
उन्होंने बताया कि मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों को देखते हुए यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानकर यह निर्णय लिया गया है।


यह कदम श्रद्धालुओं की जानमाल की रक्षा के लिए उठाया गया है, ताकि मार्गों पर फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा सके किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके। राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश के कारण सड़कों पर भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। इस स्थिति में यात्रा को जारी रखना जोखिम भरा हो सकता है।
आयुक्त ने बताया कि प्रशासन ने सभी संबंधित जिलों को हाई अलर्ट पर रखा है राहत एवं बचाव दलों को सक्रिय कर दिया गया है। ये दल किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। साथ ही, यात्रियों से अपील की गई है कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करें मौसम सामान्य होने तक यात्रा स्थलों की ओर प्रस्थान न करें।
पांडेय ने आगे बताया कि चारधाम यात्रा को दोबारा शुरू करने का निर्णय मौसम की स्थिति सड़कों की सुरक्षा की समीक्षा के बाद लिया जाएगा। इसके लिए प्रशासन कल दोबारा स्थिति का आकलन करेगा। उन्होंने श्रद्धालुओं से धैर्य बनाए रखने स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग करने की अपील की।
रविवार को उत्तरकाशी के बड़कोट तहसील में सुबह बादल फटने की घटना के बाद कई श्रमिक लापता हो गए हैं। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर दुख जताया उन्होंने सभी लोगों के कुशल होने की कामना की। यमुनोत्री हाईवे पर सिलाई बैंड में अतिवृष्टि से लेबर कैंप में भारी लैंडस्लाइड हुई है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ व पुलिस राहत-बचाव में जुटे हैं। यात्रियों से अनुरोध है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रुकें।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने रविवार सोमवार दोनों के लिए पहाड़ी राज्य के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इसमें कई अलग-अलग स्थानों पर गरज बिजली के साथ भारी से बेहद भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
–आईएएनएस
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