संपादकीय लेख; रुद्रपुर के ‘नज़ारा रेस्टोरेंट’ में ज़हर परोसा गया — क्या प्रशासन अब भी सोता रहेगा?”

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रुद्रपुर, 13 जून 2025।यह कोई साधारण खाद्य सुरक्षा का मामला नहीं है, बल्कि यह सीधे-सीधे आम जनजीवन की सेहत के साथ किया जा रहा खुला खिलवाड़ है। भूरानी रोड स्थित ‘नज़ारा रेस्टोरेंट’ में सोमवार रात जो कुछ हुआ, उसने न सिर्फ रुद्रपुर शहर की खाद्य निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, बल्कि यह भी दिखा दिया है कि कैसे स्वाद की तलाश में ग्राहक अनजाने में ज़हर निगल रहे हैं।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

कुछ युवकों ने जब ‘नज़ारा रेस्टोरेंट’ में बटर चिकन का ऑर्डर दिया, तो उन्हें जो परोसा गया, वह स्वाद नहीं बल्कि भयावहता का नमूना था। चिकन के साथ परोसी गई ग्रेवी में जीवित कीड़े रेंगते पाए गए। यह कोई भ्रम नहीं था, युवकों ने इसका वीडियो बना लिया जो अब सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से वायरल हो चुका है।

स्वास्थ्य से विश्वासघात

जब युवकों ने इस बारे में रेस्टोरेंट प्रबंधन से शिकायत की, तो प्रबंधक ने इसे मानने से साफ इनकार कर दिया। यह रवैया दर्शाता है कि न केवल भोजन की गुणवत्ता में भारी गिरावट है, बल्कि रेस्टोरेंट मालिकों में ज़रा भी जवाबदेही का भाव नहीं बचा है।

यह सीधा-सीधा स्वास्थ्य के साथ विश्वासघात है। गर्मी के मौसम में वैसे भी खाद्य पदार्थों में संक्रमण की संभावना अधिक होती है, और ऐसे में यदि ऐसे विषाक्त भोजन को समय रहते किसी सतर्क ग्राहक द्वारा न पकड़ा गया होता, तो यह कई लोगों की जान के लिए गंभीर खतरा बन सकता था।

प्रशासन को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए

इस प्रकरण के बाद यह सवाल उठना लाजमी है कि स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा निरीक्षक आखिर किस कार्य में व्यस्त हैं? क्या उनका काम सिर्फ कार्यालयी फाइलों तक सीमित रह गया है? क्या शहर में चल रहे रेस्टोरेंट्स, ढाबों और फूड जॉइंट्स की रूटीन जांच नहीं होनी चाहिए?

यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी घटना के बाद भी प्रशासन ने अभी तक कोई सख्त कदम नहीं उठाया है। यदि अब भी आँखें बंद रहीं, तो रुद्रपुर जैसे शहर में इस प्रकार के हादसे आम बात हो जाएंगे।

समस्या अकेले ‘नज़ारा रेस्टोरेंट’ तक सीमित नहीं

‘नज़ारा रेस्टोरेंट’ की घटना किसी एक प्रतिष्ठान की लापरवाही मात्र नहीं है, बल्कि यह पूरे शहरी खाद्य निगरानी तंत्र की विफलता को उजागर करता है। यह रेस्टोरेंट अब प्रतीक बन गया है उस अनदेखी का, जो आज हमारे शहर के भोजन-व्यवसायों में आम हो चुकी है।

समाधान की दिशा में सुझाव:

  1. स्वास्थ्य विभाग को तुरंत जांच कर रेस्टोरेंट के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करना चाहिए।
  2. खाद्य पदार्थों की नियमित जांच हेतु हर महीने छापेमारी अभियान चलाना आवश्यक है।
  3. नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग को संयुक्त रूप से एक निगरानी टीम बनानी चाहिए जो हर सप्ताह शहर के प्रमुख होटलों की रेटिंग जारी करे।
  4. सोशल मीडिया पर वायरल मामलों को प्रशासन को स्वतः संज्ञान में लेना चाहिए।

आज रुद्रपुर के नागरिकों को न केवल सावधान रहने की आवश्यकता है, बल्कि अपनी आवाज़ भी उठानी चाहिए। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो एक चेतावनी है, एक आग़ाज़ है उस जन-जागरण का जो इस भ्रष्ट और लापरवाह प्रणाली को जगाने का काम करेगा।

हमें यह समझना होगा कि अब रेस्टोरेंट का ‘मेन्यू’ ही नहीं, उसकी ‘रसोई की स्थिति’ भी हमारी जिम्मेदारी है। वरना अगली बार किसी की थाली में स्वाद नहीं, सीधे अस्पताल का टिकट परोसा जाएगा।


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