उत्तराखंड में विकास और विश्वास का संगम: धामी सरकार का ‘एक लाख करोड़ ग्राउंडिंग’ उत्सव और आध्यात्मिक सौहार्द की यात्रा नानकमत्ता साहिब में मुख्यमंत्री की श्रद्धा यात्रा – विकास के साथ आध्यात्मिक संतुलन

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रुद्रपुर, 18 जुलाई 2025उत्तराखंड में इन दिनों केवल विकास की गूंज नहीं है, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक एकता का संदेश भी प्रतिध्वनित हो रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अगुवाई में प्रदेश सरकार ने एक ऐसा ऐतिहासिक अध्याय लिखा है, जो निवेश, रोजगार, सांस्कृतिक समरसता और धार्मिक पर्यटन जैसे सभी आयामों को जोड़कर राज्य को प्रगति की ओर ले जा रहा है। इसी क्रम में शनिवार, 19 जुलाई को रुद्रपुर में “उत्तराखंड निवेश उत्सव” का आयोजन किया जा रहा है, जिसकी अध्यक्षता देश के केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह करेंगे।सेदेश में पहली बार निवेश की ग्राउंडिंग का उत्सव?उत्तराखंड की धरती एक ऐतिहासिक अवसर की साक्षी बनने जा रही है, जब पहली बार किसी राज्य सरकार द्वारा “वास्तविक निवेश की स्थिति” को जनता के सामने उत्सवपूर्वक प्रस्तुत किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद रुद्रपुर पहुंचकर कार्यक्रम स्थल – स्पोर्ट्स स्टेडियम – का निरीक्षण किया और अधिकारियों को हर व्यवस्था समयबद्ध रूप से पूरा करने के निर्देश दिए।

धामी ने कहा, “यह कार्यक्रम प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तराखंड की संभावनाओं और संकल्पों की सार्वजनिक अभिव्यक्ति है।”

मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि दिसंबर 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में कुल 1779 एमओयू साइन हुए थे, जिनका कुल मूल्य ₹3.57 लाख करोड़ था। अब तक उनमें से ₹1 लाख करोड़ के निवेश धरातल पर उतर चुके हैं, जो अपने आप में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इसी मील के पत्थर को “उत्तराखंड निवेश उत्सव” के रूप में मनाया जा रहा है।

आंकड़ों में उत्तराखंड की नई तस्वीर

मुख्यमंत्री द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार:यह निवेश न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देगा, बल्कि लगभग 81,000 से अधिक रोजगार के अवसर भी सृजि करेगा।

सिडकुल की भूमिका और मुख्यमंत्री के अनुसार उत्तराखंड अब निवेशकों की पहली पसंद बनकर उभर रहा है—जहां आधारभूत संरचना सुदृढ़ है, वातावरण शांत है और सरकार तत्पर है।

गृहमंत्री की विशेष उपस्थिति और सामाजिक प्रतिनिधित्व?केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे और प्रदेश में उद्योगों के शिलान्यास व लोकार्पण भी करेंगे।

इस आयोजन में जनपद के जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ पूरे राज्य से उद्योग जगत की प्रतिष्ठित हस्तियां भी मौजूद रहेंगी।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक शिव अरोरा, महापौर विकास शर्मा, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला सहित राज्य के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी भी कार्यक्रम को दिशा देंगे।

नानकमत्ता साहिब में मुख्यमंत्री की श्रद्धा यात्रा – विकास के साथ आध्यात्मिक संतुलन?जहां एक ओर धामी सरकार उद्योग व निवेश को उत्तराखंड की नई पहचान बना रही है, वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने रुद्रपुर दौरे के दौरान नानकमत्ता साहिब गुरुद्वारे जाकर मत्था टेककर प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना कर सामाजिक और धार्मिक सौहार्द का संदेश भी दिया।

गुरुद्वारे में शांत वातावरण में समय बिताने के बाद उन्होंने बच्चों से आत्मीय मुलाकात की, उन्हें स्नेह और प्रेरणा दी। मुख्यमंत्री ने नानकमत्ता को “सेवा, करुणा और समानता का प्रतीक” बताते हुए धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से इसके महत्व को रेखांकित किया।

सांस्कृतिक सौहार्द की मिसाल

मुख्यमंत्री का यह दौरा उत्तराखंड में केवल उद्योग और निवेश की ही नहीं, बल्कि मानवीय और आध्यात्मिक मूल्यों की पुनर्स्थापना का भी प्रतीक बन गया है। मुख्यमंत्री द्वारा हरेला पर्व की शुभकामनाओं के साथ “हरित, स्वच्छ और विकसित उत्तराखंड” के संकल्प को दोहराना यह दर्शाता है कि राज्य सरकार पर्यावरण, संस्कृति और आस्था को भी विकास के साथ जोड़कर चल रही है।गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने मुख्यमंत्री का पारंपरिक सम्मान करते हुए उन्हें अंगवस्त्र भेंट किया। इस दौरान स्थानीय प्रशासन, जनप्रतिनिधि और धार्मिक पदाधिकारी भी मौजूद रहे।

समग्र दृष्टिकोण: निवेश और नैतिकता का संतुलन?इस एक दिन के भीतर राज्य ने दो बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश दिए:विकास का उत्सव – उत्तराखंड अब उन राज्यों में शामिल हो गया है जहाँ निवेश केवल कागज़ी नहीं, बल्कि ज़मीनी हकीकत बन चुका है।आस्था और संस्कृति का सम्मान – एक मुख्यमंत्री जो निवेश को बढ़ावा दे रहा है, वही समाज के आध्यात्मिक पक्ष को भी समान रूप से महत्व दे रहा है।यह संतुलन ही धामी सरकार की सबसे बड़ी राजनीतिक पूंजी बनती जा रही है। उत्तराखंड अब न केवल निवेशकों, बल्कि आस्थावानों और पर्यटकों के लिए भी विश्वास का प्रदेश” बनकर उभर रहा है।

टिप्पणी,संवाददाता संपादक हिंदुस्तान ग्लोबल टाइल्स अवतार सिंह बिष्ट उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी

रुद्रपुर में होने जा रहा यह आयोजन न केवल आर्थिक दृष्टि से ऐतिहासिक है, बल्कि यह एक सांस्कृतिक-आध्यात्मिक अध्याय भी लिखता है। यदि इसी प्रकार योजनाओं की ग्राउंडिंग होती रही और शासन-संवेदना का संतुलन बना रहा, तो नया उत्तराखंड” वास्तव में राष्ट्र के लिए एक आदर्श राज्य बन सकता है।



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