ईरान और इजरायल के बीच पिछले महीने छिड़े 12 दिन के भीषण संघर्ष को लेकर एक नया और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब इजरायल ने तेहरान पर सीधा हमला बोला था, उसी दौरान एक इजरायली F-15 फाइटर जेट हवा में अचानक तकनीकी दिक्कत का शिकार हो गया था.

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विमान ईरानी सीमा के भीतर गहराई तक पहुंच चुका था, और तभी उसके फ्यूल टैंक में खराबी का पता चला.

इजरायली चैनल 12 की रिपोर्ट में इस घटना को बेहद गंभीर बताया गया है, जो अगर कुछ मिनटों के भीतर कंट्रोल में न आती, तो एक बड़ा कूटनीतिक संकट पैदा हो सकता था.

मिशन पर नहीं था टैंकर विमान, बढ़ गई टेंशन

इस मिशन में भेजे गए फाइटर जेट्स के साथ कोई एयरबोर्न रिफ्यूलिंग टैंकर नहीं था. यानी अगर कोई तकनीकी समस्या आती, तो उसे हल करने के लिए दूसरा टैंकर प्लेन भेजने के अलावा कोई विकल्प नहीं था.

ठीक ऐसा ही हुआ. जैसे ही ग्राउंड टीम को गड़बड़ी की सूचना मिली, आनन-फानन में एक फ्यूल टैंकर को उस दिशा में रवाना किया गया. रिपोर्ट के मुताबिक, स्थिति इतनी गंभीर थी कि पायलट के पास दो ही विकल्प थे-या तो वो हवा में ही ईंधन भरवा ले, या फिर पड़ोसी किसी देश की सीमा में घुसकर इमरजेंसी लैंडिंग करे.

किस देश में उतरने की थी तैयारी, नाम नहीं बताया गया

इजरायली रिपोर्ट्स में इस बात का खुलासा नहीं किया गया कि इमरजेंसी लैंडिंग के लिए किस पड़ोसी देश को चुना गया था. लेकिन इतना जरूर कहा गया कि ‘प्लान B’ पूरी तरह एक्टिव कर दिया गया था, और किसी भी स्थिति के लिए वॉर रूम अलर्ट पर था. हालांकि राहत की बात ये रही कि रिफ्यूलिंग टैंकर समय पर फाइटर जेट तक पहुंच गया और पायलट को न तो मिशन छोड़ना पड़ा और न ही सीमा पार आपात लैंडिंग करनी पड़ी.

ईरान का दावा झूठा, एक भी इजरायली विमान नहीं गिरा

गौर करने वाली बात यह भी है कि ईरान के सरकारी मीडिया ने युद्ध के दौरान दावा किया था कि उन्होंने दो इजरायली फाइटर जेट्स को मार गिराया है और एक पायलट को जिंदा पकड़ा गया है. लेकिन इजरायली चैनल 12 की रिपोर्ट इस दावे को पूरी तरह खारिज करती है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि पूरे 12 दिन के ऑपरेशन के दौरान इजरायल का कोई भी लड़ाकू विमान नष्ट नहीं हुआ. हालांकि, हमले से पहले यानी 13 जून को, इजरायली वायुसेना के एक सीनियर कमांडर ने आंतरिक मंच पर यह आशंका जताई थी कि शुरुआती 72 घंटों में 10 तक इजरायली विमान गिर सकते हैं.

तथ्य से तय है कि कितना टेंशन में था मिशन

इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि इजरायली ऑपरेशन कितना हाई रिस्क था और कैसे हर सेकेंड की कीमत जान जोखिम में डाल रही थी. अगर उस वक्त टैंकर समय पर न पहुंचता, तो इजरायली सेना को एक बहुत बड़ी रणनीतिक और कूटनीतिक मुश्किल का सामना करना पड़ सकता था.

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ईरान और इजरायल के बीच पिछले महीने छिड़े 12 दिन के भीषण संघर्ष को लेकर एक नया और चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है. इजरायली मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जब इजरायल ने तेहरान पर सीधा हमला बोला था, उसी दौरान एक इजरायली F-15 फाइटर जेट हवा में अचानक तकनीकी दिक्कत का शिकार हो गया था. विमान ईरानी सीमा के भीतर गहराई तक पहुंच चुका था, और तभी उसके फ्यूल टैंक में खराबी का पता चला.

मिशन पर नहीं था टैंकर विमान, बढ़ गई टेंशन


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