
भारत के विदेश सचिव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए इसकी जानकारी दी। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला पाकिस्तान के लिए किसी ‘ऑक्सीजन’ से कम नहीं है। जब पाकिस्तानी सेना ईंधन संकट, हथियारों की कमी और दो मोर्चों पर दबाव से जूझ रही थी तभी सीजफायर (India and Pakistan agreed to Cease Fire) की घोषणा ने उसे राहत दे दी।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
लगभग हार चुका था पाकिस्तान
बताया जा रहा है कि भारतीय सेना इस बार लगातार पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों और उनके अड्डों को निशाना बना रही थी। हर हमले के साथ पाकिस्तान की सैन्य शक्ति कमजोर होती जा रही थी, और ऐसा लग रहा था कि, पाकिस्तान कभी भी 1971 की तरह सरेंडर कर देगा।
भारतीय वायुसेना और सेना ने पाकिस्तान के सभी बड़े सैन्य अड्डों को तबाह कर दिया था। पाकिस्तान की सेना ईंधन संकट, गोला-बारूद की भारी कमी, और भीतर से बलूच व तहरीक-ए-तालिबान के हमलों से घिरी हुई थी। लेकिन पश्चिमी देशों की चाल ने उसे फिर से बचा लिया है।
भीषण ईंधन संकट से जूझ रही है पाकिस्तानी सेना
इंटेलिजेंस सूत्रों के हवाले से बड़ी जानकारी सामने आई है पाकिस्तान की सेना (Pakistani Army) भीषण ईंधन संकट से जूझ रही है। हालात इतने नाज़ुक हो गए हैं कि सेना ने ईंधन सप्लाई पर पूरा नियंत्रण कर लिया है और आम नागरिकों के लिए पेट्रोल की सख्त राशनिंग शुरू कर दी गई है।
पंगु हो चुका है पाकिस्तानी एयरफोर्स
वहीं भारतीय सेना ने एयर स्ट्राइक करते हुए पाकिस्तान के 8 सबसे महत्वपूर्ण एयरबेस को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। जिसके बाद पाकिस्तानी एयरफोर्स (Pakistan Airforce) की ताकत लगभग पंगु हो चुका है।
DGMO स्तर पर हुई बातचीत
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने जानकारी दी है कि, आज

