अगर आपके पास भी दोपहिया वाहन है और आप रोजाना नेशनल हाइवे से आना जाना करते हैं तो ये खबर आपके लिए बड़े काम की है। जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रीय राजमार्ग के टोल पर अब दोपहिया वाहनों को भी टैक्स देना होगा।

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ये नियम 15 जुलाई से लागू होगा।

दोपहिया वाहनों के देना होगा टोल टैक्स

दरअसल, आप जब भी दोपहिया वाहन खरीदते हैं तो उसी दौरान टोल टैक्स को वसूल लिया जाता है। ऐसे में जब भी वे नेशनल हाइवे पर टोल प्लाजा से गुजरते हैं तो टोल नहीं देना पड़ता। राष्ट्रीय राजमार्ग पर केवल चार पहिया या उससे ऊपर के वाहन से टोल टैक्स को वसूला जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।

FASTag से देना होगा टोल टैक्स

अभी तक दोपहिया वाहनों को टोल टैक्स से छूट मिली हुई थी, लेकिन अब यह नियम बदलने जा रहा है।

अब टू व्हीलर्स से भी वसूला जाएगा टोल टैक्स NHAI के नए प्रावधानों के अनुसार, अब दोपहिया वाहनों को भी नेशनल हाईवे पर चलने के लिए टोल टैक्स देना होगा, और यह भुगतान फास्टैग (FASTag) के माध्यम से करना अनिवार्य होगा। दोपहिया वाहन चालकों को अब हर उस टोल प्लाजा पर टोल देना होगा, जहां नियम लागू होंगे।

क्यों नहीं देना पड़ता था पहले टोल? अब तक जब कोई नया टू व्हीलर खरीदा जाता था, तो उसके पंजीकरण (registration) के समय ही टोल टैक्स की अनुमानित राशि एकमुश्त वसूल ली जाती थी। इसी वजह से टोल प्लाजा पर इन्हें अलग से शुल्क नहीं देना पड़ता था। लेकिन अब केंद्र सरकार ने इस पुराने प्रावधान को समाप्त करते हुए सीधे टोल प्लाजा पर शुल्क वसूलने का निर्णय लिया है।

फास्टैग हुआ अनिवार्य, उल्लंघन पर ₹2000 तक जुर्माना नए नियमों के तहत, हर दोपहिया वाहन को FASTag लगाना अनिवार्य होगा। जो वाहन चालक टोल चुकाने से बचने की कोशिश करेंगे, या फास्टैग का उपयोग नहीं करेंगे, उन्हें ₹2,000 तक का जुर्माना देना पड़ सकता है।

अब तक किन्हें देना पड़ता था टोल? वर्तमान में, टोल टैक्स केवल चार पहिया या उससे बड़े वाहनों से लिया जाता है। लेकिन अब इस नियम के दायरे में सभी दोपहिया वाहन भी शामिल होंगे। यानी मोटरसाइकिल, स्कूटर, एक्टिवा जैसे सभी वाहन अब टोल शुल्क के दायरे में आ जाएंगे।

दोपहिया चालकों को क्या करना चाहिए? -15 जुलाई 2025 से पहले FASTag जरूर लगवाएं। -राष्ट्रीय राजमार्गों पर यात्रा करते समय पर्याप्त बैलेंस रखें। -टोल प्लाजा से गुजरते समय फास्टैग स्कैन कराएं, नहीं तो दंड लगेगा।

यह कदम सरकार द्वारा राजस्व बढ़ाने और सभी वाहनों के लिए एक समान टोल व्यवस्था लागू करने की दिशा में उठाया गया है। हालांकि इससे दोपहिया वाहन चालकों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ेगा, लेकिन सरकार का मानना है कि इससे टोल वसूली प्रणाली और अधिक पारदर्शी व डिजिटल बनेगी।


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