
पाकिस्तान जानता है कि भारत बदला तो जरूर लेगा और इसी खौफ में उसने पूर्वी सीमा पर सेना को अलर्ट पर रखा है. हालांकि, उसके पश्चिम में एक मुस्लिम मुल्क में भारत का एयरबेस है, जहां से पेशावर, इस्लामाबाद और पीओके सिर्फ 500-600 किमी दूर हैं. अगर भारत ने इस एयरबेस का इस्तेमाल किया तो पाकिस्तान अपनी बर्बादी रोक नहीं पाएगा.


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
इकनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार तजाकिस्तान में मौजूद भारत का ये एयरबेस पाकिस्तान के खिलाफ अहम भूमिका निभा सकता है क्योंकि इसकी लोकेशन ऐसी है कि उत्तरी और पश्चिमी क्षेत्र को कवर करने के लिए उसे रक्षा संसाधनों का विस्तार करना पड़ेगा. इस एयरबेस का नाम है- गिस्सार मिलिट्री एयरोड्रोम या एनी एयरबेस, जिसे 90 के दशक में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने बनवाया था.
पाकिस्तान ने पूर्वी सीमा पर सेना को अलर्ट पर रखा गया
मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसी खबरे हैं कि पाकिस्तान का फोकस इस वक्त पूर्व की तरफ से हमले पर है. हवाई सुरक्षा सिस्टम एक्टिवेट कर दिए गए हैं, उनका रुख भारतीय सीमा की तरफ मोड़ दिया गया है और मॉक ड्रिल्स की जा रही हैं. इधर, गृह मंत्रालय ने भी सोमवार (5 मई, 2025) को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मॉक ड्रिल के निर्देश दिए हैं. 7 मई को देशभर के 244 जिलों में ये मॉक ड्रिल होनी हैं.
भारत के एयरबेस से सिर्फ 600 किमी दूर इस्लामाबाद
अगर भारत ने तजाकिस्तान में मौजूद इस एयरबेस से हमला किया तो पाकिस्तान पूरी तरह से तहस नहस हो जाएगा. एनी एयरबेस तजाकिस्तान की राजधानी दुशांबे से सिर्फ 15 किमी की दूरी पर है, जहां से पेशावर की दूरी 500 किमी, जबकि इस्लामाबाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) 600 किमी दूर हैं और अफगानिस्तान बॉर्डर से ये शहर सिर्फ 150 किमी की दूरी पर हैं.
एनी एयरबेस से कैसे हमला कर सकता है भारत?
एनी एयरबेस से हमला करने के लिए भारत के पास दो रूट हैं. एक अफगानिस्तान को क्रॉस करके पाकिस्तान पर अटैक हो, दूसरा वखान कॉरिडोर है, जो पीओके और उत्तरी तजाकिस्तान के बीच मौजूद है. दोनों ही रूट सुरक्षा के लिहाज से कमजोर हैं.
पहले रूट में भारतीय एयरक्राफ्ट्स को अफगानिस्तान से होकर जाना होगा, जहां हवाई सुरक्षा की कमी है इसलिए यहां से पाकिस्तान को निशाना बनाना ज्यादा आसान है. वखान कॉरिडोर वाले रूट पर भी सुरक्षा नहीं है इसलिए ये ऐसे समय में काम आ सकता है. कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि भारत ने यहां SU-30MKI फाइटर जेट को तैनात किया हुआ है.
अटल बिहारी वायपेयी सरकार में बनाया गया तजाकिस्तान एयरबेस
90 के दशक से भारतीय सेना तजाकिस्तान में मौजूद है. अमेरिका में हुए 9/11 हमले के बाद भारतीय अधिकारियों ने एनी एयरबेस को अपग्रेड करने का फैसला किया, जिनमें मौजूदा नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजित डोभाल और पूर्व एयर चीफ मार्शल बी.एस. धनोआ भी शामिल थे.
तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार और तब के रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस ने भी प्रोजेक्ट का समर्थन किया और भारत ने यहां 3,200 मीटर लंबा रनवे बनाया और एयरक्राफ्ट्स के लिए जरूरी सुविधाओं को भी अपग्रेड किया गया.
