✍️ संपादकीय :सिडकुल गणपति महोत्सव – 14वाँ वर्ष : उद्योगों की आस्था और एकता का पर्व”

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पंतनगर रुद्रपुर,सिडकुल की औद्योगिक नगरी केवल मशीनों की आवाज़ और उत्पादन की गति से ही जीवंत नहीं होती, बल्कि यहाँ के लोग अपनी परंपराओं, संस्कृति और आस्था के प्रति गहरे जुड़ाव के कारण भी प्रेरणादायी मिसाल पेश करते हैं। इसी का प्रतीक है सिडकुल गणपति महोत्सव, जो इस वर्ष अपने 14वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर (अध्यक्ष,उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद उत्तराखंड)

लगातार 13 वर्षों की सफलता के बाद भी इस उत्सव का जोश, भक्ति और एकता की भावना कम नहीं हुई है, बल्कि हर साल यह और भी विराट रूप लेता जा रहा है। यह आयोजन केवल धार्मिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि सिडकुल परिवार की एकता और सामाजिक सौहार्द का उत्सव है।

इस महोत्सव की सफलता का श्रेय उन समर्पित पदाधिकारियों और कार्यकारिणी सदस्यों को जाता है, जिन्होंने निस्वार्थ भाव से इसकी परंपरा को जीवित रखा है। टाटा मोटर्स के प्लांट हेड श्री महेश सुगुरु जी के नेतृत्व और बजाज ऑटो के प्लांट हेड श्री अरुण टोंक जी के सक्रिय सहयोग से यह आयोजन हर वर्ष और भी भव्य रूप में सामने आता है। इनके साथ-साथ आयोजन समिति के सभी पदाधिकारी और कार्यकारी सदस्य अपने अथक प्रयासों से उद्योग क्षेत्र की व्यस्त दिनचर्या के बीच भी संस्कृति और भक्ति को सर्वोपरि रखते हैं।

27 अगस्त की शोभायात्रा सिडकुल की सड़कों को श्रद्धा और रंगों से सराबोर कर देगी।
वहीं 31 अगस्त को होने वाला गणपति विसर्जन पूरे परिवार के साथ मिलकर आस्था और उत्सव का चरम बिंदु बनेगा।

विशेष बात यह है कि रविवार को आयोजित होने वाले इस विसर्जन कार्यक्रम में प्रत्येक परिवार को शामिल होने का आमंत्रण है, जिससे यह महोत्सव केवल कर्मचारियों का नहीं, बल्कि उनके परिवारों का भी साझा पर्व बन जाएगा।

गणपति बप्पा की स्तुति, नृत्य-गीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ न केवल मनोरंजन का साधन बनती हैं, बल्कि यह इस बात का प्रमाण भी हैं कि उद्योग और संस्कृति का संगम समाज को मजबूती देता है। यह आयोजन साबित करता है कि जहाँ परिश्रम और उत्पादन की गूंज होती है, वहीं श्रद्धा और संस्कृति की ध्वनि भी उतनी ही गहरी सुनाई देती है।

अंततः, जब सभी मिलकर गाते और कहते हैं—गणपति बप्पा मोरया! अगले बरस तू जल्दी आ!”तो यह केवल नारा नहीं, बल्कि पूरे सिडकुल परिवार की एकात्मता और भविष्य की आशाओं का उद्घोष बन जाता है।

संपादकीय एवं उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद की ओर से हम सभी पदाधिकारियों, कार्यकारिणी सदस्यों और प्रतिभागियों को हृदय से साधुवाद देते हैं कि उन्होंने औद्योगिक जीवन में भी भक्ति और संस्कृति की धारा को निरंतर प्रवाहित रखा है। यही सच्चा संदेश है कि जहाँ आस्था और एकता होती है, वहीं सफलता और समृद्धि स्वतः आती है।

सिडकुल परिवार हर्षपूर्वक आपको आमंत्रित करता है कि आप अपने परिवार सहित 27 अगस्त की शोभायात्रा एवं 31 अगस्त (रविवार) के गणपति विसर्जन कार्यक्रम में सादर उपस्थित हों।
आपकी उपस्थिति से यह आयोजन और भी भव्य एवं अविस्मरणीय बनेगा।
सभी पदाधिकारियों एवं कार्यकारिणी की ओर से आप सभी का हृदय से आभार और अनुरोध है कि इस बरस आप अवश्य पधारें और गणपति बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त करें।
– सिडकुल गणपति महोत्सव समिति



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