इसके पीछे एक पौराणिक कथा है कहा जाता है कि इस दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थी और मां गंगा को धरती पर लाने के लिए भागीरथ ने वर्षों कठिन तपस्या की थी. अपने पितरों को मोक्ष दिलाने के लिए ही भागीरथ ने गंगा को पृथ्वी पर उतरा था. ऐसे में यह दिन पितरों के तर्पण के लिए, उनकी मुक्ति के लिए खास बन जाता है. तो अगर आप भी चाहते हैं कि आपका पितरों को मुक्ति मिले तो आपको गंगा दशहरा पर पितरों का तर्पण अवश्य करना चाहिए.


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट
पितृ दोष से मिलेगी मुक्ति
अगर किसी की कुंडली में पितृ दोष है तो भी यह दिन पितृ दोष की शांति के लिए उपयुक्त दिन है. इस दिन आप गंगा नदी में स्थान करके विधि विधान से पितरों का तर्पण करके अपने पितृ दोष को शांत कर सकते हैं और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन आपके पितरों को तर्पण से जन्म मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है और आपको उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है. माना जाता है कि इस दिन पितरों के तर्पण से वो प्रसन्न होते हैं आपको सुख शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं.
इस दिन कैसे करें पितरों को प्रसन्न?
- इस दिन आप गंगा में पितरों के निमित जल में तिल, जौ, अक्षत मिलाकर तर्पण कर सकते हैं.
- उनके नाम से आप दीपदान कर सकते हैं जिसे आप गंगा में प्रवाहित कर सकते हैं. घर के दक्षिण दिशा में दीप जला सकते हैं.
- पितरों के निमित्त इस दिन दान पुण्य का विधान है इस दिन आप पितरों के नाम पर अन्य जल का दान कर सकते हैं. इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. आप पितरों के नाम पर मंत्रों का जाप कर सकते हैं और उनसे अपने किए की क्षमा मांग सकते हैं.
- इस दिन आप पशु और पक्षियों को अन्न और जल दान करके भी पितरों को शांत कर सकते हैं.
- इस दिन आप अपने पितरों के नाम पर पीपल के नीचे शाम के समय एक दिया जला सकते हैं.
इन सब उपाय से आप अपने पितृ दोष का निवारण इस दिन कर सकते हैं और साथ ही अपने पितरों को प्रसन्न कर सकते.

