
रुद्रपुर, उत्तराखंड उत्तराखंड के प्रवेश द्वार पर पारदर्शिता की परीक्षा
कल, 21 जुलाई को नगर निगम रुद्रपुर में विभिन्न निर्माण कार्यों से संबंधित टेंडरों की प्रक्रिया आयोजित की जाएगी। कुल 52 कार्यों से संबंधित यह प्रक्रिया न केवल प्रशासनिक स्तर पर महत्वपूर्ण है, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी बेहद संवेदनशील मानी जा रही है।
टेंडर लिस्ट में कौन-कौन से काम?
नगर निगम की ओर से प्रकाशित सूची में शामिल कार्यों में मुख्यतः निम्न शामिल हैं:


- सड़कों की मरम्मत और डामरीकरण
- नालियों का निर्माण एवं जीर्णोद्धार
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वार्ड स्तर पर इंटरलॉकिंग टाइल्स
- सौंदर्यीकरण एवं पार्क विकास कार्य
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सार्वजनिक शौचालयों की मरम्मत और नई यूनिट्स का निर्माण
- विद्युत पोल शिफ्टिंग, स्ट्रीट लाइटें
सूची में लगभग हर वार्ड को किसी न किसी रूप में शामिल किया गया है।
सवाल उठते हैं — क्या यह प्रक्रिया पारदर्शी होगी?जनता और स्थानीय पार्षदों में यह चर्चा ज़ोर पकड़ रही है कि क्या यह टेंडर प्रक्रिया वास्तव में निष्पक्ष और पारदर्शी होगी, या फिर यह पूर्व-निर्धारित “प्रदर्शनी” मात्र होगी? पिछली टेंडर प्रक्रियाओं में “एक ही ठेकेदार को कई काम”, “बिना रेट कॉम्पिटिशन के स्वीकृति”, और “बिना स्थल निरीक्षण के अनुमोदन” जैसे आरोप लगे थे।
मुख्य संदेह इस पर भी है कि –क्या बोली लगाने वाली फर्मों को बराबरी का मौका मिलेगा?क्या जनता और मीडिया को टेंडर प्रक्रिया देखने की अनुमति होगी?क्या चुनी गई एजेंसियों का तकनीकी मूल्यांकन निष्पक्ष होगा?
जनमानस की प्रतिक्रिया:. अशोक वर्मा (स्थानीय व्यवसायी):हर बार पहले से फिक्स कर लेते हैं टेंडर। जनता को मूर्ख बनाया जाता है।”. रजनी रावत ,हम मांग करते हैं कि पूरी प्रक्रिया का सीधा प्रसारण नगर निगम के सोशल मीडिया पर हो।”
. अनवर खान (RTI कार्यकर्ता):
हम इस बार RTI डालकर सारी प्रक्रिया की कॉपी और रिकॉर्ड मांगेंगे।”
. मीना अग्रवाल (सामाजिक कार्यकर्ता):
नगर निगम को यह साबित करना होगा कि लोकतंत्र में जनता सर्वोपरि है – सिर्फ विज्ञापन नहीं, व्यवहार चाहिए।”
हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स की विशेष पहल:
हम इस टेंडर प्रक्रिया की पल-पल की अपडेट जनता तक पहुंचाएंगे।
टेंडर रूम से लाइव रिपोर्टिंग
- पार्षदों की प्रतिक्रियाएं
- चयनित फर्मों की प्रोफाइलिंग
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नागरिकों की शंकाओं पर फॉलोअप रिपोर्ट नगर निगम रुद्रपुर के ये 52 कार्य सिर्फ निर्माण नहीं हैं, यह लोकतंत्र, पारदर्शिता और जवाबदेही की नींव भी हैं। हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स इसे सिर्फ खबर नहीं, बल्कि जन-सरोकार का मामला मानता है।

