तेहरान के पास स्थित फोर्डो, जिसे ईरान का सबसे सुरक्षित परमाणु ठिकाना माना जाता है और तबरीज मिसाइल केंद्र पर भी हमले हुए है.


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट
इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बनाया है. सैटेलाइट की तस्वीरों से इन हमलों की तबाही का अंदाजा हो रहा है. यह कार्रवाई पश्चिमी एशिया के बदलते सियासी रूप को और उलझा सकती है.
परमाणु ठिकनों पर हमले की सटीक निशानों की वजह से दुनिया भर की निगाहें ईरान की तरफ हैं. इजराइल का हर हमला ईरान की परमाणु ताकत, मिसाइल बनाने की क्षमता को कम करना है.
बता दें कि नातांज को ईरान का ‘परमाणु रत्न’ कहा जाता है, जहां 50,000 से अधिक सेंट्रिफ्यूज यूरेनियम को मजबूत करने का काम करते हैं. इसे आधिकारिक तौर पर शहीद अहमदी रोशन परमाणु केंद्र कहा जाता है. यहां पर ज़्यादातर मशीनें जमीन के नीचे बनी हैं. सैटेलाइट की तस्वीरों में हमले से पहले और बाद की हालत साफ दिखाई दे रहें है.
इसफहान में साल 1984 से चीनी मदद से बना परमाणु रिसर्च सेंटर है, जो ईरान का सबसे बड़ा रिसर्च ठिकाना है. इसफहान यूनिवर्सिटी में करीब तीन हजार वैज्ञानिक काम करते हैं. मिली जानकारी के मुताबिक, चार अहम रिसर्च इमारतों को हाल के हमले में नुकसान हुआ है.
तेहरान से सिर्फ 160 किलोमीटर दूर, पहाड़ों में बने फोर्डो को ईरान का सबसे मजबूत परमाणु स्थान माना जाता है. यहां एक हजार से अधिक तेज सेंट्रिफ्यूज हैं, जो यूरेनियम को 60% तक मजबूत कर सकते हैं. इसे हवाई हमलों से बचाने के लिए खास तौर से डिजाइन किया गया है.
वहीं ईरान के दूसरे सबसे व्यस्त हवाई अड्डे और एक प्रमुख सैन्य केंद्र के रूप में मशहद लंबी दूरी के वायु सेना मिशनों को करने में सक्षम है. इजराइल से 2,300 किमी दूर स्थित यहां पर हमला ट्यूनिस में पीएलओ पर 1985 की ऐतिहासिक इजराइली बमबारी की याद दिलाता है. यह इजराइल का अब तक का सबसे दूरगामी सैन्य अभियान था.

