्रसाद घर लेकर जाना निषेध है. मान्यता है कि ऐसा करने से नकारात्मक शक्तियां आपके साथ घर जा सकती हैं. मंदिर में ही प्रसाद ग्रहण करें या उसे वहीं छोड़ दें.

  • कुछ दिनों तक परहेज करें

मंदिर से लौटने के बाद भी कुछ दिनों तक प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा और अंडे का सेवन न करें. ब्रह्मचर्य का पालन करें.


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