
गनीमत यह रही की हाथी पंडाल के अंदर नहीं घुसा अन्यथा कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था।


सूचना पर तत्काल वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और उन्होंने पंडाल को खाली कराया। साथ ही कांवड़ियों को वन क्षेत्र में ना रुकने की हिदायत दी। वहीं पुलिस ने भी मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालते हुए मार्ग पर बन रही जाम की स्थिति को संभाला और वाहनों को बिना रुके रवाना करवाया।
मंदिर के पीछे जंगल से सड़क पार करने के लिए निकल रहे थे हाथी
शनिवार रात्रि करीब 8:30 बजे एक नर व मादा हाथी अपने शिशु के साथ मणी माई मंदिर के पीछे जंगल से सड़क पार करने के लिए जंगल के किनारे पहुंचे थे। तभी वहां चल रहे कांवड़ियों के भंडारे में तेज आवाज साउंड सिस्टम व लोगों के शोर और हल्ला मचने के चलते हाथी क्रोधित होकर चिंघाड़ने लगे। वहीं कांवड़िये हाथियों को चिढ़ाते हुए उनकी वीडियो बनाने लगे। जिस पर हाथी ने क्रोधित होकर वहां खड़ी कांवड़ियों की ट्रॉलियों को पलट दिया। जिस पर पंडाल में मौजूद कांवड़ियों मे भगदड़ मच गयी।
पंडाल को वन विभाग की टीम ने कराया खाली
सूचना पर तत्काल वन विभाग के दरोगा पूरन सिंह रावत के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और उन्होंने पंडाल को खाली कराया। साथ ही रात्रि में गस्त कर हाथियों को सुरक्षित जंगल की ओर बम पटाखे बजाकर खदेड़ दिया। जिसके चलते कोई बड़ी घटना नही घटी।
लच्छीवाला टोल प्लाजा के सुपरवाइजर राकेश नौटियाल व अरुण ने बताया कि यदि समय रहते हाथी वन क्षेत्र में नहीं जाते और पंडाल में घुस जाते तो बड़ा हादसा हो सकता था। हाथी के आने के समय पंडाल में सैकड़ों लोग मौजूद थे।
वन्यजीवों के एकांत में खलल पड़ ना जाए भारी
लच्छीवाला वन क्षेत्र में जिस जगह पर तेज साउंड सिस्टम के साथ यह भंडारा लगाया गया है। वहां पर हाथी कॉरिडोर है और हाथी जंगल में एक सिरे से निकलकर दूसरे सिरे तक जाते है। परंतु दिन के साथ ही अब रात्रि को भी तेज आवाज व छेड़छाड़ वन्य जीवों को परेशान करती है। जिससे कि वह क्रोधित होकर कोई भी बड़ी घटना को अंजाम दे सकते है। जैसा कि शनिवार को देखने को मिला।

