शहरों में पानी का कनेक्शन लेना अब सस्ता होने जा रहा है। जिस कनेक्शन के जल संस्थान अभी तक पांच हजार रुपये प्रति परिवार ले रहा है, उसके रेट घटा कर 500 और 1000 रुपये किया जाएगा।
राज्य में अभी तक एक सामान्य घर के पानी के कनेक्शन के नाम पर पांच हजार रुपये विकास शुल्क लिया जाता है।
इस शुल्क के कारण बड़ी संख्या में लोगों ने चोरी छिपे ही कनेक्शन कराए हुए हैं। खासतौर पर मलिन बस्ती क्षेत्रों में लोग पानी का कनेक्शन लेने से बच रहे हैं। कहीं स्टैंड पोस्ट से ही काम चलाया जा रहा है। तो कहीं चोरी के जरिए पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
जिन क्षेत्रों में ग्राउंड वॉटर की स्थिति बेहतर है, वहां निजी बोरिंग कर काम चलाया जा रहा है।
यूएसनगर में बड़ी संख्या में निजी बोरिंग हैं। जल निगम की ओर से जो पेयजल योजनाएं तैयार की गई हैं, उनसे कनेक्शन लेने को लोग तैयार ही नहीं हैं। इस पर जल संस्थान की ओर से कनेक्शन शुल्क लिए जाने की व्यवस्था में बदलाव किया जा रहा है। जिन क्षेत्रों में अमृत योजना समेत अन्य केंद्रीय योजनाओं के जरिए लाइनें बिछाने का काम हुआ है, वहां लोगों से 500 रुपये प्रति कनेक्शन लिया जाएगा। जहां सीधे घरों तक पेयजल लाइनें बिछाने का काम नहीं हुआ है, वहां एक हजार रुपये कनेक्शन चार्ज लिया जाएगा।
गांव में सिर्फ एक रुपये में कनेक्शन
जल जीवन मिशन के तहत राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में पानी का कनेक्शन सिर्फ एक रुपये में दिया जा रहा है। जल जीवन मिशन का काम सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में ही हो रहा है। गांवों से बाहर पूरा शुल्क लिया जा रहा था, जो अब कम होगा।
वित्त ने आने वाले वित्तीय भार पर उठाए सवाल
जल संस्थान के प्रस्ताव पर वित्त की ओर से सवाल भी उठाए गए थे। सवाल बढ़ने वाले वित्तीय भार को लेकर था। वित्त ने साफ किया कि बढ़ने वाले वित्तीय भार को सरकार वहन नहीं करेगी। अपने ही स्रोतों से भरपाई करनी होगी।
शहरों में पानी का कनेक्शन सिर्फ 500 रुपये में दिए जाने को लेकर प्रस्ताव बना कर शासन को भेज दिया गया है। इस नई व्यवस्था से अधिक से अधिक लोग पानी के कनेक्शन ले सकेंगे। अनियमित पानी के कनेक्शन नियमित कराने को लेकर लोग आगे आएंगे। ऐसे में राजस्व की भी वृद्धि होगी। पानी चोरी के मामले पूरी तरह समाप्त हो जाएंगे।
नीलिमा गर्ग, सीजीएम जल संस्थान