अलार्म:ऑपरेशन कनाडा: रुद्रपुर से चला फर्जी पासपोर्ट-वीज़ा रैकेट

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रुद्रपुर। इमीग्रेशन की आड़ में चल रहे एक बड़े फर्जीवाड़े का सनसनीखेज़ खुलासा हुआ है। मामला ऐसा है जिसमें पंजाब निवासी एक युवक के असली पासपोर्ट और वीज़ा का इस्तेमाल कर बिलासपुर निवासी युवक कनाडा पहुँच गया।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर (उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी)

सूत्रों के मुताबिक, इस गोरखधंधे के लिए करीब 20 लाख रुपये की भारी रकम दलालों ने वसूली। हैरानी की बात यह है कि असली पासपोर्ट धारक को जब भनक लगी तो उसे भी “चुप कराने” के लिए करीब 10 लाख रुपये का सौदा कर दिया गया।

कहाँ से चल रहा है पूरा नेटवर्क?जानकारी के अनुसार यह पूरा नेटवर्क रुद्रपुर के काशीपुर बाईपास स्थित आशीर्वाद कॉम्प्लेक्स की प्रथम मंजिल से संचालित होता है, जहां MOVE OVERSEAS और CAPART OVERSEAS नाम की एजेंसियाँ लंबे समय से सक्रिय बताई जा रही हैं।

कैसे हुआ खेल?पंजाब निवासी असली पासपोर्ट धारक के पास वैध कनाडा वीज़ा लगा हुआ था।

  • बिलासपुर (रामपुर) निवासी युवक ने दलालों के माध्यम से उन्हीं दस्तावेज़ों का इस्तेमाल कर कनाडा की यात्रा कर डाली।
  • पूरा सौदा 20 लाख रुपये में तय हुआ।
  • असली पासपोर्ट धारक के सामने मामला खुलने पर उसे “सेट” करने के लिए 10 लाख रुपये की पेशकश की गई।

अब तक का असर?यह खुलासा न केवल पंजाब पुलिस, बल्कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस प्रशासन के लिए भी एक बड़ा झटका है। सवाल यह है कि इतनी सख्त जांच-व्यवस्था के बावजूद हवाई अड्डों से लेकर इमीग्रेशन काउंटर तक किसी को यह गोरखधंधा क्यों नहीं दिखा?

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि रुद्रपुर से ही ऐसे “इमीग्रेशन रैकेट” संचालित हो रहे हैं तो न केवल प्रदेश, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय छवि पर बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा हो जाता है।

जांच की माँग,शहर के बुद्धिजीवी और व्यापारी वर्ग ने मांग उठाई है कि —

  • इस पूरे नेटवर्क की उच्च-स्तरीय जांच की जाए।
  • विदेश मंत्रालय और इमीग्रेशन विभाग को सीधे हस्तक्षेप करना चाहिए।
  • रुद्रपुर स्थित उक्त कॉम्प्लेक्स और प्रॉपर्टी प्रतिष्ठानों की गतिविधियों की गहराई से जांच हो।


  • ऑपरेशन कनाडा: रुद्रपुर से चला फर्जी पासपोर्ट-वीज़ा रैकेट
    20 लाख में बिके दस्तावेज़, 10 लाख में “चुप्पी” — पुलिस-इमीग्रेशन पर बड़े सवाल

    पहला पर्दाफाश
    यह कहानी सुनने में फिल्म जैसी लगेगी, लेकिन यह हकीकत है। पंजाब के एक युवक के पासपोर्ट और वैध कनाडा वीज़ा का इस्तेमाल कर, बिलासपुर का एक युवक कनाडा की धरती पर उतर चुका है। सौदा हुआ मोटे 20 लाख रुपये में और जब असली पासपोर्ट धारक को भनक लगी, तो उसे भी 10 लाख रुपये देकर चुप करने की कोशिश की गई।

    हमारे पास सबूत!
    इस रैकेट से जुड़े वे सब दस्तावेज़ और जानकारियाँ हमारे पास हैं —
    असली पासपोर्ट नंबर,
    बिलासपुर युवक का पूरा नाम-पता,
    सौदा कराने वाले दलालों के नाम और मोबाइल नंबर।
    मगर पारदर्शिता और सुरक्षा की दृष्टि से इन्हें सार्वजनिक नहीं किया जा रहा।

    कहाँ से ऑपरेट होता है “ऑपरेशन कनाडा”?
    सूत्र बताते हैं कि यह पूरा खेल रुद्रपुर के काशीपुर बाईपास स्थित एक बड़े कॉम्प्लेक्स की पहली मंजिल से चलता है। यहां ओवरसीज़ एजेंसियों की आड़ में युवाओं को सपने दिखाए जाते हैं और लाखों वसूले जाते हैं।
    इसी नेटवर्क की डोरें शहर के एक नामचीन प्रॉपर्टी प्रतिष्ठान से भी जुड़ी बताई जाती हैं।

    कैसे हुआ फर्जीवाड़ा?
    पंजाब निवासी युवक के पास पहले से वैध कनाडा वीज़ा था।
    दलालों ने उसी के दस्तावेज़ का इस्तेमाल कर बिलासपुर निवासी युवक को कनाडा भेज दिया।
    एयरपोर्ट और इमीग्रेशन जांच में यह खेल पकड़ में नहीं आया।
    असली पासपोर्ट धारक के सामने मामला खुलते ही उसे पैसे देकर चुप कराने की कोशिश हुई।

    सबसे बड़ा सवाल
    आखिर एयरपोर्ट और इमीग्रेशन जांच से यह गोरखधंधा कैसे पार हो गया?
    क्या इसमें भीतरघात और अधिकारियों की मिलीभगत है?
    अगर एक बार यह संभव है, तो कितने और फर्जी यात्री इसी रास्ते विदेश पहुँच चुके होंगे?

    राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा
    विशेषज्ञ मानते हैं कि यह सिर्फ आर्थिक अपराध नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर सीधा खतरा है।
    फर्जी पहचान पर विदेश यात्रा का मतलब है — कोई भी अपराधी, आतंकी या माफिया इस रास्ते से आसानी से देश छोड़ सकता है।

    लोगों की आवाज़
    स्थानीय नागरिकों ने इस पूरे प्रकरण पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उनका कहना है कि:
    रुद्रपुर से यदि ऐसे रैकेट चल रहे हैं तो यह पूरे देश के लिए अलार्म है।
    विदेश मंत्रालय और इमीग्रेशन विभाग को तत्काल जांच करनी चाहिए।
    कॉम्प्लेक्स और प्रॉपर्टी प्रतिष्ठानों की *

यह खबर प्रशासन के लिए सीधा अलार्म है कि पासपोर्ट-वीज़ा रैकेट अब छोटे शहरों से भी बड़े पैमाने पर संचालित हो रहे हैं। यदि इस पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले समय में यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकता है।

क्रमशः…………………………………..



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